छठवां अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला, बौमा कॉनएक्सपो इंडिया 31 जनवरी से 3 फरवरी तक इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा में होगा आयोजीत

बौमा कॉनेक्सपो इंडिया के 2018 संस्करण से संलग्न चित्र

निर्माण उपकरण, भवन सामग्री निर्माण उपकरण, खनन उपकरण और निर्माण वाहनों के लिए व्यापार मेला – बौमा कॉनएक्सपो इंडिया 31 जनवरी से 3 फरवरी तक

भास्कर समाचार सेवा

ग्रेटर नोएडा। निर्माण उपकरण, भवन सामग्री निर्माण उपकरण, खनन उपकरण और निर्माण वाहनों के लिए आयोजित छठवां अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला, बौमा कॉनएक्सपो इंडिया 2023, 31 जनवरी से 3 फरवरी, 2023 तक इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर नोएडा / दिल्ली एनसीआर इंडिया में होने जा रहा है। निर्माण तथा इससे संबंधित उद्योग का यह सबसे बड़ा भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला ऐसे समय में आयोजित होने जा रहा है जब भारत अपने बुनियादी ढांचे में सुधार करने हेतु 2025 तक 1.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक खर्च करने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है ताकि वह 2023 तक अपनी अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुचानें का लक्ष्य प्राप्त कर सके। शहरी आवास और बुनियादी ढांचे पर महत्वपूर्ण असर डालने वाला निर्माण उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए आधारशिला का काम कर रहा है। सरकार और कॉरपोरेट्स एक साथ बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश, नीति और संरचनात्मक परिवर्तनों द्वारा राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहयोग कर रहे हैं, जिस कारण निर्माण में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। भारत में निर्माण उद्योग बाजार 250 उप-क्षेत्रों में काम करता है, जो सभी एक-दुसरे से संबंधित हैं। उम्मीद है कि 2023 के अंत तक भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा निर्माण बाजार बन जायेगा और 2025 तक भारत में निर्माण उद्योग USD1.4 ट्रिलियन तक होगा, इतना ही नहीं 2030 तक भारत में रियल एस्टेट उद्योग के $1 ट्रिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। जिसका भारत की जीडीपी में 13% का योगदान रहेगा।

विकास चालक

निर्माण जगत में शहर भविष्य के विकास चालक हैं। आशा है कि 2030 तक हमारे देश की 40% से अधिक आबादी, शहरी भारत (वर्तमान 33%) में रहने लगेगी, जिससे लगभग 25 मिलियन ज्यादा मध्यम-वर्गीय और सस्ती इकाइयों की मांग पैदा होगी। अतः 2030 तक, शहरी आबादी सकल घरेलू उत्पाद में 75% तक का (63% वर्तमान) योगदान देगी और 68 शहरों की आबादी 1 मिलियन से अधिक हो जायेगी। इसी प्रकार, अधिक स्मार्ट शहरों द्वारा आधुनिक/प्रौद्योगिकी संचालित शहरी नियोजन के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता सुधरेगी। स्मार्ट सिटी मिशन (100 शहरों का लक्ष्य) जैसी क्रांतिकारी योजनाओं की मदद से आधुनिक/प्रौद्योगिकी संचालित शहरी नियोजन द्वारा जीवन की गुणवत्ता में सुधार करेंगें, जिससे एक बार फिर निर्माण की मांग को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, भारतीय निर्माण प्रौद्योगिकी क्षेत्र में एक नया दौर शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी (पीएमएवाई-यू) के प्रौद्योगिकी उप-मिशन के तहत 54 वैश्विक नवीन निर्माण तकनीकों को खोजा गया है, जो इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगें। इसके बाद, व्यावसायिक स्थान जैसे कार्यालय, होटल, परचून और मनोरंजन इकाइयों की बढ़ती मांग निर्माण उद्योग को आगे बढ़ाएगी। रिकॉर्ड की बात करें तो 2020 में भारत के 6 सबसे बड़े शहरों में नेट ऑफिस स्पेस 31 मिलियन वर्ग क्षेत्र दर्ज था। भारत में 11 नियोजित औद्योगिक गलियारे, सुपर डेटा सेंटर और कोल्ड स्टोरेज की श्रृंखला जैसी बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से अनजाने पैमाने पर निर्माण मशीनरी एवं प्रौद्योगिकी की मांग बढ़ेगी। इसी के साथ, 2025 तक प्रमुख शहरों में रियल एस्टेट की मांग भी 15-18 मिलियन वर्ग क्षेत्र तक बढ़ जायेगी।

निवेश प्रवाह

विश्व बैंक की एक नई रिपोर्ट का अनुमान है कि अगर भारत अपनी तेजी से बढ़ती शहरी आबादी की जरूरतों को प्रभावी ढंग से पूरा करना चाहता है तो उसे अगले 15 वर्षों में शहरी बुनियादी ढांचे में 840 अरब अमेरिकी डॉलर या प्रति वर्ष औसतन 55 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करने की आवश्यकता होगी। शहरी बुनियादी ढाँचे, परिवहन और जल आपूर्ति पर हुए खर्च की बदौलत कुल बुनियादी ढाँचा निवेश का वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 26 के बीच 11.4% की सीएजीआर से बढ़ने का अनुमान है। 11वीं योजना के 9% की तुलना में 10वीं पंचवर्षीय योजना में बुनियादी ढांचा निवेश जीडीपी का लगभग 5% था। मार्च 2021 में, संसद ने भारत में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण को पूरा करने के लिए नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (एनएबीएफआइडी) की स्थापना हेतु एक विधेयक पारित किया था।

बौमा कॉनएक्सपो इंडिया के लाभ

बौमा कॉनएक्सपो इंडिया 2023 का छठा संस्करण, भारत के लिए एक रोमांचक चरण लेकर आ रहा है। जिसके तहत यह निर्माण मशीनरी, भवन निर्माण सामग्री उपकरण, खनन उपकरण और निर्माण वाहनों के लिए 31 जनवरी से 3 फरवरी, 2023 तक ग्रेटर नोएडा/दिल्ली एनसीआर के इंडिया एक्सपो सेंटर में एक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला आयोजित करेगा। यह भव्य प्रदर्शनी व्यवसाय और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ाने के लिए निर्माण और बुनियादी ढांचा समुदाय के सबसे बड़े समूह को एक साथ एक मंच पर लाएगा। बौमा कॉनएक्सपो इंडिया के सीईओ भूपिंदर सिंह ने कहा कि “बौमा कॉनएक्सपो इंडिया 2023 कोविड के बाद भारत में निर्माण उद्योग पर आयोजित होने वाला पहला और सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय मेला होगा,जो भारतीय निर्माण मशीनरी उद्योग के लिए एक सबसे महत्वपूर्ण मिलन स्थल बनेगा। यह भारतीय बाजार के लिए अंतरराष्ट्रीय उद्यमों का प्रवेश द्वार साबित होगा।” श्री सिंह ने आगे कहा कि, “यह आयोजन बड़े निर्णय निर्माताओं के साथ बातचीत करने, वैश्विक संबंध बनाने और संभावित खरीदारों से मिलने का एक अच्छा मंच भी है। इसके अलावा, बौमा कॉनएक्सपो इंडिया में एक विक्रय फॉर्म भी है, जो एक ही जगह पर प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और खरीदारों को एक साथ लाने के लिए सशक्त मंच है।
बौमा कॉनएक्सपो इंडिया 2023, इस चार दिवसीय आयोजन के दौरान 20+ देशों के 600 से अधिक प्रौद्योगिकी आपूर्तिकर्ताओं को एक साथ लाएगा, 10,000+ उत्पादों और समाधानों का प्रदर्शन करेगा, और 60 देशों के 50,000 से अधिक आगंतुकों का ध्यान इस ओर खीचेंगा। अंत में, बौमा कॉनएक्सपो इंडिया 2023 का आयोजन सबसे सफल अंतर्राष्ट्रीय व्यापार-मेला आयोजकों- मेस मुन्चेन, म्यूनिख में बौमा के आयोजक, और लॉस वेगस में कॉनएक्सपो-कॉन/एजीजी के आयोजक एसोसिएशन ऑफ इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (एईएम) के सहयोग से किया जा रहा है।

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