सीतापुर में ध्वजारोहण के साथ हुआ 92वें वार्षिक अधिवेशन का शुभारंभ

नैमिषारण्यसीतापुर। पूज्य गुरुदेव भगवान ने हमेशा नैमिषारण्य तीर्थ की आध्यात्मिक ऊर्जा को जनकल्याण के रूप में जन जन तक प्रसारित करने का पुण्य कार्य किया है आज भी हमारा आश्रम उसी परम्परा के तहत गुरुदेव की शिक्षा को आधार मानकर आध्यात्मिक जनजागरण के लक्ष्य को साकार करने में समर्पित है। उपरोक्त बातें आज प्रसिद्ध स्वामी नारदानन्द आश्रम के 92वें वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर आश्रम पीठाधीश्वर जगदाचार्य स्वामी देवेन्द्रानन्द सरस्वती ने कही। आयोजन का शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ हुआ। इस दौरान जगदाचार्य स्वामी देवेन्द्रानन्द ने आश्रम संस्थापक स्वामी नारदानन्द के संस्मरण सुनाये व उन्ही की प्रेरणा के साथ ही ज्ञान व आध्यात्म की परंपरा के अनुरूप आश्रम के निरंगत गतिशील होने की बात कही। इस कड़ी में समिति के वरिष्ठ सदस्य व समाजसेवी मुनीन्द्र अवस्थी ने कहा कि आश्रम की व्यवस्था का संचालन संतों की कृपा के बिना संभव नहीं है।

मां ललिता की कृपा से सब सुचारु रूप से संचालित है और आगे भी सुचारू रूप से संचालित रहेगी, साथ ही उन्होंने आये हुये सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी वृंदावन धाम से पधारे कथा व्यास श्री अनूप ठाकुर द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराया जायेगा। कार्यक्रम में स्वामी शास्वतानंद, स्वामी प्रभु प्रेमानंद फर्रुखाबाद, एसआर सिंह, आरएन त्रिपाठी, स्वामी विद्यानन्द सरस्वती, समिति के उपाध्यक्ष ठाकुर शिवराज सिंह, मंत्री रामदास पाठक, वरिष्ठ शिक्षाविद रामचन्द्र पांडेय , शांतिदेव त्रिपाठी, प्रधान पति विनीत मिश्रा, राज नारायण पाण्डेय समेत बड़ी संख्या में साधु संत, ब्रह्मचारी व श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

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