UP के भदोही जिले से दो बार विधायक रह चुके BJP नेता डॉ. पूर्णमासी पंकज की सादगी एक मिसाल बनी हुई है। राजनीतिक रसूख के दौर में भी दोपहिए से चलने वाले डॉ पंकज के परिवार की आजीविका विधानसभा से मिलने वाली पेंशन और खेती से चलती है।
दिल्ली में मोदी और UP में योगी की सरकार होने के बाद भी पंकज गेहूं की कटाई और अरहर की मड़ाई भी करते हैं। तेज धूप में अरहर और गेहूं का बोझ ढोते पेशे से शिक्षक रहे पूर्व विधायक पंकज भदोही जिले के दुर्गागंज के गदौर गडोरा गांव के रहने वाले हैं।
PHD डिग्री धारक पंकज जब पहली बार विधायक चुने गए तो शिक्षक ही थे। एक ईमानदार विधायक की छवि रखने वाले पंकज साल 1991 में पहली बार भदोही से विधायक चुने गए। लेकिन दिसंबर 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद BJP सरकार गिर गई।
वहीं 1993 में एसपी-बीएसपी के गठबंधन में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि 1996 में दूसरी बार भदोही सुरक्षित से चुनावी मैदान में उतरे पंकज ने जीत दर्ज की। भदोही की जनता में बेहद लोकप्रिय रहे।
पार्टी नेतृत्व की उपेक्षा से बेहद दुखी पंकज ने कहा, ‘मैं संघ और पार्टी का सिपाही रहा हूं और अजीवन रहूंगा।’ पूर्व विधायक के पास आज एक भी चार पहिया गाड़ी नहीं है। दो साल पहले तक अपनी एलएमएल वेस्पा स्कूटर से चलते थे। भले ही अब उनके पास एक बाइक है लेकिन पहचान स्कूटर वाले विधायक के रूप में ही है।