● उत्सव की खुशियाँ मनाएं पर जरूरी सावधानी भी अपनाएँ
● स्थानीय उत्पादों को दें तरजीह, पटाखों से हर कोई रहे दूर
क़ुतुब अन्सारी
बहराइच। त्योहारों की खुशियाँ बरक़रार रखने के लिए जरूरी है कि हर कदम पर कोरोना को लेकर पूरी सावधानी बरतें ताकि उत्सव के साथ जीवन की रंगोली में कोरोना का रंग कतई न भरने पाए । इस दौरान बाजार में भीड़ लगाने से बचें, स्थानीय उत्पादों को तरजीह दें ताकि छोटे-छोटे कामगारों के जीवन को भी दीप पर्व के प्रकाश से जगमग किया जा सके । पटाखों की चंद सेकेण्ड की रोशनी और धमक पूरे जीवन को स्याह बना सकती है, इसलिए इस दीपावली घर-परिवार को पटाखों से दूर रखकर कोरोना से खुद को सुरक्षित बनाने के साथ ही दूसरों को भी सुरक्षित बनाने का नेक काम किया जा सकता है ।
खरीददारी को भींड़ भाँड़ वाली जगह पर जाने से बचें :
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश मोहन श्रीवास्तव ने त्योहारों के मौसम में लोगों को सतर्कता बरतने को लेकर कहा कि करवा चौथ, धनतेरस और दीपावली के साथ ही छठ पूजा की खरीददारी के लिए बाजार में अभी से अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है । ऐसे में यह कदापि नहीं भूलना है कि अभी कोरोना ख़त्म नहीं हुआ है, इसलिए इन प्रमुख पर्वों की खुशियाँ अनंत काल तक बरक़रार रखने के लिए उन जरूरी बातों का जरूर ख्याल रखें जो कोरोना से सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक हैं । बाजार में खरीददारी के वक्त मास्क से मुंह व नाक अच्छी तरह से ढककर रखना है, एक दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखना है, दुकान में प्रवेश करते वक्त और निकलते वक्त हाथों को अच्छी तरह सेनेटाइजर करना भी न भूलें ।
पीएम के ‘वोकल फॉर लोकल’ का है यह सही मौका :
इस माह पड़ने वाले अधिकतर त्योहार ऐसे हैं जिसमें पूजा-पाठ में इस्तेमाल होने वाली अधिकतर सामग्री हमारे पास-पड़ोस में ही छोटे-छोटे कामगारों द्वारा बनायी जाती हैं । दीपावली के दीप और मोमबत्ती बनाने में जुटीं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ीं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से इनकी खरीददारी करके घरों को जगमग करने के साथ ही उन महिलाओं के जीवन में भी दीपावली की रोशनी बिखेरी जा सकती है । विदेशी झालरों के स्थान पर स्थानीय दियों की रोशनी की चमक इस बार एक अलग ही ख़ुशी का एहसास कराएगी । कोरोना काल में लोगों के सामने रोजी-रोटी की दिक्कत को देखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा दिया था । उस नारे को सही साबित करने का यही सही मौका है । इसके अलावा स्थानीय कलाकारों द्वारा तैयार की जा रहीं लक्ष्मी-गणेश की आकर्षक मूर्तियों को तरजीह देना हम सभी का कर्तव्य भी बनता है ।
सेनेटाइजर लगे हाथों से पटाखों को भूलकर भी न छुएं :
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि कोरोना को देखते हुए वैसे तो इस बार पटाखों से घर-परिवार को दूर ही रखना है और यदि पटाखे जलाते ही हैं तो यह जरूर ध्यान रखें कि सेनेटाइजर लगे हाथों से कतई पटाखों को न छुएं क्योंकि सेनेटाइजर का अल्कोहल व अन्य केमिकल पटाखों के बारूद के संपर्क में आते ही उत्साह के रंग में भंग डाल सकता है । इसके अलावा पटाखों का धुंआ फेफड़ों को भी सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है । कोरोना वायरस भी फेफड़ों पर ही आक्रमण करता है, इसलिए फेफड़ों को सही-सलामत रखने के लिए जरूरी है कि इस बार पटाखों से दूर रहें ।
घर पर तरह-तरह की डिश बनाएं और परिवार संग आनंद लें :
तरह-तरह के पकवानों और मिठाइयों के लिए प्रसिद्ध इन त्योहारों पर इस बार कोरोना के संक्रमण को देखते हुए बाहर की सामग्री पर निर्भर न रहें बल्कि घर पर ही तरह-तरह के पकवान बनाएं और पूरे परिवार के साथ उसकी मिठास का आनंद उठायें । बाहर की मिठाइयाँ, नमकीन व अन्य फ़ास्ट फ़ूड न जाने कितने हाथों से होकर आपके अपनों तक पहुँचता है, ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है । इसलिए अगर घर का हर सदस्य अपनी पसंद का कोई एक-एक डिश भी तैयार करता है तो उसके स्वाद से त्योहार का आनद दोगुना हो जाएगा ।