ब्रिटेन में स्वाद से ज्यादा हेल्थ को अहमियत देने लगे लोग
-कैंसर और डायबिटीज के बढ़ते मामले देख छोड़ दिया नॉनवेज
नई दिल्ली (ईएमएस)। ब्रिटेन में नॉनवेज खाने वाले लोगों में कैंसर और डायबिटीज टाइप टू और दिल से संबंधित रोगों के बढ़ते मामलों को देखते हुए लोग अपने स्वाद से ज्यादा हेल्थ को अहमियत देने लगे हैं। यहां पिछले 10 सालों के दौरान वहां लगभग 20 प्रतिशत लोगों ने नॉनवेज खाना छोड़ दिया है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार लोगों ने हेल्दी रहने के लिए नॉनवेज खाना या तो कम कर दिया है या फिर बहुत कम कर दिया है। यही कारण है कि यहां रेड मीट की खपत में तो काफी कमी दर्ज की गई है। जबकि चिकन और मछली खाने की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है। जानकारी के अनुसार पिछले एक दशक के दौरान हाई इनकम क्लास वाले दुनिया के विकसित देशों में नॉनवेज खाने के प्रति रुझान कम हुआ है। लेकिन दुनियाभर में नॉनवेज खाने का औसत बढ़ रहा है। रिसर्च में पाया गया कि 2008-09 के दौरान जहां ब्रिटेन में प्रति व्यक्ति प्रति दिन 103 ग्राम रेडमीट की खपत 2018-19 में 23 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन ही रह गई। पोल्ट्री खपत 3.2 फीसदी बढ़ गई। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अपनी रिसर्च में पाया कि ब्रिटेन में खाने पीने में बदलाव जरूर आ रहा है, लेकिन हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए अब भी काफी कोशिशें करनी होंगी।ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार पिछले एक दशक के दौरान ब्रिटेन में वेजिटेरियन लोग 2 फीसदी से बढ़कर 5 फीसदी हो गए। नेशनल फूड स्ट्रेटर्जी के अनुसार 2030 तक ब्रिटेन में रेडमीट की खपत को 30फीसदी तक घटाने का लक्ष्य है। रिसर्च के अनुसार 1999 के बाद जन्म लेने वाले लोगों में नॉनवेज खाने वालों की संख्या में इजाफा भी दर्ज किया गया है। इसका कारण फास्टफूड खाने में नॉनवेज की अधिकता बताई जा रही है।
मालूम हो कि आजकल भागदौड़ भरे लाइफस्टाइल और अनियमित खानपान ने हमारे लिए कोई च्वाइस नहीं छोड़ी है। जब समय मिलता है खाते हैं, जैसा खाने को मिलता है, हम खाते है, बस वो जीभ को स्वाद लगना चाहिए। इसी के चलते लोगों को समय से पहले ही कई बीमारियां अपनी चपेट में ले लेती हैं। जिनमें मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर अहम है। इन्हीं कुछ बीमारियों के रास्ते शरीर में कुछ और बड़ी बीमारियां भी घर कर जाती है।