इस गांव में सुहागरात के दौरान होता है दुल्हन के साथ ये काम, मना करने पर करते है जानवरों से भी बुरा सुलूक

इस गांव की अजीबो गरीब परंपरा को देख लोग अभी भी हैरान है. मना जाता है शादी जैसे पवित्र बंधन में बंधने  के बाद दुल्हा-दुल्हन पूरी तरह से एक हो जानते है. शादी के बाद सुहागरात उनके जीवन के सबसे ज्यादा निजी और खास पलों में से एक होता है. लेकिन देश का एक समुदाय ऐसा भी है, जहां सुहागरात के समय गांव का सरपंच और अन्य लोग नए कपल के बाहर बैठते हैं और सुबह चादर पर लगे दाग से पहचान करते हैं कि दुल्हन शादी से पहले वर्जिन थी या नहीं. अगर नहीं तो उसके साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता है.

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शादी को लेकर बनाए गए अलग-अलग रीति रिवाजों 

देश और दुनिया में शादी को लेकर अलग-अलग रीति रिवाजों बनाए गए हैं. ऐसे में कई तो इस तरह के हैं जिनपर भरोसा करना बेहद ही मुश्किल हैं. ऐसा ही तरह की एक अजीब परंपरा है कंजरभाट समुदाय की. दरअसल इस समुदाय में शादी करना लड़के के लिए जितनी ज्यादा खुशी की बात है, इतनी ही लड़कियों के लिए दुख की बात है. क्योंकि शादी के बाद सुहागरात के दौरान लड़की का वर्जिनिटी टेस्ट किया जाता है. इसके लिए गांव के सरपंच समेत सभी लोग नवविवाहितों के कमरे के बाहर बैठकर इंतजार करते हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,

सुहागरात एक कपल के लिए बेहद निजी समय होता है. लेकिन कंजरभाट समुदाय में यह बात लागू नहीं होती. जब इस समुदाय के किसी पुरुष की शादी होती है तो वह सुहागरात के लिए बेड पर सफेद चादर बिछाता है. यह सफेद चादर इसलिए बिछाई जाती है ताकी शारीरिक संबंध बनाने के दौरान चादर पर जो खून का दाग लगता है, वह आसानी से चादर पर दिख जाए. जिससे सुबह के समय लड़के के कमरे के बाहर बैठे सरपंच और दूसरे लोग यह तय कर सकें कि दुल्हन पहले से वर्जिन थी या नहीं.

गांव के लोग करते है जानवरों से भी बुरा सुलूक

ऐसे में अगर लड़की वर्जिन नहीं होती है तो गांव के लोग उसके साथ जानवरों से भी बुरा सुलूक करते हैं. देश में एक तरफ महिला सम्मान के बारे में इतनी बातें कहीं जाती हैं, लेकिन इस समुदाय में खुलेआम महिला की इज्जत को उछाला जाता है. अजीब बात तो यह कि पिछले काफी समय ये चल रही परंपरा आज भी कायम है.

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