इंसानों के भोजन के साथ साथ अब पशुओं के भोजन पर भी महंगाई की मार

संदीप पुंढीर/दैनिक भास्कर
हाथरस। महंगाई की मार झेल रहे इंसानों के साथ साथ अब पशुओं को भी महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। इंसानों के भोजन के साथ साथ अब पशुओं के भोजन में भी जोरदार महंगाई आई है। और इस महंगाई को रोकने के लिए जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक को एक पत्र भी लिखा है। जी हां यह सुनकर आप चकित तो हुए होंगे, लेकिन यह सच है, हाथरस जिले में इन दिनों पशुओं के लिए खाने वाला चारा (भूसा) पर अत्यधिक महगाई आई है। जो चारा पिछले वर्ष 500 से 600 रुपए प्रति कुंतल के हिसाब से बिकता था वह अब दोगुना होकर 1000 से 12 सौ तक जा पहुंचा है। अगर भूसा चारा विक्रेताओं की माने तो इस महंगाई के दो कारण हैं पहला किसानों द्वारा गेहूं की फसल की जगह आलू की फसल पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है जिसके कारण खेतों में कम भूसा निकल पा रहा है। वहीं महंगाई का दूसरा कारण राजस्थान में यहां की भूसे की अत्यधिक मांग होना भी है। राजस्थान के व्यापारी हाथरस आकर करीब 1200 से 1500 रुपये प्रति कुंटल के हिसाब से भूसा खरीद कर राजस्थान ले जा रहे हैं। इस समस्या को लेकर विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री नरेंद्र सिंह द्वारा जिलाधिकारी रमेश रंजन को एक पत्र लिखकर उनसे इस समस्या के समाधान का अनुरोध किया गया था, जिस पर जिलाधिकारी रमेश रंजन ने पुलिस अधीक्षक हाथरस को एक पत्र प्रेषित किया है। पत्र में कहा गया है कि उनके यहां विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री नरेंद्र सिंह ने पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि हाथरस जिले से भूसा आसपास के अन्य जनपदों को जाने के कारण उस पर अत्यधिक महंगाई आई है। भूसे की कमी के कारण गौशालाओं में और पशुपालकों के सामने चारे का संकट गहरा रहा है। इसको रोकने के लिए और भूसा की उपलब्धता बनाए रखने के लिए परिवहन पर तत्काल रोक लगाई जाए। जिलाधिकारी ने एसपी से कहा है कि वह अपने स्तर से जिले के सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित करें और भूसो के बाहर जाते वाहनों को तत्काल रुकबाना सुनिश्चित कराएं।

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