BCCI के 36वें प्रेसिडेंट बने पूर्व ऑलराउंडर रोजर बिन्नी, जानिए कौन है ये खुशनसीब

पूर्व ऑलराउंडर रोजर बिन्नी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के 36वें प्रेसिडेंट बन गए हैं। बोर्ड की एजीएम में मंगलवार को बिन्नी को प्रेसिडेंट चुना। वो सौरव गांगुली की जगह लेंगे। BCCI की वार्षिक आम बैठक में इसका फैसला किया गया है।

BCCI की AGM मुंबई के ताज होटल में हुई। बैठक में सचिव जय शाह, पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली, उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला, कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल और रोजर बिन्नी भी मौजूद थे।

एकमात्र उम्मीदवार थे बिन्नी

67 वर्षीय बिन्नी बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने वाले एकमात्र उम्मीदवार थे। वे निर्विरोध चुनाव जीत गए। बिन्नी अपने हालिया कार्यकाल में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहे थे और अब बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद वो राज्य निकाय में अपना पद छोड़ देंगे।

टीम इंडिया के लिए खेलने वाले पहले एंग्लो इंडियन

67 साल के रोजर बिन्नी भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी है। इनका जन्म कर्नाटक के बेंगलुरु में हुआ था। बिन्नी भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने वाले पहले एंग्लो-इंडियन प्लेयर बने थे। रोजर बिन्नी ने 1977 में कर्नाटक टीम के लिए केरल के खिलाफ 211 रन बनाए थे। इसके बाद उनका नाम डोमेस्टिक क्रिकेट में चलने लगा। ऑलराउंडर बिन्नी ने 1979 में बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में पाकिस्तान के खिलाफ नेशनल टीम के लिए डेब्यू किया था। उन्होंने भारतीय टीम के लिए 27 टेस्ट और 72 वन-डे मैच खेले हैं। रोजर बिन्नी ने अपना आखिरी मैच 9 अक्टूबर 1987 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था।

बिन्नी ने मुंबई में पाकिस्तान के खिलाफ अपने तीसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में माजिद खान, जहीर अब्बास और जावेद मियांदाद को शुरूआती ओवर्स में ही आउट कर दिया था। उनकी शानदार बॉलिंग के बदौलत भारत ने 131 रनों से मैच जीत लिया।

1983 वर्ल्ड कप में रहे सबसे सफल बॉलर

रोजर बिन्नी 1983 में भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा थे। उन्होंने टीम में अहम् भूमिका निभाई। बिन्नी वर्ल्ड कप में हाईएस्ट विकेट टेकर यानी सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले प्लेयर बने। बिन्नी ने टूर्नामेंट में 18 विकेट लिए।

2000 में भारत को अंडर-19 कप दिलाया

रोजर बिन्नी ने भारतीय क्रिकेट में कई पद संभाले है। साल 2000 में बिन्नी ने भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम को कोच के रूप में वर्ल्ड कप जिताया। इसके बाद 2007 में बिन्नी पश्चिम बंगाल की टीम के हेड कोच बने।

कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन की मैनेजमेंट टीम का हिस्सा होने के बाद 2012 में रोजर बिन्नी भारतीय क्रिकेट टीम के सिलेक्टर बने।

पिता की राह पर चला बेटा

रोजर बिन्नी की ग्लोरी देखने के बाद उनके बेटे स्टुअर्ट बिन्नी भी उनके नक्शे कदमों पर चले। स्टुअर्ट बिन्नी ने अपने पिता की तरह ऑल राउंडर के रूप में ही अपना क्रिकेट करियर बनाया। स्टुअर्ट बिन्नी IPL में मुंबई, बैंगलोर और राजस्थान की टीम से खेले। साथ ही स्टुअर्ट ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 6 टेस्ट,14 वन-डे और 3 T-20 मैच खेले।

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