यूपी में बीजेपी के 19 सांसद उसकी अपनी ही कसौटी पर ही फेल हो गए हैं। राज्य में पार्टी के सर्वे में कई सांसदों की रिपोर्ट कार्ड खराब आई है। इस रिपोर्ट में कई सांसदों को पासिंग मार्क्स भी नहीं मिला है। रिपोर्ट कार्ड में दावा किया जा रहा है कि पार्टी के करीब 30 फीसदी सांसद अपने लोकसभा क्षेत्र में जनता की जनआकांक्षाओं पर खरे नहीं उतरे हैं।
रिपोर्ट कार्ड खराब होने पर सुब्रत पाठक ने कहा, ‘अब ये रिपोर्ट क्या है, कैसे आती है। आप कितना भी काम करो लेकिन कुछ लोग आपको वोट ही नहीं देंगे। उसके लिए कोई क्या कर सकता है। आवास भी दे दिया, उज्जवला योजना भी दे दिया, उनको सौचालय भी बना दिया, उनको सम्मान निधि भी आ रही है और उनके घर में विधवा पेंशन भी आ रही है। उसके बाद भी उन्हें वोट नहीं देना है, नहीं देना है तो नहीं दो।’
बीजेपी किसी के पिताजी की पार्टी नहीं
उन्होंने कहा, ‘वोट तो विचार से व्यक्ति देता है, जिससे जिसके विचार मिल रहे हैं वो उसको वोट करता है। रिपोर्ट तो पार्टी भी देखती है कि किसने क्या किया है। बीजेपी किसी के पिताजी की पार्टी नहीं है। हम न कोई बड़े बाप कि संतान हैं, जिससे हमारा भला हो ही जाएगा।’
दरअसल, इस रिपोर्ट कार्ड में यूपी के टॉप सांसदों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अव्वल हैं। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह, संघमित्रा मौर्य और आजमगढ़ से सांसद निरहुआ फेल बताए जा रहे हैं। सूत्रों की माने तो रिपोर्ट कार्ड बताता है कि ये सांसद पासिंग मार्क्स से नीचे हैं और इनके भरोसे 2024 लोकसभा चुनाव में ‘मिशन-350’ और यूपी में ‘मिशन-80’ की नैया पार नहीं लगाई जा सकती।
अजय राय के दावे पर जवाब
हालांकि बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने यूपी कांग्रेस का अध्यक्ष अजय राय द्वारा वाराणसी से प्रियंका गांधी और अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के दावे पर भी प्रतिक्रिया दी। कन्नौज से बीजेपी सांसद ने राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने पर कहा, ‘पांच साल में इन्होंने ऐसा क्या कर दिया है। कुल मिलाकर जिस मानसिकता के ये लोग थे। इनकी परिवारवादी परंपरा से लोग ऊपर उठ गए हैं। भारत के लोकतंत्र में अब उच्च पदों पर जाने का रास्ता भी साफ है। ये परिवारवाद के विरोध की राजनीति, खासकर चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए इसलिए राहुल गांधी हो गए।’
जबकि प्रियंका गांधी के वाराणसी से चुनाव लड़ने की चर्चाओं को पर उन्होंने कहा, ‘मोदी को टक्कर देने के लिए ये केजरीवाल भी पहुंचे थे। मोदी को कांग्रेस के ये प्रदेश अध्यक्ष भी टक्कर देने की कोशिश कर रहे हैं। ये कोई आम मोदी नहीं है। मोदी ने वाराणसी को क्या दिया है, ये वाराणसी के लोग अच्छे से जानते हैं। आज उन्होंने वाराणसी का स्वरुप बदल दिया है। हमारी प्राचीन संस्कृति में वाराणसी का क्या स्थान था और क्या होना चाहिए था। मुझे नहीं लगता कि वाराणसी में मोदी के नामपर कोई चुनौती नहीं है।’