यरुशलम (हि. स.)। इजराइली जेट विमानों की लगातार बमबारी के बाद गाजा का बाहरी दुनिया से संपर्क लगभग कट गया है। गाजा का शनिवार को शायद ही बाहरी दुनिया से संचार संपर्क स्थापित हुआ हो। इन हमलों के साथ यह माना जा रहा है कि इजराइल फिलिस्तीनी क्षेत्र में हमास आतंकवादियों के खिलाफ जमीनी हमले की शुरुआत करने जा रहा है।
इज़राइल ने कहा कि शुक्रवार की रात भेजे सैनिक अभी भी मोर्चा संभाले हुए हैं, जबकि इससे इजराइली सैनिकों ने हमास को नष्ट करने के लिए तीन सप्ताह की बमबारी के दौरान केवल संक्षिप्त उड़ानें भरी थीं। इजराइली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा, हमने जमीन के ऊपर और जमीन के नीचे हमला किया, हमने हर जगह, सभी रैंक के आतंकवादी गुर्गों पर हमला किया।
हांलाकि अभी तक जमीनी आक्रमण का कोई संकेत नहीं है। इस बीच इज़राइल ने एक बार फिर गाजा के लोगों को उत्तर से दूर जाने के लिए कहा है। इजराइल का मानना है कि हमास के आतंकी नागरिक इमारतों के नीचे छिपे हुए हैं। वहीं फ़िलिस्तीनियों का कहना है कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं है, बमों ने घनी आबादी वाले क्षेत्र के दक्षिण में घरों को भी नष्ट कर दिया है।
गाजा की फोन और इंटरनेट सेवाएं शुक्रवार शाम से लगभग पूरी तरह से काट दी गई हैं, जिसके लिए फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने इज़राइल को जिम्मेदार ठहराया है। इज़रायली सेना ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।
सहायता एजेंसियों का कहना है कि इजरायली नाकाबंदी के कारण गाजावासियों के लिए एक मानवीय आपदा का समाना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि इज़राइल की बमबारी शुरू होने के बाद से 7,650 फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि ब्लैकआउट के कारण एंबुलेंस और मरीजों को बाहर निकालने में रुकावट आ रही है और लोगों को सुरक्षित आश्रय नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने और अन्य सहायता एजेंसियों ने कहा कि वे अपने कर्मचारियों से संपर्क नहीं कर सके, लेकिन गाजा में रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट की अंतर्राष्ट्रीय समितियों के एक प्रतिनिधि को एक ऑडियो संदेश मिला।
विलियम स्कोम्बर्ग ने कहा कि चिकित्सक व्यक्तिगत त्रासदियों से निपटने के साथ-साथ चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। आईसीआरसी द्वारा एक्स पर पोस्ट की गई एक क्लिप में उन्होंने बताया, मैंने एक डॉक्टर से बात की, जिसने एक रात पहले अपने भाई और चचेरे भाई को खो दिया था। बाहरी दुनिया से संपर्क बनाने वाले कुछ पत्रकारों ने नारकीय स्थिति का चित्रण किया।