Krishna Janmabhoomi Case : उत्तरप्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले की सुनवाई की गई।
मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह विवाद में मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने हिंदू पक्ष के दावे को सुनवाई योग्य माना और कहा कि सुनवाई जारी रहेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया है।
कृष्ण जन्मभूमि मामले में सीपीसी आदेश 7 नियम 11 में हिंदुओं के मुकदमे को खारिज करने के लिए मुसलमानों के आवेदन को अदालत ने खारिज कर दिया है, अदालत ने माना कि, वक्फ अधिनियम श्री कृष्ण जन्मभूमि पर लागू नहीं होता है।
मुस्लिम पक्ष द्वारा हाई कोर्ट में याचिकाओं की पोषणीयता (Maintainability) को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की सिविलवाद की पोषणीयता वाली याचिकाएं मंजूर कीं हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट में मथुरा के श्रीकृष्ण जन्म भूमि केस में अब ट्रायल चलेगा। याचिकाओं की सुनवाई आगे भी जारी रहेगी। जानकारी के अनुसार इस मामले में अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।
आर्डर 7 रूल 11 कप्स में कौशल किशोर ठाकुर के सूट नंबर 7 में अधिवक्ता रीना एन सिंह की याचिका पर आया निर्णय :
बता दें कि, भगवान श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में हिंदुओं की पक्षकार और अदालत के सामने कई नए तथ्य प्रस्तुत करने वाली सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट रीना एन सिंह की याचिका को हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए पोषणीय माना है। रीना एन सिंह ने बताया कि, इस मामले पर 6 महीने से अधिक समय तक सुनवाई चली और नए-नए तथ्य अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए गए। शुरुआत में मुस्लिम पक्ष ने यह भी कहा कि, मेरे पास मुकदमा लड़ने के लिए पैसे नहीं है। बाद में जोरदार और लंबी बहस के बाद आख़िरकार कोर्ट ने उसे पोषणीय मानने का फैसला दिया है।
ज्ञात हो कि इसी मामले में बहस के दौरान रीना एन सिंह ने वक्फ बोर्ड को जमीन कब्जाने वाली एक संस्था बताया था, जिसका मुस्लिम पक्ष ने जोरदार प्रतिवाद किया था। कुल 18 वादों की सुनवाई के बाद गुरुवार को इस मामले की पोषणीयता पर फैसला आया है।कोर्ट के फैसले के अनुसार वक्फ एक्ट, प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट श्री कृष्ण जन्मभूमि केस पर लागु नहीं होता है,