पेरिस पैरालिंपिक में भारत को 5वें दिन का दूसरा गोल्ड मेडल मिल चुका है। जैवलिन थ्रो में सुमित अंतिल ने पैरालिंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 70.59 मीटर दूर थ्रो फेंककर पहला स्थान हासिल लिया। उनसे पहले बैडमिंटन में नितेश कुमार ने गोल्ड जीता था।
सुमित अंतिल पैरालिंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता।
बैडमिंटन में भारत ने 4 मेडल जीते। नितेश के बाद सुहास यथिराज ने सिल्वर मेडल जीता। जबकि विमेंस इवेंट में थुलासिमथी मुरुगेसन ने सिल्वर और मनीषा रामदास ने ब्रॉन्ज मेडल दिलाया। इनसे पहले डिस्कस थ्रो में योगेश कथुनिया ने सिल्वर जीता, जबकि आर्चरी में राकेश कुमार और शीतल देवी की जोड़ी ने ब्रॉन्ज दिलाया।
गोल्ड मेडल जीतने के बाद खुशी मनाते नितेश कुमार।
भारत को अब तक 14 मेडल
पैरालिंपिक में भारत अब तक 3 गोल्ड, 5 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज जीत चुका है। आज भारत एथलेटिक्स में भी मेडल जीत सकता है। पैरा बैडमिंटन मिक्स्ड SH-6 इवेंट में भारत की नित्या श्री सिवान और शिवराजन सोलाईमलाई की जोड़ी ब्रॉन्ज मेडल मैच हार गई। अब सिंगल्स में नित्या श्री सिवान इंडोनेशिया की रीना मर्लिना से ब्रॉन्ज मेडल मैच खेलेंगी।
सुमित ने फिर जीता गोल्ड
टोक्यो पैरालिंपिक में जैवलिन थ्रो का गोल्ड जीतने वाले सुमित अंतिल ने पेरिस में भी गोल्ड मेडल ही जीता। उन्होंने पैरालिंपिक में अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर दूसरे अटेम्प्ट में 70.59 मीटर दूर थ्रो फेंका। टोक्यो में उन्होंने 68.55 मीटर दूर थ्रो किया था। इसे उन्होंने पहले ही अटेम्प्ट में 69.11 मीटर दूर थ्रो फेंक कर पार कर दिया।
सुमित का दूसरा अटेम्प्ट गोल्ड मेडल जीतने के लिए काफी रहा। जैवलिन थ्रो में भारत के ही संदीप 62.80 मीटर थ्रो के साथ चौथे और संजय सर्गर 58.03 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ 7वें नंबर पर रहे। श्रीलंका के दुलन कोडिथुवाकु को सिल्वर और ऑस्ट्रेलिया के माइकल बरियन को ब्रॉन्ज मेडल मिला। सुमित ने F64 कैटेगरी में गोल्ड जीता। इस कैटेगरी में वे एथलीट्स आते हैं, जिनके एक पैर की लंबाई दूसरे से कम होती है। जिससे उन्हें चलने और दौड़ने में दिक्कत होती है।
सुमित अंतिल ने लगातार दूसरे पैरालिंपिक गेम्स में गोल्ड मेडल जीता।
आर्चरी मिक्स्ड टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता
राकेश कुमार और शीतल देवी की मिक्स्ड डबल्स जोड़ी ने पैरा आर्चरी में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया। दोनों ने इटली की जोड़ी को 156-155 के करीबी अंतर से हराया। राकेश और शीतल को इस पैरालिंपिक में पहला ही मेडल मिला है। दोनों अपने-अपने इंडिविजुअल इवेंट में मेडल जीतने से चूक गए थे।
शीतल देवी और राकेश कुमार ने पैरा आर्चरी में ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है।
विमेंस 400 मीटर के फाइनल में पहुंचीं दीप्ति
दीप्ति जीवांजी ने विमेंस 400 मीटर की टी-20 कैटेगरी के फाइनल में जगह बना ली। उन्होंने राउंड-1 की पहली रेस में 55.45 सेकेंड की टाइमिंग के साथ पहला स्थान हासिल किया। हालांकि, दूसरी रेस में तुर्किये की आयसेल ओन्डेर ने 54.96 सेकेंड की टाइमिंग के साथ क्वालिफाई किया। इसी के साथ उन्होंने पैरालिंपिक और वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना दिया।
टी-20 कैटेगरी में 400 मीटर का वर्ल्ड रिकॉर्ड दीप्ति के नाम ही था। उन्होंने इसी साल 20 मई को 55.07 सेकेंड में रेस पूरी कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। 400 मीटर का फाइनल 3 सितंबर को रात 10:30 बजे के बाद खेला जाएगा।
सुहास यथिराज को सिल्वर मेडल
SL4 कैटेगरी में भारत के सुहास यथिराज फाइनल हार गए, जिस कारण उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। उन्हें फ्रांस के लुकास माजुर ने 21-9, 21-13 से हरा दिया। यथिराज भारत के ही सुकांत कदम को सेमीफाइनल हराकर फाइनल में पहुंचे थे। सुकांत ब्रॉन्ज मेडल मैच में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान के खिलाफ 21-17, 21-18 से हार गए। SL4 कैटेगरी में वे एथलीट्स आते हैं, जिन्हें एक या दोनों पैर से चलने में दिक्कत होती है।
सुहास यथिराज ने लगातार दूसरे पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीता।
राकेश और शीतल ने गंवाया आर्चरी सेमीफाइनल
भारत को आर्चरी के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा है। राकेश कुमार और शीतल देवी की वर्ल्ड नंबर-1 मिक्स्ड डबल्स जोड़ी को ईरानी जोड़ी ने हरा दिया। 4 एंड के बाद स्कोर 152-152 पर बराबर रहा। टाई-ब्रेकर में दोनों टीमों ने 20-20 पॉइंट्स स्कोर किए, लेकिन ईरानी आर्चर का शॉट 10 के ज्यादा के करीब होने के कारण उन्हें जीत मिली।
मुरुगेसन ने सीधे गेम में गंवाया मैच
विमेंस की SU5 कैटेगरी में भारत की थुलासिमथी मुरुगेसन का फाइनल मुकाबला चीन की क्यूएक्स यांग से हुआ। यांग ने पहला गेम 21-17 से जीता। दूसरे गेम में भी यांग ने दबाव बनाया और 11-5 की बढ़त बना ली, उन्होंने 21-10 से गेम जीता और गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। मुरुगेसन को सिल्वर से संतोष करना पड़ा।
दूसरी ओर, SU5 कैटेगरी में ही भारत की मनीषा रामदास ने ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया। उन्होंने डेनमार्क की कैथरीन रोसेनग्रेन को 21-12, 21-8 के अंतर से सीधे गेम में ही हराकर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया। SU5 कैटेगरी मे वे एथलीट्स आते हैं, जिनके हाथों में कमी होती है। यानी वे प्लेयर जिनके खेलने वाले हाथ या दूसरे हाथ में दिक्कत होती है।
थुलासिमथी मुरुगेसन विमेंस बैडमिंटन में गोल्ड जीतने की दावेदार थीं, लेकिन वह फाइनल हार गईं।
पैरा आर्चरी के सेमीफाइनल में भारत
पैरा आर्चरी के मिक्स्ड टीम इवेंट में भारत ने सेमीफाइनल में जगह बना ली। शीतल देवी और राकेश कुमार की जोड़ी ने क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया को हरा दिया। भारत ने इंडोनेशिया के खिलाफ 154-143 के अंतर से मैच जीता और सेमीफाइनल में एंट्री की।
मोदी बोले, ऐसे ही खेलना जारी रखो
पीएम मोदी ने अवनि से फोन पर कहा, “बहुत-बहुत बधाई अवनि। कैसा लग रहा है आपको।” अवनि बोलीं, “काफी अच्छा लग रहा है सर। दूसरी बार पैरालिंपिक्स में आई हूं, थोड़ी नर्वस थीं, लेकिन आपने कहा था कि उम्मीदों का बोझ मत ले कर जाना, इसलिए वैसा ही खेली।” मोदी ने आगे कहा, “अवनि आप लगातार बहुत अच्छा कर रही हो। मेरी ओर से बहुत बधाई है, आप पूरी मेहनत करो और बेहतर करो।”
अवनि लेखरा ने पेरिस ओलिंपिक में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया।
नितेश कुमार ने दिलाया दूसरा गोल्ड
बैडमिंटन की SL3 कैटेगरी के इंडिविजुअल इवेंट में नितेश कुमार ने भारत को गोल्ड मेडल दिलाया। उन्होंने ग्रेट ब्रिटेन के डैनियल बेथेल के खिलाफ 3 गेम तक चले मुकाबले को जीता। नितेश ने पहला गेम 21-14 से जीता, दूसरा गेम बेथेल 18-21 से जीत गए।
तीसरे गेम में मामला 21-21 की बराबरी पर पहुंच गया, यहां नितेश ने लगातार 2 पॉइंट्स लिए और गोल्ड जीत लिया। नितेश से पहले अवनि लेखरा ने शूटिंग में गोल्ड जीता था। नितेश SL3 कैटेगरी में खेलते हैं। इस कैटेगरी में वे एथलीट्स आते हैं, जिन्हें चलने में दिक्कत होती है। यानी जिनके एक या दोनों पैर सामान्य नहीं होते।
नितेश कुमार ने 3 गेम तक चले फाइनल को जीतकर गोल्ड अपने नाम कर लिया।
योगेश ने 42.22 मीटर थ्रो के साथ मेडल जीता
5वें दिन योगेश ने मेंस डिस्कस थ्रो F-56 के फाइनल में अपने पहले थ्रो में 42.22 मीटर स्कोर किया। ये उनका सीजन बेस्ट-थ्रो रहा और इसी के साथ उन्होंने सिल्वर मेडल जीत लिया। F-56 कैटेगरी में प्लेयर डिसेबिलिटी की वजह से बैठकर फील्ड इवेंट में भाग लेता है।
योगेश कथुनिया ने टोक्यो ओलिंपिक 2020 में भी सिल्वर मेडल जीता था।
जेवलिन थ्रोअर सुमित फाइनल खेलेंगे
पैरालिंपिक में दूसरी बार देश का प्रतिनिधित्व कर रहे सुमित अंतिल आज जेवलिन F-64 का फाइनल खेलेंगे। सुमित के अलावा इस गेम में भारत से संजय संदीप और संदीप भी हिस्सा लेंगे। सुमित ने टोक्यो पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने चीन के हांग्जो के एशियाई पैरा खेलों की में 73.29 मीटर जेवलिन फेंककर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया था।
पेरिस पैरालिंपिक के चौथे दिन देर रात भारत ने 2 मेडल जीते। निषाद कुमार ने हाई जंप इवेंट में देर रात एक बजे भारत को सिल्वर मेडल दिलाया। उन्होंने 2.04 मीटर के सीजन बेस्ट जंप के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। उनसे पहले प्रीति पाल ने विमेंस की 200 मीटर रेस में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
चौथे दिन आए 2 मेडल
1. निषाद कुमार ने सीजन बेस्ट स्कोर के साथ सिल्वर जीता
मेंस की टी-47 कैटेगरी के हाई जंप इवेंट में भारत को सिल्वर मेडल मिला। निषाद कुमार ने 2.04 मीटर जंप कर दूसरा स्थान हासिल किया। वर्ल्ड और पैरालिंपिक रिकॉर्ड होल्डर अमेरिका के रोडरिक टाउनसेंड ने गोल्ड जीता। उन्होंने 2.12 मीटर जंप के साथ पहला स्थान हासिल किया। हाई जंप इवेंट में जॉर्जिया के जॉर्जी मारगिव को ब्रॉन्ज मेडल मिला। उनका बेस्ट जंप 2.00 मीटर रहा।
निषाद ने टी-47 कैटेगरी में सिल्वर जीता। इसमें वे एथलीट्स आते हैं, जिनकी कोहनी के नीचे के अंग काम नहीं करते। इसी तरह की विकलांगता या फिर वे एथलीट्स जिनके दोनों पैर समान रूप से काम नहीं करते। इसी इवेंट में भारत के राम पाल 7वें नंबर पर रहे, उन्होंने 1.95 मीटर का बेस्ट जंप किया।
निषाद कुमार ने 2.04 मीटर के सीजन बेस्ट जंप के साथ सिल्वर मेडल जीता।
2. प्रीति ने पर्सनल बेस्ट टाइम के साथ मेडल जीता
200 मीटर विमेंस की टी-35 कैटेगरी रेस में प्रीति ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। उन्होंने 30.01 मीटर के पर्सनल बेस्ट टाइम के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। चीन की जिया झोऊ को गोल्ड और किआन गुओ को सिल्वर मेडल मिला।
प्रीति ने 100 मीटर रेस में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वह ट्रैक इवेंट में भारत के लिए 2 पैरालिंपिक मेडल जीतने वाली पहली ही प्लेयर हैं। प्रीति टी-35 कैटेगरी में खेलती हैं, इसमें वह प्लेयर शामिल होती हैं, जिन्हें हाइपरटोनिया, गतिभंग और एथेटोसिस जैसी बीमारी होती हैं।
प्रीति ने 100 मीटर रेस में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था। यह उनका पहला मेडल था।
तीसरे दिन शूटर रुबीना फ्रांसिस ने दिलाया ब्रॉन्ज
पैरा शूटर रुबीना फ्रांसिस ने तीसरे दिन शनिवार, 31 अगस्त को विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल के SH1 कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता। उन्होंने फाइनल में 211.1 स्कोर किया। यह भारत का इन गेम्स में 5वां मेडल था।
शुक्रवार 30 अगस्त को भारत ने 4 मेडल जीते थे। इनमें अवनि लेखरा ने गोल्ड और मोना अग्रवाल ने विमेंस शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता। जबकि मेंस शूटिंग के 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में मनीष नरवाल ने सिल्वर दिलाया था। विमेंस की 100 मीटर टी-35 कैटेगरी रेस में प्रीति पाल ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
रुबीना विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल के क्वालिफिकेशन राउंड में छठे नंबर पर रही थीं।