पीजीआई संस्थान के तेरह संवर्गों के संविदा कर्मचारियों की वेतन वृद्धि का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है।बीते दिनों गवर्निंग बाडी की बैठक में इन तेरह संवर्गों के संविदा कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का फैसला लिया गया था और घोषणा भी की गयी थी लेकिन किन्हीं कारणों से पीजीआई निदेशक आर के धीमान के आदेशानुसार अग्रिम आदेश तक बढाया गया वेतन रोक दिया गया है।
तेरह संवर्ग के कर्मचारियों में रोके गये वेतन को लेकर काफी नाराजगी है।बीते छः सितंबर को इन संविदा कर्मचारियों ने शान्ति पूर्वक सांकेतिक धरना देकर घोषणा के अनुसार वेतन देने का आग्रह किया था लेकिन मामले पर निदेशक आर के धीमान की खामोशी के चलते माहौल और गर्म होता दिखाई पड़ रहा है।
तेरह संवर्गों के संविदा कर्मचारियों ने पीजीआई निदेशक, राज्यपाल,मुख्य सचिव शासन एवं मुख्य सचिव चिकित्सा को पत्र लिख कर बढ़ाए गये वेतन के अनुसार वेतन का सितंबर माह से भुगतान करने के आग्रह के साथ भुगतान ना करने की दशा में 17 सितंबर को आंशिक कार्य बहिष्कार और 23 सितंबर को पूर्णरूप से कार्यबहिष्कार की चेतावनी दी है।
आरोप है कि तेरह संवर्गों में शामिल मरीज सहायक,डाटा इन्ट्री आपरेटर एवं ड्राइवरो की पिछले चार वर्षों से वेतन वृद्धि नहीं की गयी है।कर्मचारियों ने वर्तमान में मरीज सहायको को उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा निर्धारित मजदूरी से भी कम वेतन दिये जाने को पीजीआई प्रशासन की शोषणकारी नीति ठहराया है।जानकारी लेने के लिये निदेशक आरके धीमान को फोन किया गया लेकिन उन्होंने मामले पर कुछ भी बोलना उचित नहीं समझा।