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Chamoli Avalanche : उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में हिमस्खलन और बर्फबारी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शुक्रवार को राज्य के माणा क्षेत्र में एक ग्लेशियर के टूटने से भारी हिमस्खलन हुआ था, जिसके कारण सड़क मार्गों को बंद कर दिया गया और बीआरओ (बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन) के कैंप को भी क्षति पहुंची। बर्फीले तूफान में 57 मजदूर फंस गए थे, जिनमें अबतक 47 मजदूरों को बचा लिया गया है, लेकिन अभी भी 8 मजदूरों की तलाश जारी है। आज कुछ ही देर में सीएम धामी भी चमोली के माड़ा में पहुंच रहे हैं।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही बर्फबारी से एक कर्फ्यू जैसी स्थिति बन गई है। सड़कों पर बर्फ जमने के कारण यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है और लोग घरों में ही फंसे हुए हैं। राज्य में 2500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हो सकती है। इस वजह से प्रशासन ने लगातार अलर्ट जारी किया है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
मौसम विभाग ने शनिवार को देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल और चंपावत जिलों में बारिश की संभावना जताई है। इन जिलों में 2500 मीटर से ऊंचाई वाले स्थानों में बर्फबारी की संभावना है। साथ ही, 3 और 4 मार्च को भी मौसम खराब रहने का अनुमान है। इससे स्थिति और भी बिगड़ सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पहले से ही बर्फबारी हो रही है और हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी और हिमस्खलन की चेतावनियों के बीच जनजीवन मुश्किल में है। प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और यात्रा में सतर्क रहने की सलाह दी है। यह समय संवेदनशील है, और सभी को सावधानी बरतनी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार के नुकसान से बचा जा सके।