VIDEO : मुनीर ने डिनर इसीलिए किया था क्या? ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद पाकिस्तान पर ओवैसी का तंज

Asaduddin Owaisi on Pakistan: अमेरिका के तीन ईरानी परमाणु ठिकानों, फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान, पर हमले के बाद AIMIM प्रमुख व हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर तंज कसा है. उन्होंने कहा, “अब पाकिस्तानियों से पूछना चाहिए कि क्या वे डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिलाना चाहेंगे?”

पाकिस्तान ने कल कहा था कि वह भारत-पाक संघर्ष (पहलगाम आतंकी हमले के बाद उपजे तनाव) में अमेरिकी दखल के लिए डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करेगा. वहीं, आज ईरान पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद पाकिस्तान ने बयान पलटते हुए मध्य-पूर्व में ‘खतरनाक बढ़ते तनाव’ पर गहरी चिंता जताई और इसे अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन बताया.

“क्या असीम मुनीर ने इसी काम के लिए ट्रंप के साथ डिनर किया था?”

ओवैसी ने पाकिस्तान की विरोधाभासी प्रतिक्रिया पर कटाक्ष करते हुए पूछा, “क्या जनरल असीम मुनीर ने इसी काम के लिए ट्रंप के साथ डिनर किया था?” उन्होंने यह भी कहा कि ईरान के परमाणु हथियारों का ‘हौवा’ खड़ा किया जा रहा है, ठीक वैसे ही जैसे इराक और लीबिया पर कार्रवाई के समय किया गया था. . ईरान को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत खुद की रक्षा करने का वैध अधिकार है.

“फिलिस्तीनियों का कसाई है नेतन्याहू”

ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिका द्वारा किए गए हमले को लेकर AIMIM सांसद ओवैसी ने कहा, “इस अमेरिकी हमले ने नेतन्याहू को मदद पहुंचाई है, जो फिलिस्तीनियों का कसाई है. गाज़ा में नरसंहार हो रहा है और अमेरिका को उसकी कोई चिंता नहीं है.” उन्होंने अमेरिका की दोहरी विदेश नीति और फिलिस्तीन में हो रहे अत्याचारों पर चुप्पी को भी आड़े हाथों लिया.

“अगला हमला और भी बड़ा और आसान होगा”

व्हाइट हाउस के अनुसार, ऑपरेशन ‘मिडनाइट हैमर’ में 125 से अधिक सैन्य विमान और सात B-2 बॉम्बर शामिल थे. हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “ईरान, जो मध्य पूर्व का दबंग बना फिरता है, अब शांति की राह अपनाए. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो अगला हमला और भी बड़ा और आसान होगा.” इस बयान के साथ अमेरिका ने ईरान को स्पष्ट संदेश दिया है कि अब उसके परमाणु कार्यक्रम पर सीधा और निर्णायक प्रहार होगा.

ईरान की तीखी प्रतिक्रिया

ईरान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी कार्रवाई को ‘संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय क़ानून का गंभीर उल्लंघन’ करार दिया और इसे इजराइल के साथ ‘मिलीभगत’ बताया. ईरान ने अपनी राष्ट्रीय सम्प्रभुता की रक्षा का अधिकार सुरक्षित रखा है. इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल अमेरिका-ईरान तनाव को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है, बल्कि पाकिस्तान की कूटनीतिक विश्वसनीयता और क्षेत्रीय राजनीति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

 

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