मुंबई के अस्पताल में लाशों के पास ही हो रहा कोरोना पीड़ितों का इलाज वीडियो हुआ वायरल

पूरे देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र राज्य संक्रमित मामलों में सबसे ऊपर है। राज्य के सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज मुंबई में हैं। मुंबई की भयावह स्थिति के बावजूद यहां लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रही। मुंबई के सायन अस्पताल में कोरोना के मरीजों के मामले में एक बड़ी लापरवाई सामने आई है। यहां के इमरजेंसी वॉर्ड में कोरोना के मरीजों के पास इसी बीमारी से मर चुके लोगों के शव रखे जा रहे हैं। इस बारे में मरीज लंबे वक्त से शिकायत कर रहे थे, लेकिन एक वीडियो वायरल होने के बाद अब मामला सामने आया है। मरीजों का तो ये भी कहना है कि जो शव अभी प्लास्टिक में लपेटे हुए हैं, वे पहले यूं ही पड़े थे।

वायरल वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल के वॉर्ड में कई मरीज बेड पर लेटे हैं। मरीजों के बीच में काले प्लास्टिक के बैगों में कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के शव भी वॉर्ड के बेड पर रखे हैं। कुछ शवों को कपड़ों से तो कुछ को कंबल से ढका गया है। बताया जा रहा है कि वॉर्ड में मरीजों के बीच ऐसे 19 शव पड़े थे।

हॉस्पिटल ने दी सफाई

वीडियो सामने आने के बाद अस्पताल के डीन डॉ. प्रमोद इंगले ने स्वीकार किया है कि वीडियो उन्हीं के अस्पताल का है। डॉक्टर इंगले के मुताबिक, अस्पताल में स्टाफ की कमी है। उस पर रिश्तेदार शवों को ले जाने के लिए नहीं आ रहे हैं। इसलिए हमने उन्हें वहां रखा था। मॉर्चुरी में जो 15 शेल्फ हैं, उनमें से 11 भरे हुए हैं। यदि बाकी शव भी वहां पहुंचा दिए तो उन परिवार वालों के लिए दिक्कत होगी, जिनके परिजन की मौत कोरोना से नहीं हुई है।

रिपोर्ट आने तक पड़े रहते हैं शव

एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी में कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच सायन अस्पताल में ही होती है। धारावी के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, धारावी में कोरोना के मरीजों की संख्या 700 के पार जा चुकी है। धारावी के लिए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और साईं अस्पताल को क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया है। 

सायन अस्पताल में टेस्ट होने के लगभग 15-20 घंटे में रिपोर्ट आती है। यहां के इमरजेंसी वॉर्ड में 20 बेड हैं। जहां कोविड और नॉन कोविड दोनों तरह के मरीज रखे गए हैं। ऐसे में अगर इमरजेंसी वॉर्ड में किसी मरीज की मौत हो जाए तो उसकी लाश कोविड टेस्ट की रिपोर्ट आने तक वहीं पड़ी रहती है। उसके आसपास के पलंग पर मरीजों को लेटने को कहा जाता है।

नीतेश राणे का ट्वीट

भाजपा नेता नीतेश राणे ने भी वीडियो ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, ‘सायन अस्पताल में शवों के बीचमरीज भी सो रहे हैं। यह अति है। यह किस तरह का प्रशासन है। बहुत ही शर्मनाक बात है।’

कम्युनिटी वर्कर मतिउर्रहमान बताते हैं कि जिस रोज वे अपने अंकल तालिब शेख को सायन अस्पताल लेकर गए थे तो एक शव रात से वॉर्ड में रखा हुआ था। दूसरी मौत सुबह 10 बजे हुई थी। वह शव भी शाम 5 बजे तक वहीं रखा हुआ था। आसपास दूसरे मरीज थे। लेकिन जिसकी मौत होती है, उसकी कोविड की रिपोर्ट आए बिना कोई शव को हाथ भी नहीं लगाता है। अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो ऐसे ही उसकी बॉडी परिवार वालों को दे दी जाती है। लेकिन रिपोर्ट आने तक शव वहीं रखा रहता है।

पूर्व सीएम ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

इस घटना पर पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा,’सायन हॉस्पिटल में हुई यह घटना बेहद गंभीर है। शव के बगल में कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज जारी रखना एक गंभीर बात है। सवाल यह है कि क्या मुंबईकरों का कोई रखवाला नहीं बचा? सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटना दोबारा न हो।’

सायन अस्पताल में केवल कोरोना की जांच होती है। जांच में अगर कोई पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे इलाज के लिए कस्तूरबा अस्पताल भेज दिया जाता है। लेकिन जिस तरह से धारावी में मामले बढ़ रहे हैं अस्पताल के लिए उन्हें संभालना बेहद मुश्किल हो रहा है। धारावी में सोशल वर्क से जुड़े फहाद अहमद बताते हैं कि जो आंकड़ा धारावी का बताया जा रहा है वह सिर्फ दस फीसदी है। वहां ऐसे कई लोग हैं जो कोरोना के मरीज हैं लेकिन अस्पताल नहीं जा रहे हैं। टेस्ट नहीं करवा रहे हैं।

वहीं, धारावी के नगर पार्षद बाबू खान का कहना है कि कोरोना के मरीजों की लाशें जिंदा लोगों के साथ रखी गई हैं। शुरू में तो ऐसे ही बिना कपड़े के बॉडी पड़ी रहती थी, लोग डर के मारे दुबके अपने-अपने बेड पर पड़े रहते थे, अब बस इतना हुआ है कि उसे लपेट दिया जाता है। खबर चाहे अब आ रही हो लेकिन यहां ऐसा शुरू से ही हो रहा है।

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