हिन्दू धर्म में भी पति-पत्नी के महत्वपूर्ण रिश्ते के बारे में काफी कुछ कहा गया है। वह घर की लक्ष्मी कही जाती है और ये जाहिर सी बात है की यदि लक्ष्मी प्रसन्न होगी तभी घर में खुशियां आएगी। हिन्दू धर्म में पत्नी को पति की वामांगी कहा गया है, यानी कि पति के शरीर का बांया हिस्सा। इसके अलावा पतिव्रता स्त्री को पति की अर्द्धांगिनी भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है पत्नी, पति के शरीर का आधा अंग होती है। दोनों शब्दों का सार एक ही है, जिसके अनुसार पत्नी के बिना एक पति अधूरा माना गया है।
गरुण पुराण में पत्नी के बहुत से ऐसे गुडो के बारे में बताया गया है जिन गुणों के होने से उस पत्नी को बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है शास्त्रों के अनुसार जिस व्यक्ति की पत्नी में ये गुण हों, उसे स्वयं को देवराज इंद्र यानी भाग्यशाली समझना चाहिए। ऐसे में हमें नहीं लगता कि दुनिया में कोई गलती से भी ऐसा इंसान होगा भी जिसे इस तरह की पत्नी ना चाहिए हो जो शादी के बाद घर को स्वर्ग बना दे| तो आइये जानते हैं कि कौन सी होती हैं वो लड़कियां जिनसे शादी के बाद मिलता है स्वर्ग जैसा सुख| आइये जानते है ऐसी स्त्रियों के बारे में विस्तार से|
1.गृह कार्य में दक्ष
गृह कार्य में दक्ष से तात्पर्य है वह पतिव्रता स्त्री जो घर के काम काज संभालने वाली हो। घर के सदस्यों का आदर-सम्मान करती हो, बड़े से लेकर छोटों का भी ख्याल रखती हो। जो स्त्री घर के सभी कार्य जैसे- भोजन बनाना, साफ-सफाई करना, घर को सजाना, कपड़े-बर्तन आदि साफ करना, यह कार्य करती हो वह एक गुणी पत्नी कहलाती है।
2.प्रियवादिनी
दोस्तों मीठा बोलना एक अच्छी आदत मानी जाती है प्रियवादिनी से तात्पर्य है मीठा बोलने वाली स्त्री। आज के जमाने में जहां स्वतंत्र स्वभाव और तेज-तरार बोलने वाली पत्नियां भी है। जो नहीं जानती कि किस समय किस से कैसे बात करनी चाहिए।और किसी से भी बेतुका अंदाज़ में बात करती है|
3.संयमित भाषा में बात करने वाली
गरुण पुराण में दिए गए निर्देशों के अनुसार अपने पति से सदैव संयमित भाषा में बात करने वाली, धीरे-धीरे व प्रेमपूर्वक बोलने वाली स्त्री ही गुणी पत्नी होती है। पत्नी द्वारा इस प्रकार से बात करने पर पति भी उसकी बात को ध्यान से सुनता है व उसके इच्छाएं पूरी करने की कोशिश करता है।
4.सभी से प्यार से बात करने वाली
किसी से भी प्यार से बात करना एक अच्छी बात होती है परंतु केवल पति ही नहीं, घर के अन्य सभी सदस्यों या फिर परिवार से जुड़े सभी लोगों से भी संयम से बात करने वाली स्त्री एक गुणी पत्नी कहलाती है और वहां कलह और दुर्भाग्य नहीं आता।
5.पतिपरायणा
पतिपरायणा यानी पति की हर बात मानने वाली स्त्री भी गरुण पुराण के अनुसार एक गुणी पत्नी होती है। जो औरत अपने पति को ही सब कुछ मानती हो तथा कभी भी अपने पति के बारे में बुरा ना सोचती हो, उसे देवता के समान मानती हो वह पतिव्रता स्त्री गुणी है।
6.धर्म का पालन करने वाली
विवाह के बाद एक स्त्री ना केवल एक पुरुष की अर्धांगिनी बनकर नए घर में प्रवेश करती है, वरन् वह उस नए घर की बहु भी कहलाती है। उस घर के लोगों और संस्कारों से उसका एक गहरा रिश्ता बन जाता है।