19 थाना क्षेत्रों को छोड़कर मणिपुर में AFSPA कानून छह महीने के लिए बढ़ा, जानिए कब से लागू

इंफाल । मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में AFSPA अभी लागू रहेगा। सरकार ने इसे 1 अक्टूबर से छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। सिर्फ 19 थाना क्षेत्रों को इससे अलग रखा गया है। जिन 19 थाना क्षेत्रों को AFSPA से अलग रखा गया है, उनमें इंफाल, लेंफेल, सिटी, सिंग्जमेई, सेकमई, लामसांग, पत्सोई, वांगोई, पोरोमपट, हेंगेंग, लामलाई, इरिलबुंग, लेमखोंग, थोबुल, बिष्णुपुर, नांबोल, मोइरोंग, काकचिंग और जिरिबम शामिल हैं।

इस बीच, राज्य में दो लापता स्टूडेंट्स की हत्या के विरोध के बाद में हिंसा बढ़ गई है। 26 सितंबर को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। जिसमें पुलिस को गोली चलानी पड़ी।

बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी प्रदर्शन हुआ। हजारों छात्र सड़क पर विरोध जताने उतरे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की जिसमें कुछ स्टूडेंट घायल हुए।

वहीं इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) की महिला शाखा ने भी पांच महीने के दौरान आदिवासियों की हत्या और बलात्कार की CBI जांच के आदेश में देरी के खिलाफ चुराचांदपुर में प्रदर्शन किया।

उधर स्टूडेंट की हत्या की जांच के लिए CBI आज इंफाल जाएगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार साथ मिलकर काम कर रही हैं। दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी होगी।

23 सितंबर : राज्य में 23 सितंबर को मोबाइल इंटरनेट से बैन हटने के बाद दो स्टूडेंट्स के शवों की फोटो सामने आई थी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। फोटो में दोनों की बॉडी जमीन पर पड़ी हुई नजर आ रही है। साथ ही लड़के का सिर कटा हुआ है। हालांकि दोनों के शव अभी तक नहीं मिले हैं। जुलाई में दोनों स्टूडेंट्स एक दुकान में लगे CCTV कैमरे में दिखाई दिए थे, लेकिन उसके बाद से उनका पता नहीं चल सका है।

26 सितंबर : इंफाल शहर में 26 सितंबर को सुरक्षाबलों और स्टूडेंट्स के बीच झड़प हुई। इसमें 1 टीचर सहित 54 छात्र घायल हो गए। स्टूडेंट्स जुलाई से लापता दो स्टूडेंट्स की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने एक बार फिर मोबाइल इंटरनेट पर 1 अक्टूबर तक के लिए बैन लगा दिया है।

26 सितंबर : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें प्रदर्शन कर रहे लोगों से निपटने के दौरान एक RAF जवान को यह कहते सुना गया कि ये हमारी जाति के नहीं है, जो करना है करो। मणिपुर पुलिस ने इस वीडियो का खंडन किया। पुलिस के मुताबिक, क्लिप में आवाज RAF जवान की नहीं है। सिक्योरिटी फोर्स की इमेज खराब करने के इरादे से यह किया गया।

खड़गे बोले – खूबसूरत राज्य मणिपुर युद्धक्षेत्र में बदला

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और उनसे BJP के अक्षम मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने का आग्रह किया।

खड़गे ने X (पूर्व टि्वटर) पर पोस्ट किया- 147 दिनों से मणिपुर के लोग पीड़ित हैं, लेकिन पीएम मोदी के पास राज्य का दौरा करने का समय नहीं है। इस हिंसा में छात्रों को निशाना बनाए जाने की भयावह तस्वीरों ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर दिया है। अब यह स्पष्ट है कि हिंसा के खिलाफ इस संघर्ष में महिलाओं और बच्चों को हथियार बनाया गया। खूबसूरत राज्य मणिपुर को युद्ध के मैदान में बदल दिया गया है, यह सब बीजेपी के कारण है! अब समय आ गया है कि पीएम मोदी बीजेपी के अयोग्य मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त करें।

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