ज्योतिषी बनकर भोलेनाथ ने श्री राम के दर्शन किये

भास्कर समाचार सेवा

सिकंदराबाद। नगर ले रामवाड़ा स्थिति रामलीला मैदान के 29 अप्रेल से चल रही श्री राम कथा के पांचवे दिन कथा व्यास देवकीनंदन महाराज ने जब श्री राम का जन्म होता है तो उनके दर्शन के लिये आसपास के राजा देवी देवता उनके दर्शन के लिये आतुर थे । कथा वाचक महाराज ने उसी का वर्णन करते हुए बाबा भोलेनाथ को श्री राम दर्शन के लिये तरह तरह की प्रचंड रचने पड़े तब जाकर कहीं श्री राम के दर्शन हो पाए। कथा वाचक देवकीनंदन महाराज ने कथा के द्वारा बताया कि जब कौशल्या मां ने श्रीराम को जन्म दिया तो वहां के राजा वह देवी देवताओं में देवी देवताओं को श्री राम के दर्शन के लिए होड़ लग गई लेकिन मां कौशल्या श्री राम के को किसी को नजर ना लग जाए इसलिए किसी को दर्शन देने के लिए आज्ञा नहीं दे रही थी वही भगवान शंकर भोलेनाथ शंकर ने कभी बाबा बनकर तो कभी ज्योतिषी बनकर श्री राम के दर्शन के लिए मां कौशल्या ने अपने बच्चे के भविष्य के बारे में जानने के लिए भोलेनाथ ज्योतिषी के रूप में प्रवेश दे दिया जैसे ही भगवान भोलेनाथ ने श्री राम के दर्शन किए तो वह अपने अपना सुधबुध खो बैठे श्री राम भगवान इतने सुंदर थे कि वह भोलेनाथ जी के रूप में सब कुछ गए और समाधि की मुद्रा आँखे बंद करके देखते रहे मां कौशल्या ने ज्योतिषी के माथे पर तेज देखकर उन्हें पहचान लिया उनसे श्रीराम के वर्तमान में भूतकाल के बारे में पूछा तो ज्योतिषी बनकर आए भोलेनाथ ने कहा कि इस बच्चे को कोई बाबा ले जाएंगे जो कि इस की शिक्षा दीक्षा व विवाह कराएंगे और यह बच्चा बहुत शक्तिशाली और बुद्धिमान होगा धर्म की स्थापना करने वाला होगा और स्वयंबर में धनुष तोड़ कर इसकी शादी होगी । श्री राम कथा का श्रवण करने के लिए नगर और क्षेत्र के श्रद्धालुओं की भीड़ पंडाल में उमड़ रही है । वही श्रीराम कथा में भगवान श्री राम के जन्म उत्सव की कथा सुनकर श्रद्धालु झूम उठे और पंडाल में जमकर नृत्य किया। कथा वाचक देवकीनन्दन महाराज ने मंगलवार को हुनमान जी के जन्मोत्सव की प्रसंग सुनाया और हनुमान चालीसा का पाठ कर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया पंडाल में जय श्री राम जय हनुमान से गुज उठा। इस मौके पर अध्यक्ष हरिओम पंसारी, सचिव सजल गर्ग ,नवनीत सिंघल,तरुण गर्ग गेसुपुर वाले ,सौरव गर्ग पंसारी,तरुण गर्ग बर्तन वाले,सचिन गर्ग,मोनू वर्मा रामप्रकाश बंसल,टीटू वर्मा,मनोज गर्ग ,पंडित राकेश शर्मा, कमल किशोर गुप्ता का कथा में विशेष सहयोग रहा ।

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