चार हत्याकांड में बड़ा खुलासा : लेटर ने खोला राज़, जिम ट्रेनर ने दिया हत्याओं को अंजाम

फरीदाबाद । सेक्टर-7ए में हुए चार लोगों के हत्या के मुख्य आरोपी की पुलिस ने शिनाख्त कर ली है। पुलिस ने आरोपी के घर रेड करके वहां से वारदात में प्रयुक्त स्कूटी, चॉबी, बैग व खून से सना एक कपड़ा बरामद किया है। आरोपी की पहचान जिम ट्रेनर के रुप में हुई है। हालांकि आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है, जिसे पकडऩे के लिए अपराध शाखा की 10 टीमें दबिश दे रही है। रविवार को पत्रकार वार्ता के दौरान मामले का खुलासा करते हुए एसीपी क्राईम अनिल कुमार ने बताया कि आरोपी की पहचान मुकेश पुत्र रामफल निवासी डबुआ कालोनी के रुप में हुई है, जो सेक्टर-7ए स्थित जिम में बतौर ट्रेनर कार्यरत था और डाक्टर दंपत्ति के पुत्र का दोस्त भी है। आज सुबह आरोपी के भाई ने एक लेटर डबुआ पुलिस को सौंपा।

जिसमें आरोपित ने ख़ुद अपना गुनाह क़बूल किया है। उन्होंने बताया कि पत्र में लिखा है कि यह चारों हत्याएं उसने की है और वह भी सुसाइट कर सकता है। फिलहाल वह फरार है, जिसे पकडऩे के लिए पुलिस टीम जुटी हुई है।

एसीपी क्राईम ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के बाद ही हत्या के मुख्य कारणों का खुलासा हो पाएगा। उन्होंने बताया कि सेक्टर-7ए में मेहंदीरत्ता दंपती व उनके बेटी-दामाद की हत्या मामले में क्राइम सीन की गहनता से जांच के बाद पुलिस को कई अहम बिंदु मिले हैं। घर में किसी की जबरन एंट्री या लूटपाट के सबूत न मिलने से पुलिस का निष्कर्ष है कि किसी बेहद नजदीकी व्यक्ति ने रंजिश में हत्या को अंजाम दिया है। गौरतलब है कि सेक्टर-7ए में शनिवार को बुजुर्ग दंपती सहित उनके बेटी व दामाद की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी।

मृतकों में 60 वर्षीय प्रवीन मेहंदीरत्ता, उनकी पत्नी 55 वर्षीय भारती, बेटी प्रियंका और दामाद सौरभ कटारिया शामिल हैं। सौरभ कटारिया मूलरूप से मेरठ के इंद्रापुरम के रहने वाले थे, इस समय पत्नी के साथ गाजियाबाद वैशाली में रहते थे। बेटी और दामाद शुक्रवार रात में मेहंदीरत्ता दंपती से मिलने आए थे।

प्रवीन मेहंदीरत्ता रेडियोलॉजिस्ट थे। घर पर ही सावित्री एक्सरे नाम से रेडियोलॉजी लैब चलाते थे। मेहंदीरत्ता दंपती यहां बेटे दर्पण के साथ रहते थे। बेटा गुरुग्राम स्थित एक कंपनी में इंजीनियर है। शुक्रवार को उसकी नाइट शिफ्ट थी। रात 9.30 बजे वह ड्यूटी चले गए थे। शनिवार को दोपहर डेढ़ बजे तक जब दंपती का घर नहीं खुला तो पड़ोसियों को संदेह हुआ, वे उनके घर गए तो वारदात का पता चला।

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