दिल्ली दंगों की चांदबाग में रची गई थी साजिश, व्हाट्सअप चैट से हुआ पर्दाफाश

दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों से पूरा देश दहल उठा था. इन दंगों में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी. कंटरपंथी मुस्लिम और उग्र वामपंथियों ने मिलकर हिंसा की स्क्रिप्ट लिखी थी. दिल्ली पुलिस की जांच में एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने दायर चार्जशीट में दंगों की साजिश का बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने चार्जशीट में सबूत के तौर पर व्हाट्सएप ग्रुप चैट और कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड (CDR) को भी शामिल किया गया है.

आरोप पत्र में कहा गया कि व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए दिल्ली को जलाने की साजिश रची गई. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया कि साजिशकर्ताओं ने दंगों के लिए बसों का इंतजाम किया और 300 महिलाओं समेत कई लोगों को इकट्ठा किया.

इतना ही नहीं, इसमें यह भी बताया गया कि आरोपितों ने दंगे करवाने के लिए 16-17 फरवरी की देर रात चांदबाग में मीटिंग करने का निर्णय लिया था. यहीं इनके बीच यह बात हुई कि दिल्ली में चल रहे प्रोटेस्ट के अंतिम चरण को उत्तरपूर्वी दिल्ली के इलाकों में अंजाम दिया जाएगा. इसमें नार्थ ईस्ट, शाहदरा, साउथ डिस्ट्रिक्ट, चांदबाग, जफराबाद एरिया को प्रदर्शन के हॉटस्पॉट के तौर पर चिन्हित किया गया.

हलफनामे में इस बात का उल्लेख है कि बैठक में शामिल प्रमुख लोगों को यह मालूम था कि जो प्रोटेस्ट मुस्लिम बहुल इलाकों में साइड लेन पर चल रहा है उसे बड़ी सावधानी से मिश्रित जनसंख्या वाले इलाकों में ‘चक्का जाम’ में बदलने की आवश्यकता है ताकि सामान्य आवाजाही बाधित हो और दंगे हो सकें.

यहां बता दें कि इसी चक्का जाम के बाद से उत्तरपूर्वी दिल्ली में दंगे होना शुरू हुए थे. दंगाइयों ने पुलिस पर हमला बोला था और सार्वजनिक संपत्तियों को आग के हवाले किया गया था. इसके अलावा इसी चक्का जाम के बाद कॉन्सटेबल रतन लाल समेत कई लोगों की मृत्यु हुई थी.

पुलिस ने अपनी चार्जशीट में उन सभी लोगों के नाम का उल्लेख किया है जो उस बैठक में शामिल हुए और बाद में दंगों के मामले में व रतन लाल की हत्या के केस में उनकी गिरफ्तारी भी हुई। पुलिस ने चार्जशीट के साथ कई कॉल डिटेल्स का हवाला दिया है.

इसके अलावा कुछ चैट्स ऐसी हैं जो इस समय व्हॉट्सएप पर वायरल हो रही है. इनमें कुछ चैट सफूरा जरगर से संबंधित हैं जिनकी गर्भावस्था में हुई गिरफ्तारी को लेकर कुछ दिन पहले तक हाय-तौबा मचा हुआ था.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसी ही एक चैट में सफूरा जरगर ने उस दौरान ग्रुप में लिखा था, “जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास चक्का जाम कर दिया गया है और लोगों को वहां पर चक्के जाम के सपोर्ट के लिए इकठ्ठा करना है. यह भी तय किया गया कि 23 फरवरी को चांदबाग से इकठ्ठा होकर बाकी साइट्स पर जाकर चक्का जाम करना है क्योंकि चक्का जाम होगा तभी दंगा होगा. क्योंकि जब तक दंगा नहीं होगा तब तक हमारी बात कोई नही सुनेगा.”

फिर जेसीसी-जेएमआई ग्रुप में हुई एक चैट में सफूरा जरगर को एक शहजर नाम के लड़के को चुप कराते देखा जा सकता है. वह कहती हैं कि यहीं सारे प्लॉन लिख दोगे तो एग्जिक्यूट क्या करोगे.

पुलिस ने अपने हलफनामे में उन लोगों का भी खुलासा किया है, जिनकी निगरानी में पूरी साजिश रची गई. यूनाइटेड हेट अगेंस्ट के नदीम खान को एक राशिद नाम के व्यक्ति ने रात के 2:36 पर कॉल किया था. यह कॉल उस समय की गई थी, जब दंगों से पहले मीटिंग चल रही थी. वहीं अत्थर खान (आम आदमी पार्टी नेता और बैठक का आयोजन करने वाले) को भी फिल्ममेकर राहुल रॉय ने 23 फरवरी को 12:18 कॉल किया था.

यहां बता दें, कि अभी तक जो व्हॉट्सएप चैट सामने आई हैं उनमें से एक में देखा जा सकता है कि अब्दुल अजीज नाम का व्यक्ति कहता है कि जहांगीरपुरी से कुछ लोग बसों में बैठकर शाहीन बाग जा रहे हैं, जिनकी गेदरिंग 250-300 है जिनमें करीब 80% औरतें हैं इस्त्राफिल, तबरेज की लीडरशिप में शाहीन बाग चली गई हैं.

इस चैट में जो 250-300 महिलाओं का उल्लेख है उन्हें लेकर चार्जशीट में दावा है कि 23 फरवरी 2020 की सुबह 8.41 मिनट पर तरबेज नाम के युवक ने जाह्नवी मित्तल को कॉल किया और उसे अपने पास उपलब्ध मैन पावर और लॉजिस्टिक्स की जानकारी दी.

फिर जाह्नवी मित्तल ने इन महिलाओं को पहले बड़ी चालाकी से शाहीन बाग ले जाने की बात की. उसके बाद 1:03 मिनट पर जब इनकी गाड़ियां मोरी गेट पहुंची तो उसने तबरेज को कहा कि उन सबको शाहीन बाग से जाफराबाद ले आया जाए.

पुलिस के हलफनामे के मुताबिक शाम 4:30 बजे 1 घंटे 15 मिनट का सफर तय करके तबरेज की देख रेख में इन महिलाओं को 6 बस और 1 ट्रक में भर कर शाहीन बाग से जाफराबाद लाया गया. इसकी जानकारी राहुल रॉय को टेलीफोन पर पिंजरा तोड़ की देवांगना कालिता ने स्वयं दी और यह भी बताया जाफराबाद में हमले के बाद इन महिलाओं को जहांगीर पुरी छोड़ा गया. बता दें हिंसा के लिए लाई गई महिलाओं की गाड़ियों का किराया देवांगना कलिता और नताशा नरवाल ने चुकाया था.

इसके अलावा इसमें से एक चैट में ओवेस सुल्तान खान नामक व्यक्ति का भी सामने आया है. हर चैट में इसका मैसेज पढ़कर यही समझ आ रहा है कि ओवेस लगातार साजिशकर्ताओं को समझाने की कोशिश कर रहा था. लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं थी.

वह एक डीपीएसजी ग्रुप में लिखता है, “मैं शिक्षित नहीं हूं लेकिन मैं इतना बता सकता हूं कि पिछली रात में रोड ब्लॉक करने का जो तुम्हारा प्लान था उसके बारे में स्थानीय लोग सब जानते हैं. तुम्हारा जो प्लान है उससे हिंसा भड़क सकती है. इसलिए आग से मत खेलो, ये केवल तुम्हें ही नहीं बल्कि हम सबको नुकसान पहुंचाएगा. हमारा प्रदर्शन अहिंसात्मक होगा. हम विचारों के जरिए लोगों को प्रभावित करेंगे.”

इसके बाद यही ओवेस सुल्तान एक मैसेज में यह भी कहता है, “तुम्हारी इच्छाओं के कारण सीलमपुर के स्थानीय लोग बड़ी मुश्किल में है. हर स्थानीय चिंता में है. हमारे पास अब भी 1992, 2006 और हालिया हिंसा के जख्म हैं जहां तुम में से कोई भी हमारे लिए खड़ा नहीं हुआ. बेहद गैर जिम्मेदाराना रवैया है.”

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