Drug Case: आर्यन क्यों नहीं मिली बेल? जज ने कही ये बड़ी बात, बोले…

 मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में आर्यन खान समेत तीन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज करते हुए स्पेशल कोर्ट के जज वीवी पाटिल ने कहा कि तीनों आरोपी ड्रग्स के मामले में उलझे हुए थे. ऐसे में उन्हें अगर जमानत दी गई तो आरोपी फिर से वैसा ही अपराध कर सकते हैं. इसके बाद नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत विशेष अदालत में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और दो अन्य आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी.

पिछले सप्ताह अदालत ने आर्यन खान, अभिनेता अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धनेचा की याचिका पर सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 18 पेज के आदेश में न्यायाधीश वीवी पाटिल ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता है कि आवेदक नंबर 1- आर्यन खान, 2- अरबाज मर्चेंट और 3- मुनमुन धनेचा इस तरह के अपराध के दोषी नहीं हैं और उनके जमानत पर बाहर रहते हुए ऐसा अपराध दोबारा करने की संभावना नहीं है.

अदालत ने आगे कहा कि यह एक गंभीर मामला है, जिसमें प्रथम दृष्टया आरोपी आर्यन, अरबाज और मुनमुन की संलिप्तता को देखते हुए साफ है कि यह जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है. प्रथम दृष्टया रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री से पता चलता है कि एनडीपीएस अधिनियम की धारा 29 इस मामले में लागू है. इसलिए एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 की सख्ती भी इस केस में लागू होगी. इसलिए यह मान लेना मुश्किल है कि आवेदकों ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत कोई अपराध नहीं किया है.

धारा 29 के मुताबिक जो कोई इस चैप्टर के तहत किसी आपराधिक साजिश में शामिल होता है, या उसका पक्ष होता है, फिर चाहे किसी के उकसावे या आपराधिक साजिश के तहत ऐसा अपराध किया गया हो या नहीं. यह दंडनीय अपराध के तहत ही माना जाता है. उदाहरण के लिए, यदि एक आरोपी जो ड्रग पेडलर है, उसे दोषी ठहराया जाता है, तो साजिश का हिस्सा बनने वाले अन्य लोगों को भी दंडित किया जाएगा. भले ही इस मामले में उसकी सक्रिय भूमिका ना हो.

एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 उन अपराधों से संबंधित है जो संज्ञेय और गैर-जमानती होते हैं. ऐसे मामलों में जमानत के लिए आवेदन की अनुमति देने से पहले कई पुख्ता पहुलओं पर गौर करने की ज़रूरत पड़ती है.

आर्यन समेत तीनों आरोपियों की जमानत पर सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुछ ड्रग पेडलर्स के साथ आर्यन के कुछ व्हाट्सएप चैट भी कोर्ट को दिखाए. जिसमें बातचीत कथित तौर पर भारी मात्रा में खरीदी जा रही हार्ड ड्रग्स के इर्द-गिर्द घूमती है.

जज पाटिल ने कहा कि प्रथम दृष्टया व्हाट्सएप चैट से पता चलता है कि आरोपी नंबर 1 यानी आर्यन खान नियमित तौर पर मादक पदार्थों और अवैध ड्रग्स से जुड़ी गतिविधियों में लिप्त थे. इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि जमानत पर रहते हुए आरोपी के समान अपराध करने की संभावना नहीं है.

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें