AAP नेता राजकुमार के घर से छापेमारी कार्रवाई कर 23-घंटे बाद निकली ED, जानिए क्या बोल गए मंत्री आनंद

नई दिल्ली। इनफोर्समेंट डॉयरेक्टरेट (ED) ने गुरुवार को दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और AAP नेता राजकुमार आनंद के घर छापा। ED ने करीब 23 घंटे तक आनंद से पूछताछ की। जांच एजेंसी गुरुवार सुबह 5:40 बजे आनंद के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास पहुंची थी और शुक्रवार सुबह 4:30 बजे के करीब घर से बाहर निकली। ED ने आंनद के घर के अलावा एक दर्जन ठिकानों पर भी छापेमारी की।

ED के जाने के बाद मंत्री आनंद ने कहा- ईडी जिस केस की बात कर रही है, वह बीस साल पुराना है। ये लोग आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं, ये चाहते हैं कि काम की राजनीति न हो।

आनंद का दावा- ED को कार्रवाई के लिए ऊपर से आदेश मिला

ईडी की पूछताछ के बाद ANI से बात करते हुए मंत्री ने कहा- छापेमारी लोगों को परेशान करने का एक बहाना है। उन्हें (ईडी) तलाशी के दौरान कुछ नहीं मिला। उन्हें ऊपर से आदेश मिला है…मुझे लगता है कि इस देश में सच बोलना और गरीबों के लिए राजनीति करना पाप है।

आनंद पर क्या है आरोप

आनंद के खिलाफ ये जांच प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, आनंद के खिलाफ डॉयरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) ने चार्जशीट दाखिल की है। उन पर अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन के अलावा 7 करोड़ रुपये से अधिक की कस्टम चोरी के लिए इंपोर्ट की गलत जानकारी देने का आरोप है। एक स्थानीय अदालत ने हाल ही में DRI की शिकायत पर संज्ञान लिया जिसके बाद ED ने आनंद के खिलाफ PMLA केस दर्ज किया।

कौन हैं राजकुमार आनंद

राजकुमार आनंद साल 2020 में पहली बार पटेल नगर सीट से विधायक बने थे। इससे पहले उनकी पत्नी वीना आनंद भी इसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की जगह राजकुमार आनंद कैबिनेट में शामिल हुए थे। शराब नीति केस में ED ने 2 नवंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि केजरीवाल ED ऑफिस नहीं पहुंचे। उन्होंने ED को जवाब भेजा। जिसमें लिखा- ये नोटिस गैर-कानूनी और राजनीति से प्रेरित है। ये नोटिस भाजपा के कहने पर भेजा गया है, ताकि मैं चार राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए न जा सकूं। ED को ये नोटिस वापस लेना चाहिए।’ ED ने 30 अक्टूबर को केजरीवाल को समन भेजा था।

शराब नीति मामले में AAP के तीन बड़े नेता गिरफ्तार

इस वक्त शराब नीति केस में आम आदमी पार्टी के तीन बड़े नेता दो अलग मामलों में कस्टडी और जेल में हैं। ये नेता हैं- सत्येंद्र जैन, जो आय से अधिक संपत्ति और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं, मनीष सिसोदिया, जो शराब नीति घोटाले में CBI की कस्टडी में हैं और संजय सिंह, जो शराब नीति घोटाले में ED की कस्टडी में हैं।

सत्येंद्र जैन-गिरफ्तारी- 31 मई 2022

31 मई 2022 को दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को ED ने गिरफ्तार किया था। ये गिरफ्तारी 24 अगस्त 2017 को CBI की तरफ से दर्ज FIR को आधार बनाकर की गई थी। आरोप था कि जैन ने कथित तौर पर दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाई या खरीदी थीं। उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटर्स से 54 शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपए का काला धन भी ट्रांसफर किया। उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया। सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते 18 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत 6 नवंबर तक बढ़ा दी है।

मनीष सिसोदिया: गिरफ्तारी- 26 फरवरी 2023

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को ED ने 10 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके पहले 26 फरवरी को CBI ने गिरफ्तार किया था। दोनों ही एजेंसियों ने दिल्ली शराब घोटाले के मामले में सिसोदिया को आरोपी बनाया है। सिसोदिया के खिलाफ CBI ने भ्रष्टाचार निरोधी कानून और ED ने मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत आरोपी बनाया है।

संजय सिंह: गिरफ्तारी- 4 अक्टूबर 2023

आबकारी नीति केस की चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम है। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। ED ने इसी साल जनवरी में अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था। दरअसल, शराब नीति घोटाले में आरोपी से सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा ने कहा है कि उसके रेस्तरां में संजय सिंह और दिल्ली के बार-रेस्तरां मालिकों के बीच बैठक हुई थी।

अमानतुल्ला खान : PMLA के तहत तीन FIR दर्ज की गईं

10 अक्टूबर को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दिल्ली में आप विधायक अमानतुल्ला खान और उनके सहयोगियों से जुड़े 13 स्थानों पर छानबीन की गई। यह तलाशी दिल्ली वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती और 2018-2022 के दौरान अमानतुल्ला खान द्वारा दिल्ली वक्फ बोर्ड की अध्यक्षता के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर अवैध व्यक्तिगत लाभ से संबंधित मामले में की गई थी।

अमानतुल्ला खान और उनके सहयोगियों की भूमिका सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा तीन और FIR दर्ज की गईं, जिनकी ED जांच कर रही है। जांच से पता चला कि अमानतुल्ला खान ने आपराधिक गतिविधियों से नकद में बड़ी रकम अर्जित की है और इस नकद राशि को अपने सहयोगियों के नाम पर दिल्ली में विभिन्न अचल संपत्तियों की खरीद में निवेश किया गया था। जब्त किए गए कई आपत्तिजनक रिकॉर्ड और सबूत मनी लॉन्ड्रिंग में उनकी भूमिका सामने आई है।

नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू हुई

दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति लाने का मकसद पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। कई बड़े डिस्काउंट देने से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।

जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाला का आरोप लगा

8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा है कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव कर दिए।

19 अगस्त को सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इस पर सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।

जुलाई 2022 सरकार ने नई नीति को रद्द किया

विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया। फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।

फरवरी 2023 को CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया

सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें कथित तौर पर इस घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया। कई बार पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वे जेल में हैं। CBI ने सिसोदिया पर आरोप लगाया कि एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।

मनीष सिसोदिया 103 दिन बाद बीमार पत्नी से मिले, 7 घंटे की जमानत मिली थी

दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी पत्नी सीमा सिसोदिया से 103 दिन बाद मुलाकात की। सीमा मल्टीपल स्केलेरोसिस नाम की बीमारी से जूझ रही हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने सिसोदिया को पत्नी से मिलने के लिए 7 घंटे की जमानत दी थी।

कोर्ट ने सिसोदिया के खिलाफ सप्लिमेंट्री चार्जशीट पर लिया संज्ञान, दिल्ली शराब नीति केस में समन जारी किया

दिल्ली शराब नीति केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ ED के सप्लिमेंट्री चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया को समन भेजा है। इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने शराब नीति केस में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

ED का दावा-शराब घोटाले में 170 मोबाइल तोड़े गए:नीति आने से पहले कॉपी शराब कारोबारियों से शेयर की

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के डिप्टी CM को सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन पर कई फोन को नष्ट करने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने दिसंबर 2022 में दिल्ली की कोर्ट में दावा किया था कि सिसोदिया और अन्य अरोपियों ने 170 बार मोबाइल फोन बदले और फिर इन्हें तोड़ दिया। इससे 1.38 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। एक्साइज स्कैम में सबूतों को बड़े पैमाने पर नष्ट किया गया।

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