समिति सदस्य विशाल दिलीप भुजबल का प्रयास, रेल यात्रियों को सुखद सफर का मिले अहसास

यात्रियों को कभी भी रेल्‍वे में सफर करनेपर सुखद अनुभुती होगी तब अपनी भारतीय रेलवे का विकास होगा। इसलिए भारत सरकार के रेल्वे सलाहकार समिती सदस्‍य पर रहकर रेलवे को अधिक सुधारने के लिए पुणे के नारायणगांव के रहनेवाले विशाल दिलीप भुजबळ जी यात्रींओ के लिए आशावाद बने है।

महाराष्‍ट्र के पुणे जिल्‍हे में जुन्नर तहसील के नारायणगांव एक छोटेसे गांव में रहनेवाले विशाल दिलीप भुजबळ जी । आज गरीब लोग भी तिकीट निकालकर रेल से यात्रा करते है, जब की उनको रेलवे स्‍टेशन पर प्रयाप्‍त सुविधा नहीं मिलती। पानी, सुरक्षा और अच्‍छा खाना इन चीजों पर आज भी कहीं स्‍टेशनपर नहीं मिल पाता है। फिर भी समस्‍योंका हल निकालने ने के लिए और प्रशासन से बात रखने के लिए आगे आत नहीं है। ऐसे में रेलवे का विकास और यात्रीयों को सुखद यात्रा की अनुभूती लाने के लिए विशाल भुजबळ जी भारत सरकार की रेलवे सहलाकार समितीपर सदस्‍य के रूप में चुनें गए है।

राष्ट्रीय युथ आयकॉन 2020 से सन्मानित किए गए विशाल दिलीप भुजबळ जी रेलवे का विकास करने की नयी सोंच रखते है। सामाजिक क्षेत्र में काम करने का बडा अनुभव उनके साथ रहने से लोगों की भावना को अच्‍छी तरह से समजने का प्रयास रखते है।

अपनी निस्‍वार्थ और कडी महेनत से भारतीय रेलवे के दक्षिण पूर्व रेलवे की चक्रधरपुर मंडल रेल सलाहकार समिति मैं उनका चयन किया गया है। उन्‍होने कहा की, भारतीय रेलवे को जागतिक स्‍तर पर बदलने के लिए कुछ परियोजनाओं के तहत बदलाव करना अभी जरूरी है। इस बदलाव में तकनीकी सुधार होना चाहिए, अभी खनिज संपत्‍ती भी कम हो रही है, इसलिए जादातर स्‍टेशनोंपर सोलर एनर्जी का इस्तमाल होना , स्टेशन पर उत्पन्न होने वाले कुडे से अच्छे सेंद्रिय खाद कि निर्मिती, बारीश का पानी इकठठा कर उसको दुसरे काम में उपयोग करने के लिए स्‍टेशन पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग करना , रेल्वे को अधिकाधिक लोकाभिमुख बनाना और पॅसेंजर फ्रेंडली स्टेशन बनाना । आज स्‍टेशन पर बिकनेवाले खाद्य पदार्थ अच्छे होना और स्‍टेशन की सुरक्षा कडी करनेपर विशाल बडीं सोच रखते है। आज भी विशाल भुजबल रेल यात्रियों की शिकायतों के निवारण में हमेशा सबसे आगे रहते है। यह सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वे नीतिगत निर्णय लेने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और रेलवे के सदस्यों की नीति बैठकों में भाग लें, नई रेलवे परियोजनाओं की मांग करें, और रेल यात्रियों की सुविधा पर ध्यान दे।

विशाल भुजबळ जी समिती सदस्‍य के पदपर रहकर रेल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वचनबद्ध है और रेल को जागतिक स्तर पर अनुरूप बनाने के लिए नयी सोंच से कुछ बदलाव करने की कोशिश कर रहे है।
रेल्वे के विकास में एक जबाबदेही भूमिका निभानी होगी।

रेलवे के विकास के लिए कई गैरसरकारी स्वयंसेवी संस्थाओं की मदत लेने के लिए उनको भी आकर्षित करने हेतू संवाद कें कई द्वार खोलने होंगे। रेल को आय कें नये मार्ग बढाने कें लिये नये उपाय ढुंढने होंगे ।इसलिए विशाल नया प्रयास की सोंच रखकर कई प्रस्तावित कार्यों को पूरा करने के लिए एक आश्वासित प्रयास करने में सक्षम होंगे ऐसा सभी को विश्वास सार्थ विश्वास है।

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