गोंडा : विहिप ने मुख्य न्यायाधीश को संबोधित ग्यारह सूत्रीय ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा

गोंडा। मनकापुर में समलैंगिक विवाह के विरोध में विश्व हिंदू परिषद नंदिनी नगर के जिला संयोजक विधि प्रकोष्ठ केके सिंह के नेतृत्व में विहिप पदाधिकारियों ने मुख्य न्यायाधीश भारत सरकार को संबोधित ग्यारह सूत्रीय ज्ञापन तहसीलदार परशुराम को सौंपा है। शनिवार को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि समलैंगिक विवाह जैसी विलक्षण कुरीतियों के खिलाफ समाज को जागरूक करना और विरोध करना हमारा कर्तव्य है। शास्त्रीय हिंदू कानून में विवाह को एक आवश्यक संस्कार माना गया है। पवित्र वेद कहता है कि मनुष्य को अपनी पत्नी और संतान के साथ मिलकर धर्म का पालन करना चाहिए। समान लिंग विवाह की अवधारणा विनाशकारी है। जिसका मुख्य रूप से युवाओं और बच्चों की नैतिकता, चरित्र मानसिकता और स्वास्थ्य पर अत्यंत प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

समाज में विवाह एक परिवार की नींव का आधार है योन व्यवहारों के विनियमन से लेकर के प्रजनन पालन.पोषण बच्चों की सुरक्षा सामाजिकरण और नस्ल संरक्षण विवाह के कुछ मूल उद्देश्य है। समान लिंग व्यवहार की अवधारणा से इन लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया जा सकता।अतः समलैंगिक व्यवहार को विवाह के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। समलैंगिक संबंधों को गैर अपराधीकरण के बाद समान लिंग वाले जोड़ों को विवाह का अधिकार प्रदान करना न्यायालय की अति सक्रियता का प्रतीक है। विवाह एक विशेषाधिकार है जो प्रकृति के नियमों के अनुसार एक परिवार के निर्माण और संरक्षण का अधिकार देता है।

यह हमें सामाजिक अराजकता की ओर ले जाएगा। यह समूह भविष्य में अपनी यौन अल्पसंख्यक स्थित का हवाला देते हुए नए.नए अधिकारों की बात करेगा और अनेक समस्याएं पैदा करेगा। तब स्थिति समाज और न्यायालयों के लिए कहीं अधिक जटिल होगी और समाज में गैरजरूरी संघर्ष पैदा करेगी। इस मौके पर जिला कार्याध्यक्ष जनार्दन सिंह, अरुण कुमार पांडेय, विकास गिरी, दीपू तिवारी, पंकज पाठक, जितेंद्र दुबे, केपी त्रिपाठी, अंबरीश तिवारी, सीपी पाठक, जेपी तिवारी, पीएस पांडेय, शिवराज सिंह, शिवकुमार कौशल आदि लोग मौजूद रहे।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें