इंडो-नेपाल बॉर्डर का गजब का तमाशा, एक ही पास पर निकले कई वाहन

 

बहराइच । इंडो नेपाल सीमा पर जमाखोरों पर नायब तहसीलदार मनीष कुमार वर्मा ने ग्राहक बन एक हजार का फल खरीदने के बाद ग्राहकों की शिकायत को सत्य पाया औऱ विक्रेता के खिलाफ दो दिन बाद मुकदमा  पंजीकृत कर अपराधियों की तलाश जारी है बताते चलें कि वर्मा ने फल के बड़े आढ़ती चांद बाबू पुत्र अज्ञात निवासी नानपारा के विरुद्ध लिखापढ़ी शुरू करा दी। ठीक दूसरे दिन लॉक डाउन व कोरोना महामारी का लाभ लेते हुए सब्जी का बड़ा आढ़ती बाबागंज के पास हत्थे चढ़ गया।जिबराईल नामक उक्त आढ़ती गाड़ी नम्बर यू पी 74 टी 4567 से कोविड-19 लिखी चार पिकप संचालित करता धरा गया उसके पास सिर्फ एक पास ही था यही नही यह थोक आढ़ती फुटकर सब्जी इन्ही वाहनों से बेच रहा था। दोनों मामले रुपईडीहा थाने में सौपने के बाद नानपारा लौट गये.

। दोनों के खिलाफ मुकदमा न लिखें जाने का राजनीति , व्यापारिक तथा पैसे का भी खेल चला लेकिन जमाखोरों व कुछ रूपईडीहा के दलाल भी लगे हुए थे लेकिन दलालो की नही चली उनके खिलाफ मुकदमा संख्या 115 व 116/20 पर पंजीकृत किया गया । रूपईडीहा कस्बा में खाद्यान्न तथा सब्ज़ी का रेट इन्हीं के इसारे पर मनमानी रेट सूची प्रति दिन निर्धारित किया जाता था । इस कार्य मे क़स्बा का एक व्यापारी अपने को पुलिस का हितैषी बनकर ऐसे कार्यों में हस्तक्षेप करता रहता हैं उसी ने रूपईडीह। गाँव मे घटित पुलिस व कोरोना लॉक डाउन तोड़ने वालों को पुलिस कार्यवाही से बचाने का प्रयास भी किया लेकिन पुलिस के हाथ लम्बे होते है कार्यवाही अवश्य होगा । गौरतलब है कि एस डी एम कार्यालय नानपारा से मनमानी पास का वितरण नियमोँ को ताक पर किया गया जिसके कारण नानपारा का एक पास धारी सभासद कुछ अपने रिश्तेदारों को नेपाल के जैसपुर से बुलाकर सब्ज़ी के वाहन से ले जाने का प्रयास कर रहा था लेकिन

रंजन साहनी ने भगा दिया कि वापस चले जाओ नहीं तो कार्यवाही होगी । दरअसल नेपाल सीमा पर खाद्यन्न जमाखोरों की बल्ले बल्ले है मौका मिल गया है बहाना बाहर से माल नही आ रहा है खाद्यानो का रेट असमान छू रहा है ग्राहकों की कमाई नही लेकिन खरीदना उनकी मजबूरी है सम्बंधित अधिकारियों व्यापारियों की हाथों की कठपुतली बनकर रह गये है कार्यवाही के नाम पर कुछ भी नही ?

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