पीएम मोदी ने सरदार पटेल की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का किया उद्धघाटन, देखे VIDEO

पीएम मोदी ने ट्वीट कर सरदार पटेल को दी श्रद्धांजलि, 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का आज करेंगे अनावरण

अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयरन मैन कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ अनावरण करेंगे. यह प्रतिमा गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध पर बनी है. इसे दुनिया की सबसे उंची यह प्रतिमा माना जा रहा है इसकी कुल उंचाई 182 मीटर है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिमा के निर्माण में 25,000 टन लोहे और 90,000 टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है. इसे बनाने के में कुल 5 साल वक्त लगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर गुजरात के नर्मदा जिले में ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’देश को समर्पित करेंगे. सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ 7 किमी दूर से देखा जा सकता है. सरदार सरोवर बांध के पास साधु बेट टापू पर बनाई गई यह प्रतिमा अमेरिका के ‘स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी’ से भी दोगुनी ऊंची हैं.

पीएम का कार्यक्रम

प्रधानमंत्री मोदी सरदार पटेल की प्रतिमा का अनावरण करने गुजरात पहुंच चुके हैं.

पीएम मोदी सुबह करीब 8 बजकर 50 मिनट पर पीएम केवडिया पहुंचेगे. उसके बाद सुबह 9 बजकर 5 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक वैली ऑफ फ्लॉवर्स का दौरा करेंगे.

इस प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरकर केसरिया, सफेद और हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे. सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित कार्यक्रम में पीएम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देश को समर्पित करेंगे. अनावरण के बाद पीएम मोदी सरदार पटेल की प्रतिमा पर एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर फूलों की वर्षा करेंगे.

भव्य कार्यक्रम को होगा आयोजन

लौहपुरुष सरदार पटेल जयंती के इस अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा. इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे. इस कार्यक्रम में देश के 29 राज्यों और 2 केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार भी सांस्कृतिक नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे.

ऊंचाई में दुनिया में टॉप पर
– 182 मीटर ऊंचाई का मतलब कितना होता है? यह जानने के लिए ऐसा समझिए कि अगर किसी व्यक्ति की ऊंचाई 6 फुट है तो यह विशाल प्रतिमा उससे 100 गुनी ऊंची है। दरअसल, प्रतिमा अपने आप में 157 मीटर ऊंची है और मूर्तितल के साथ ऊंचाई बढ़कर 182 मीटर हो जाती है।

– नर्मदा के मध्य में इस मूर्ति का निर्माण कुछ इस तरह से किया गया है कि यह 180 किमी प्रति घंटे की तेज हवाओं को भी आसानी से झेल सकती है।

भूकंप की नो टेंशन
– आमतौर पर 6 की तीव्रता का भूंकप खतरनाक होता है। इसमें जानमाल का भी नुकसान हो सकता है। पिछले साल इंडोनेशिया और मेक्सिको में 6.5 की तीव्रता के भूकंप आए थे, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। हालांकि इस प्रतिमा की खासियत यह है कि 10 किमी की गहराई में 6.5 की तीव्रता के भूकंप को यह आसानी से झेल सकती है। 12 किमी की दूरी में कहीं भी भूकंप आया, इस पर कोई असर नहीं होगा।

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