नई दिल्ली: दिल्ली के CM केजरीवाल थोड़ी देर में यमुना नदी पर बने सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। AAP और BJP के बीच श्रेय लेने की होड़ ने रविवार को उद्घाटन से पहले बदसूरत मोड़ ले लिया। केजरीवाल पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी वहां पहुंच गए हैं और उद्घाटन का विरोध कर रहे हैं। उनके कार्यक्रम में पहुंचने पर हंगामे की स्थिति हो गई है। दिल्ली सरकार की तरफ से उन्हें न्योता नहीं दिया गया है। यहां पहुंचने पर बीजेपी और आप सर्मथकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। मनोज तिवारी ने ट्वीट कर कहा, ‘कुछ शर्म बची है मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल। बैरिकेड लगवा हमें रोक रहे हो।’
#WATCH BJP Delhi Chief Manoj Tiwari, his supporters and AAP supporters enter into a scuffle at the inauguration of the Signature Bridge in Delhi; Police present at the spot pic.twitter.com/NhvqxudDTT
— ANI (@ANI) November 4, 2018
BJP Delhi Chief Manoj Tiwari at the inauguration of the Signature Bridge in Delhi says, "In my constituency (North East Delhi.), I re-started construction of the bridge after it was stalled for many years & now Arvind Kejriwal is organising an inauguration ceremony." #Delhi pic.twitter.com/MijpJnwuiK
— ANI (@ANI) November 4, 2018
दरअसल, मनोज तिवारी के उद्घाटन स्थल पहुंचने के थोड़ी देर बाद हंगामा शुरू हो गया। तिवारी के समर्थकों और आप कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। मौके पर मौजूद पुलिस ने स्थिति को संभालने का काम किया। हालांकि तिवारी का कहना है कि उन्हें उद्घाटन समारोह के लिए न्योता मिला है। मनोज तिवारी ने कहा, ‘कई साल तक इस ब्रिज का काम रुका हुआ था। मैंने इसे दोबारा शुरू करवाया लेकिन उद्घाटन अरविंद केजरीवाल कर रहे हैं।’
तिवारी का आरोप, AAP कार्यकर्ताओं और पुलिस ने की बदसलूकी
हंगामे के बाद मनोज तिवारी ने कहा, ‘मुझे आमंत्रित किया गया है। मैं यहां से सांसद हूं फिर दिक्कत क्या है? मैं क्या कोई अपराधी हूं? मुझे पुलिस ने क्यों घेरा? मैं यहां उनके (केजरीवाल) स्वागत के लिए हूं। मेरे साथ पुलिस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बदसलूकी की।’ दरअसल बीजेपी कार्यकर्ता इस उद्घाटन का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि शनिवार को तिवारी ने ट्वीट कर दिल्ली सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि उद्घाटन के मौके पर वह उपस्थित रहेंगे और वहां से सांसद होने के नाते मुख्यमंत्री का स्वागत करेंगे। वहीं मनोज तिवारी के ट्वीट को लेकर जब दिल्ली सरकार से बात की गई तो सरकार ने साफ किया कि सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन के मौके पर दिल्ली के सभी लोगों को आमंत्रित किया गया है।
#WATCH Following ruckus at inauguration of Delhi's Signature Bridge, BJP MP from North East Delhi Manoj Tiwari says "Police ke jin logon ne mujhse dhakka-mukki ki hai unki shinakht ho gayi hai. Mein in sabko pehchaan chuka hun aur 4 din mein inko bataunga ki police kya hoti hai." pic.twitter.com/Pstba0IreY
— ANI (@ANI) November 4, 2018
AAP का आरोप, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने की मारपीट
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने मनोज तिवारी और उनके समर्थकों पर AAP कार्यकर्ताओं से मारपीट और हुड़दंग करने का आरोप लगाया है। आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे ने कहा कि तिवारी बिना न्योते के उद्घाटन स्थल पर पहुंच गए और हंगामा किया। हंगामे पर पांडे ने कहा, ‘यहां हजारों लोग जुटे हैं, जो बिना किसी न्योते के आए हैं और इस जश्न में शामिल हो रहे हैं। लेकिन सांसद (मनोज तिवारी) खुद को वीआईपी समझ रहे हैं। वह हुड़दंग कर रहे हैं। बीजेपी के लोगों ने AAP के वॉलंटिअर्स और स्थानीय लोगों को पीटा। जख्मी लोग अस्पताल में भर्ती हैं।’
Thousands of people have come here to celebrate without an invitation card, but the MP (Manoj Tiwari) considers himself VIP. He is doing hooliganism. BJP people thrashed AAP volunteers & local people. They are admitted to hospital: Dilip Pandey, Aam Aadmi Party. #SignatureBridge pic.twitter.com/Il0qFQ9GzA
— ANI (@ANI) November 4, 2018
श्रेय को लेकर जंग
बता दें कि डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था कि बीजेपी ने सिग्नेचर ब्रिज का काम रुकवाने के लिए हर संभव कोशिश की। सिसोदिया ने ट्वीट में कहा कि नाकारा अफसरों को इंचार्ज बनाकर एक साल फाइलें नहीं हिलने दीं। अफसरों को डराया धमकाया। हमने लड़ लड़कर फाइलें क्लियर करवाईं। हर हफ्ते निरीक्षण किया।…आखिर सपना पूरा हुआ। उन्होंने मनोज तिवारी को जवाब देते हुए कहा कि यह पुल बीजेपी के लिए शर्मनाक हो सकता है, दिल्ली के लिए गर्व का अवसर है।
कई बार डेडलाइन मिस होने के बाद आखिरकार 14 साल में बना ब्रिज
यह ब्रिज नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली और बाहरी दिल्ली को जोड़ रहा है। करीब 13 साल पहले सिग्नेचर ब्रिज का प्लान किया गया था। यह प्रोजेक्ट 2004 में मंजूर हुआ था और इसे 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए तैयार किया जाना था। मार्च 2010 में इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरू हुआ और बाद में इसकी डेडलाइन दिसंबर 2013 कर दी गई। सोमवार से इस ब्रिज पर वाहनों का आवागमन भी शुरू हो जाएगा। जब यह प्रोजेक्ट बनाया गया था तब इसकी लागत सिर्फ 464 करोड़ रुपये थी। ब्रिज की लागत बढ़ती गई और विभागों के बीच आपसी खींचतान भी बढ़ती गई। रिवाइज एस्टिमेट्स को लेकर फाइलें चलती रहीं।
7 जुलाई 2017 को फाइलों के खेल को देखकर डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने सख्त लिखित टिप्पणी की और कहा कि फाइलों में सिग्नेचर-सिग्नेचर खेलने से ब्रिज पूरा नहीं होगा। डेप्युटी सीएम ने लिखा था कि सिग्नेचर ब्रिज ऐसा लगता है कि फाइलों पर सिग्नेचर का सिंबल बन गया है और सिग्नेचर कलेक्ट करने से सिग्नेचर ब्रिज नहीं बनेगा। पीडब्ल्यूडी और डीटीआईडीसी को मिलकर रिवाइज एस्टिमेट फाइनल करना होगा ताकि ब्रिज को पूरा करने के लिए जरूरी फंड जारी किया जा सके। दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि डेप्युटी सीएम की इस सख्ती के बाद रिवाइज एस्टीमेट तैयार हुआ और फिर काम पूरा हुआ है।