भाजपा सांसद की मांग पर सुनवाई टली, पढ़िए पूरी खबर

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली में सात अस्थायी अस्पताल बनवाने में भ्रष्टाचार की जांच करने की बीजेपी सांसद मनोज तिवारी की शिकायत पर सुनवाई टाल दिया है. एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडेय ने जांच अधिकारी को 9 मार्च तक ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.

आज सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी प्रवीण ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया. जांच अधिकारी ने आगे की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की. जिसके बाद कोर्ट ने 9 मार्च तक ताजा स्टेटस दाखिल करने का निर्देश दिया. 15 फरवरी को सुनवाई के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से जांच अधिकारी ब्रजेश मिश्रा ने बताया था कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 17सी के तहत इस मामले की शिकायत सतर्कता निदेशालय से कर दी गई है. 17 जनवरी को कोर्ट ने जांच अधिकारी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. 6 जनवरी को कोर्ट ने जांच अधिकारी को ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. 9 अक्टूबर 2021 को कोर्ट ने एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था.

मनोज तिवारी ने शिकायत की है कि उन्होंने केंद्र सरकार के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को पत्र लिखकर कहा था कि दिल्ली में सात अस्थायी अस्पतालों के निर्माण में पीडब्डल्यूडी विभाग की ओर से फर्जीवाड़ा किया गया है. ये सात अस्पताल शालीमार बाग, किराड़ी, सुल्तानपुरी, चाचा नेहरु बाल चिकित्सालय, जीटीबी , सरिता विहार और रघुबीर नगर में स्थित हैं. इन अस्थायी अस्पतालों के निर्माण के लिए एक ही कंपनी सैम इंडिया बिल्डवेल प्राईवेट लिमिटेड को ठेका देने में पक्षपात किया गया. इस कंपनी को 1256 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया जबकि इन अस्पतालों को बनाने में अनुमानित लागत 1216 करोड़ रुपये थी. ये भी ठेका बिना दिल्ली सरकार की अनुमति के एक ही दिन में दे दिया गया.

मनोज तिवारी ने अपनी शिकायत में कहा है कि दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येन्द्र जैन , पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर इन चीफ शशिकांत , पीडब्ल्यूडी विभाग के चीफ इंजीनियर संजीव रस्तोगी की भूमिका की जांच हो. शिकायत में कहा गया है कि शशिकांत ने अपने रिटायर होने की तिथि 31 अगस्त को अस्थायी अस्पताल के निर्माण के लिए सैम बिल्डवेल के नाम से 1256 करोड़ रुपये के तीन टेंडर स्वीकृत किए. इन अस्पतालों की टेंडर राशि को संजीव रस्तोगी ने यह कहकर बढ़ा दिया कि स्ट्रक्चरल ट्यूब की कीमत 79 हजार रुपये प्रति टन हो गया है जबकि इसकी कीमत 52,625 रुपये प्रति टन थी.

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