ईरान बोला- गाजा पर बमबारी अमेरिका को पड़ सकता है भारी, चिंता में पड़े “जो बाइडेन”

ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर इजराइल ने गाजा पर बमबारी बंद नहीं की तो अमेरिका भी इसकी चपेट में आ जाएगा। ईरान ने कहा है कि अमेरिका को गाजा और फिलिस्तीन में नरसंहार बंद करना चाहिए। दरअसल, ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन गुरुवार को न्यूयॉर्क में UN जनरल असेंबली के स्पेशल सेशन में शामिल हुए।

ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने कहा है कि गाजा में चल रही लड़ाई तुरंत रुकनी चाहिए। अगर लड़ाई को रोका नहीं गया तो ये फिलीस्तीन से बाहर भी फैल सकती है। ईरानी विदेश मंत्री ने अमेरिका को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि लड़ाई चलती रही तो फिर वो भी इससे बच नहीं पाएंगे। गुरुवार को 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में ईरान के विदेश मंत्री ये बात कही है।

यहां अपने भाषण के दौरान अब्दुल्लाहियन ने इस बात की भी आशंका जताई है कि इजराइल-हमास जंग भविष्य में अमेरिका और ईरान के बीच सीधे संघर्ष में बदल सकती है। अब्दुल्लाहियन ने कहा- मैं अमेरिका को चेतावनी देना चाहता हूं कि अगर फिलिस्तीन में ऐसे ही नरसंहार होता रहा तो अमेरिका को भी बख्शा नहीं जाएगा। हम अपने क्षेत्र, अपने घरों की रक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे।

ईरान ने हमास को फिलिस्तीन की आजादी का आंदोलन बताया

अब्दुल्लाहियन ने भाषण के दौरान कहा कि हमास असल में फिलिस्तीन की आजादी के लिए एक आंदोलन है। इस दौरान ईरानी मंत्री ने 7 अक्टूबर को हमास के हमले को भी सही ठहराया। उन्होंने कहा- हमास को अपने क्षेत्र के लिए लड़ने का पूरा अधिकार है। इसके लिए जरूरत पड़ने पर हिंसा का इस्तेमाल करना भी गलत नहीं है। ईरान के विदेश मंत्री ने हमास के बंधकों की तुलना इजराइली जेल में बंद फिलिस्तीनियों से की।

ईरान बोला- हमास बंधकों को छोड़ने के लिए तैयार

अब्दुल्लाहियन ने कहा- हमास इजराइली बंधकों को छोड़ने के लिए तैयार है। लेकिन फिर पूरी दुनिया को इजराइल की जेलों में बंद 6 हजार फिलिस्तीनियों की रिहाई का समर्थन करना चाहिए। हमास ने हमें कहा है कि वह बंधक बनाए गए आम नागरिकों को छोड़ने के लिए तैयार है। ईरान, कतर-तुर्किये के साथ मिलकर इस मानवीय काम में अपनी भूमिका निभाने को तैयार है।

जॉर्डन ने UN में सीजफायर की मांग की

गुरुवार को जॉर्डन ने अरब देशों की तरफ से UN में जंग के बीच मानवीय संकट का हवाला देते हुए सीजफायर की मांग की। हालांकि, इस प्रस्ताव में हमास के हमले में मारे गए 1400 इजराइलियों और 224 बंधकों का कोई जिक्र नहीं था। जंग में 33 देशों के नागरिक या तो फंसे हुए हैं या उनकी मौत हो चुकी है। जंग रुकवाने के लिए गाजा में मारे गए करीब 7 हजार लोगों के अलावा वहां के मानवीय संकट का हवाला दिया गया है।

इजराइल बोला- ईरान आतंकवादी समर्थक, उसकी UN में कोई जगह नहीं

दूसरी तरफ, UNGA के सेशन के दौरान ईरान के एम्बेसडर गिलाद एर्दन ने भी भाषण दिया। उन्होंने ईरान पर 7 अक्टूबर के हमले का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगा। गिलाद ने कहा कि ईरान ने ही हमास के लड़ाकों की ट्रेनिंग, फंडिंग और उन्हें हथियार पहुंचाने का काम किया है। ईरान के हाथों पर इजराइली नागरिकों के अलावा अमेरिका, यूक्रेन जैसे देशों के लोगों का भी खून लगा हुआ है।

गिलाद ने आगे कहा- आतंकवाद को बढ़ावा देने में ईरान की भूमिका को देखते हुए उसे UNGA के सेशन में आने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए थी। ईरान नाजी मानसिकता के साथ इजराइल को खत्म करना चाहता है और इसके लिए वह हमास का साथ दे रहा है। आतंकवादी देश ईरान के विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन या उनके किसी भी प्रतिनिधि की UN में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

इससे पहले ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई ने गाजा पर इजराइल के हमले के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था- इजराइल हमास पर जो हमले कर रहा है उसके पीछे अमेरिका का हाथ है। गाजा में जो अपराध हो रहे हैं, उसे अमेरिका डायरेक्ट कर रहा है। अमेरिका के हाथ बच्चों, महिलाओं और कई दूसरे लोगों के खून से रंगे हैं। अमेरिका अपराधियों का सहयोगी है।

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