इसरो ने सफलतापूर्वक लॉन्च किया कार्टोसैट-3 सैटेलाइट, अब आतंकियों की खैर नहीं….

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र (इसरो) ने 27 नवंबर की सुबह देश की सुरक्षा के लिहाज से इतिहास रचा है। इसरो ने आज (बुधवार) सुबह 9.28 बजे मिलिट्री सैटेलाइट कार्टोसैट-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। कार्टोसैट-3 सैटेलाइट पीएसएलवी-सी47 रॉकेट के जरिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्चपैड-2 से लॉन्च किया गया। अब भारतीय सेनाएं पाकिस्तान की नापाक हरकत और उनकी आतंकी गतिविधियों पर बाज जैसी नजर रख पाएंगी। आसमान से दुश्मन के हर एक कदम को बारीकी से देखा जा सकेगा। साथ ही जरूरत पड़ने पर इस सैटेलाइट की मदद से सर्जिकल या एयर स्ट्राइक भी कर पाएंगी।

यह थर्ड जेनरेशन के एडवांस्ड हाई रेजोल्यूशन वाले सैटेलाइटों में पहला है। इसे पृथ्वी की कक्षा में 97.5 डिग्री झुकाव पर स्थापित किया जाएगा। कार्टोसैट-3 किसी भी मौसम में धरती की तस्वीरें ले सकता है। इससे पहले इसरो ने 22 मई को सर्विलांस सैटेलाइट रीसैट-2बी और एक अप्रैल को इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट को लॉन्च किया। यह दुश्मनों के रडार पर नजर रखनें में सहायक है।

https://twitter.com/ISRO_News/status/1199543412149481474

कार्टोसैट-3 में हाई रिजॉल्यूशन कैमरा लगा हुआ है। ये कैमरा इतना ताकतवर है कि वह अंतरिक्ष से जमीन पर 1 फीट से भी कम 9.84 इंच की ऊंचाई तक की तस्वीर ले सकेगा। यानी आप की कलाई पर बंधी घड़ी पर दिख रहे सही समय की भी सटीक जानकारी देगा। या यह कहें की पहले जहां सैटेलाइट तस्वीरों से यह पता चलता था कि सड़क पर खड़ी गाड़ी किस रंग की है या किस गली से गुजर रही है? वहीं कार्टोसैट-3 के प्रक्षेपण के बाद भारत के पास यह जानकारी भी पुख्ता होगी किस सड़क पर खड़ी गाड़ी जिस रंग की है उसके नंबर प्लेट पर आखिर क्या लिखा है।

बता दें कि भारत ने इस सीरीज का पहला उपग्रह कार्टोसैट-1 5 मई 2005, दूसरा कार्टोसैट-2 को 10 जनवरी 2007 को, तीसरा कार्टोसैट-2A को 28 अप्रैल 2008 को, चौथा कार्टोसैट-2B को 12 जुलाई 2010, पांचवां सैटेलाइट 22 जून 2016, छठा 15 फरवरी 2017, सातवां सैटेलाइट 23 जून 2017, आठवां सैटेलाइट 12 जनवरी 2018 को लॉन्च किया गया था। अब इस सीरीज का नौवां उपग्रह प्रक्षेपित किया जा रहा है।

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