भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व शुक्रवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सुबह से मंदिरों में भीड़ उपड़ रही है और श्रद्धालुओं द्वारा व्रत रखकर पूजा-अर्चना की जा रही है। वहीं, शहर के विभिन्न मंदिरों में जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में विशेष आयोजन हो रहे हैं। गुरुवार की देर रात्रि को आकर्षक विद्युत और पुष्पों से मंदिरों को सजा दिया गया था और भगवान श्रीकृष्ण के लिए झूला भी बनाए गए हैं। शुक्रवार आधी रात को 12 बजे कृष्ण कन्हैया का जन्मोत्सव आतिशबाजी के साथ मनाया जाएगा।
जन्माष्टमी को लेकर लोगों की अपनी-अपनी मान्यताएं होती हैं। इस त्योहार को लेकर खास कर लोगों में काफी उत्साह रहता है क्योंकि इसमें वे भगवान कृष्ण के अनेक रुपों की पूजा करते हैं। खास तौर पर बच्चों को छोटे नटखट कान्हा का रुप देकर इसे अलग ही अंदाज में सेलिब्रेट करने की भी परंपरा है। इस उपलक्ष्य में सोशल मीडिया एप टिक टॉक पर कई वीडियोज वायरल हो रहे हैं।
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भाद्रपक्ष की कृष्ण अष्टमी यानी शुक्रवार, 23 अगस्त की रात ग्रहों के विशेष संयोग में इस बार कान्हा जन्म लेंगे। वहीं, नगर निगम द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर पर रात में हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इस महोत्सव को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान श्रीराधाकृष्ण को बेशकीमती गहनों से सजाया गया है। पूजा-अर्चना के उपरांत दोपहर 12 बजे के बाद बाद भगवान के मनोहारी रूप के दर्शनों के लिए पट आमजनों के लिए खोल दिए जाएंगे।
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जन्माष्टमी पर शुक्रवार को सुबह पुलिस बल के साथ बैंक लॉकर से भगवान के आभूषण तथा श्रृंगार सामग्री एवं पात्र निकालकर लाएं गए तथा इनकी सफाई इत्यादि कर भगवान का श्रृंगार किया गया। दोपहर 12 बजे भगवान श्रीराधाकृष्ण का विशेष पूजन होगा और इसके बाद भगवान के दर्शनों के लिए दरबार आम नागरिकों के लिए खोला जाएगा। रात्रि में 1 बजे के बाद भगवान के उक्त आभूषण पुलिस बल के साथ जिला कोषालय में जमा कराए जाएंगे।
वहीं, प्रदेशभर में शुक्रवार को सुबह से ही जन्माष्टमी की धूम देखने को मिल रही है। मंदिरों को आकर्षक तरीके से सजाया गया है और भगवान का भी विशेष श्रृगांर किया गया है। सुबह से मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। लोग मंदिर पहुंचकर पूजन-अर्चन कर भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन कर रहे हैं।