पुलवामा हमले के बाद एक्शन में सरकार, JKLF प्रमुख यासीन मलिक गिरफ्तार

श्रीनगर.  जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया।

अलगाववादी नेता यासीन मलिक गिरफ्तार, सुप्रीम कोर्ट में 35-A की सुनवाई से पहले हुई कार्रवाई

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मलिक को एहतियातन गिरफ्तार किया गया है। जेकेएलएफ के प्रवक्ता ने आज सुबह बताया कि एक पुलिस टीम ने मलिक के मैसुमा स्थित आवास पर छापा मारा और उसे हिरासत में ले लिया। उन्होंने बताया कि मलिक की गिरफ्तारी का कोई कारण नहीं बताया गया। मलिक को फिलहाल कोठीबाग थाने में रखा गया है।  मलिक को पिछले छह माह के दाैरान दर्जनों बार गिरफ्तार किया गया। कुछ मामलों में उसे एक या दो दिन की हिरासत के बाद रिहा कर दिया गया तो कुछ अन्य मामलों में उसे केंद्रीय कारागार में रखा गया और अदालत से जमानत मिलने के बाद रिहा किया गया।

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आपको बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के तुरंत बाद पांच अलगाववादियों की सुरक्षा हटा ली गई थी। इसमें मीर वाइज उमर फारुक और शब्बीर शाह का नाम प्रमुथ था। केंद्र सरकार के साथ साथ जम्मू- कश्मीर के राज्यपाल ने साफ कर दिया था कि इस विषय में पहले से विचार मंथन जारी था। लेकिन धरातल पर इसे उतारने के लिए सही समय आ गया। अलगाववादी नेताओं से सुरक्षा हटाए जाने के बाद कुछ ने कहा कि उन्होंने सुरक्षा की कभी मांग ही नहीं की थी।इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर सरकार ने 18 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में या तो कटौती कर दी है या सुरक्षा हटा लिया है। जिन नेताओं से सुरक्षा हटाई गई है उनमें हुर्रियत नेता एसएएस गिलानी, आगा सैय्यद मोसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शाहिद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नयीम अहमद खान, मुख्तार अहमद वाजा का नाम प्रमुख है।

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