जानिए सीएचसी पर पहुंचकर भी आशा को क्यों कराना पडा एम्बूलेंस में प्रसव

-सीएचसी पर नहीं मिला स्टाफ, आधा घंटे गेट पर खडी रही एम्बूलेंस

मथुरा (छाता) आशा ने अपनी सूझबूझ से एम्बूलेंस में प्रसूता का सुरक्षित प्रसव कराया। सीएचसी पर पहुंचने के बाद करीब आधा घंटे तक सरकारी एम्बूलेंस सीएचसी छाता के मुख्य गेट पर खडी रही लेकिन स्टाफ के नहीं होने की वजह से प्रसूता को यहां किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल पाई। इस दौरान प्रसूता को सीएचसी पर सरकारी एम्बूलेंस से लेकर आई आशा कार्यकत्री ने सूझबूझ का परिचय दिया और एम्बूलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराया। इस बीच एम्बूलेंस चालक ने भी समझदारी दिखाई और प्रसव होने के बाद वह जच्चा बच्चा को छाता सीएचसी से कोसीकला के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर चले गए। आशा का कहना था कि इससे गलत संदेश जाता है, गांवों में लोग हमारी बातों पर अविश्वास करने लगते हैं। जिससे हमें उन्हें समझाने में आने वाली परेशानियां और बढ जाती हैं। यह आपसी विश्वास की बात है जो इस तरह की घटनाओं से कमजोर होता है। सोमवार को छाता तहसील के गांव पैगांव गांव की रहने वाली आशा कार्यकत्री गंगा सुबह करीब साढे छह बजे गर्भवती महिला ममता को सरकारी एंबुलेंस छाता के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर पहुंचीं। सीएचसी पर उन्हें कोई कर्मचारी मौजूद नहीं मिला।

वर्जन
स्टाफ नर्स की कमी तो हैं। हम जल्द से जल्द कोशिश कर रहे हैं कहीं न कहीं से कोई मिल जाए, या लखउन से नियुक्ति आ जाए। एक डाक्टर को इमरजेंसी पड गई थी। उनका फोन आया था मेरे पास। हम प्रयास कर रहे हैं कि जल्द से जल्द स्टाफ की नियुक्ति की जा सके और व्यवस्थाओं को सुधारा जा सके।
डा. अजय कुमार वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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