कुशीनगर : पंद्रह वर्षों में नहीं पूरी हुई छितौनी-तमकुहीरोड रेल परियोजना

दैनिक भास्कर ब्यूरो

खड्डा/कुशीनगर। छितौनी-तमकुही रेलपरियोजना जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण 15 वर्षों में भी पूरी नहीं हो सकी है। वर्ष 2007 में शिलान्यास के समय इसकी लागत 269.78 करोड़ में से 103.31 करोड़ खर्च होने के बाद भी कार्य बंद पड़ा हुआ है। कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण लोगों को आवागमन की सुविधा का लाभ भी नहीं मिल सका है । सांसद कुशीनगर विजय कुमार दुबे द्वारा लोकसभा में मामला उठाने के बाद भी 3 वर्षों से कार्य बंद है । इस परियोजना पर धन का आवंटन नहीं होने से जो कार्य कराए गए हैं। वह भी अपना अस्तित्व खोते जा रहे हैं।

2007 में रेलमंत्री लालू यादव ने किया था शिलान्यास, अब सरकारें ही भूल गयी परियोजना

बताते चलें कि 20 फरवरी 2007 में तत्कालीन धनहा विधायक सह परिवहन राज्यमंत्री राजेश सिंह की पहल पर तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने छितौनी इंटर कॉलेज के मैदान में इसका शिलान्यास कर 5 करोड़ रुपया इस परियोजना को दे दिया था। इस परियोजना के शुरू हो जाने से छितौनी के व्यापारियों व बिहार प्रदेश के सीमावर्ती लोगों में खुशी की लहर व्याप्त हो गई कि अब उन्हें रेल मार्ग के साथ-साथ बाढ़ से भी छुटकारा मिल जाएगा । लेकिन क्षेत्र में विकास का दम भरने वाले जनप्रतिनिधियों की सार्थक पहल नहीं होने के कारण 15 वर्षों से यह परियोजना अपना दम तोड़ने के कगार पर पहुंच चुकी है। छितौनी तमकुही रेल परियोजना के वर्ष 2007 में शिलान्यास के समय प्राक्कलन राशि के अनुसार 269.78 करोड़ों रुपए थी।

छितौनी-तमकुहीरोड परियोजना पूरी होगी तो होगा बाढ़ का स्थायी समाधान

पहली किस्त आवंटित होने पर पनियहवा से छितौनी तक रेल लाइन का निर्माण व छितौनी रेलवे स्टेशन का निर्माण होने के बाद इसका ट्रायल भी हुआ दूसरी किस्त में छितौनी से मंझरिया स्थित यूपी-बिहार सीमा तक मिट्टी भराई व अंडरपास का निर्माण कराया गया।इस कार्य में और अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के मद में सरकार 103.1 30 करोड़ खर्च भी कर दी ।

इतनी बड़ी धनराशि को खर्च करने के बाद अगस्त 2019 में इस परियोजना को धन आवंटन के अभाव में बंद कर दिया गया। परियोजना बंद होने के बाद जिम्मेदारों द्वारा पहल नहीं करने से कार्य अभी भी बंद है। रेल परियोजना के लिए आवंटित 103.31 करोड़ से कराए गए कार्य का रखरखाव नहीं होने से छितौनी रेलवे स्टेशन का भवन तो छतिग्रस्त हो ही रहा है।

वहीं बिहार के सेमरा लबेदहा व मंझरिया में बांधे गए रेल बांध भी हर वर्ष बरसात व बाढ़ से रेनकोट होने से टूट रहा है। बांध का निर्माण पूर्ण नहीं होने से खड्डा तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं। छितौनी बाजार के संजय हमदर्द सुमित गुप्ता राजू रौनियार सुभाष पहलवान बीरबल चौहान मेराज आलम आदि ने बताया कि बांध पूर्ण नहीं होने से हर वर्ष बाढ़ किसानों की फसलों और घरों को बर्बाद कर देती है। पिछले वर्ष खड्डा के एसडीएम अरविंद कुमार ने बाढ़ खंड के अधिकारियों के साथ दौरा कर बरसात के बाद बांध मरम्मत कराने का आश्वासन दिया था ।

लेकिन बांध पर कोई मरम्मत कार्य नहीं हुआ। इस संबंध में डीआरएम पूर्वोत्तर रेलवे रामाश्रय पांडेय ने बताया कि धन आवंटन के अभाव में परियोजना को बंद कर दिया गया है। इस कारण कार्य प्रगति पर नहीं है। सरकार द्वारा धन आवंटन करने के बाद दोबारा कार्य शुरू होगा।

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