लखनऊ : 90 की हत्या, 54 बलात्कार; फिर भी अपराध पर रोकथाम का दावा

। लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के कार्यालय से वर्ष 2018 में अपराध के आंकड़े प्रस्तुत किये गये हैं। इन आंकड़ों के दम पर पुलिस अधिकारी अपराध पर रोकथाम का दावा कर रहे हैं। आंकड़ों में सामने आया है कि इस वर्ष 2018 में एक जनवरी से 15 सितम्बर तक जनपद में 90 हत्याएं, 30 लूट, चार डकैती की घटनाएं हुई हैं।
जनपद लखनऊ में प्रमुख अपराधों के नौ माह का तुलनात्मक विवरण मंगलवार को प्रस्तुत किया गया। इसमें वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में जनवरी से लेकर 15 सितम्बर तक के अपराधों की तुलना की गई। इसके माध्यम से वर्ष 2018 में अपराध में कमी आने का दावा किया गया।
तुलनात्मक विवरण के अनुसार वर्ष 2017 के एक जनवरी से 15 सितम्बर तक लखनऊ के भीतर 100 हत्याएं हुई। इसके अलावा 10 डकैती, 62 लूट और 74 बलात्कार की वारदात हुईं थी। इसके मुकाबले वर्ष 2018 में एक जनवरी से 15 सितम्बर तक 30 लूट, चार डकैती, 54 बलात्कार और 90 हत्याएं की वारदात हुई।
पुलिस अधीक्षक (अपराध) दिनेश कुमार सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर टीम वर्किंग की जा रही है। इसमें शक्ति मोबाइल, एंटी रोमियो अभियान, एंटी भूमाफिया अभियान और डायल 100 के माध्यम से अपराध पर रोकथाम का प्रयास किया गया है। थाना स्तर पर जिम्मेदार पुलिसिंग और अनुशासित नेतृत्व के कारण ही अपराध पर नियंत्रण करने की स्थिति बन पायी है।
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों राजभवन के पास एक्सिस बैंक के वैन लूट का जिस प्रकार लखनऊ की पुलिस ने खुलासा किया, उससे अपराध करने वालों में पुलिस के कार्यशैली का संदेश चला गया है। अपराध करने वाले बच कर नहीं निकल सकते, इसके लिए लखनऊ की पुलिस संयुक्त रुप से अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करेगी।
उन्होंने बताया कि आंकड़ों को प्रस्तुत किया गया है|
उसमें अपराध पर नियंत्रण स्पष्ट रुप से नजर आ रहा है। समाज में अपराधिक घटनाएं हो रही हैं और कुछ गिरोह अभी भी सक्रिय हैं। उनको पकड़ने के लिए पुलिस टीमें लगी हुई हैं। बहुत जल्द अपराध में बहुत कमी आ जाएगी। इसका प्रयास हम कर रहे हैं।

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