यूपी के कुख्यात माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या कर दी गई है. पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी. उसको रविवार झांसी से बागपत लाया गया था. इसी दौरान जेल में उसकी हत्या कर दी गई. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है.
#Visuals from outside District Jail Baghpat where Gangster Munna Bajrangi has been shot dead pic.twitter.com/oCnT5xjfUH
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 9, 2018
मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है.
#WATCH Seema Singh, wife of Gangster Munna Bajrangi, says, "I want to tell UP CM Adityanath ji that my husband's life is in danger. A conspiracy is being hatched to kill him in a fake encounter." (29.06.18) pic.twitter.com/o2uCuePKJe
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 9, 2018
उसका जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था. उसके पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाने का सपना संजोए थे. मुन्ना बजरंगी ने उनके अरमानों को कुचल दिया. उसने पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी. इसके बाद जुर्म की दुनिया में कदम रख दिया.
उसे जौनपुर के दबंग गजराज सिंह का संरक्षण हासिल हो गया. इसी दौरान 1984 में मुन्ना ने लूट के लिए एक व्यापारी की हत्या कर दी. इसके बाद उसने गजराज के इशारे पर ही जौनपुर के भाजपा नेता रामचंद्र सिंह की हत्या करके पूर्वांचल में अपना दम दिखाया. 90 के दशक में पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी के गैंग में शामिल हो गया था.
मुख्तार अंसारी का गैंग मऊ से संचालित हो रहा था, लेकिन इसका असर पूरे पूर्वांचल पर था. मुख्तार ने अपराध की दुनिया से राजनीति में कदम रखा. साल 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर मऊ से विधायक निर्वाचित हुए. इसके बाद इस गैंग की ताकत बहुत बढ़ गई. मुन्ना सीधे पर सरकारी ठेकों को प्रभावित करने लगा था. मुख्तार का खास आदमी बन गया.
इनके संबंध अंडरवर्ल्ड के साथ भी जुड़े गए थे. कृष्णानंद राय का बढ़ता प्रभाव मुख्तार को रास नहीं आ रहा था. उन्होंने कृष्णानंद को खत्म करने की जिम्मेदारी मुन्ना को सौंप दी. मुख्तार से फरमान मिल जाने के बाद मुन्ना बजरंगी ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय को खत्म करने की साजिश रची. 29 नवंबर 2005 को कृष्णानंद की हत्या कर दी.
उत्तर प्रदेश समते कई राज्यों में मुन्ना के खिलाफ मुकदमे दर्ज थे. वह पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन चुका था. उसके खिलाफ सबसे ज्यादा मामले यूपी में दर्ज हैं. 29 अक्टूबर 2009 को दिल्ली पुलिस ने मुन्ना को मुंबई के मलाड इलाके में नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया था. ऐसा माना जाता है कि एनकाउंटर के डर से उसने खुद गिरफ्तारी करवाई थी.