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आज धनतेरस का त्योहार है। इसकी मान्यता है कि इस दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था। धन और समृद्धि के लिए धनतेरस मंत्र के साथ देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है।
क्यों मनाया जाता है धनतेरस
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शुक्रवार 10 नवंबर यानी आज धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है। धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन से ही दिवाली की शुरुआत हो जाती है। धनतेरस के दिन सोना, चांदी और बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि धनतेरस के दिन घर में ये चीजें लाने से बरकत होती है। धनतेरस की तिथि पर आज प्रीति योग बन रहा है। यह योग शाम 05:06 बजे के बाद बन रहा है, जो पूरी रात रहेगा। इस योग में पूजा करने से साधक को अनंत फल की प्राप्ति होगी। यह अवधि खरीदारी के लिए भी अच्छी है। इस योग में शुभ कार्य भी किए जा सकते हैं।
धनतेरस तिथि
पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 10 नवंबर को दोपहर में 12:35 मिनट से होगा। यह तिथि अगले दिन 11 नवंबर को दोपहर में 1:57 मिनट तक रहेगी। चूंकि धनतेरस का त्योहार प्रदोष काल में मनाने की परंपरा है, इसलिए यह शु्क्रवार 10 नवंबर को मनाई जा रही है।
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ -10 नवम्बर 2023 दोपहर 12:35 बजे से
त्रयोदशी तिथि समाप्त – 11नवम्बर 2023 दोपहर 01:57 बजे तक
धनतेरस पर आज दीपदान की होगी शुरुआत
धनतेरस जिसे धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती भी कहते हैं पांच दिवसीय दिवाली का पहला दिन होता है। आज से ही दिवाली के त्योहार की शुरुआत होती है। इस तिथि पर आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी वजह से हर साल धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा निभाई जाती है। कहा जाता है जो भी व्यक्ति धनतेरस के दिन सोने-चांदी, बर्तन, जमीन-जायजाद की शुभ खरीदारी करता है उसमें तेरह गुना की बढ़ोत्तरी होती है। आज के दिन से ही यम दीप जलाने की शुरुआत होगी जो पांच दिनों तक जलाए जाएंगे।
धनतेरस पर इस तरह करे धन्वंतरि देव की पूजा
भगवान विष्णु के अवतार धन्वंतरि देव औषधियों के गुरु माने गए हैं। धनतेरस पर इनकी पूजा से अच्छे स्वास्थ का वरदान मिलता है। इस दिन आयुर्वेद पद्ति से जुड़े लोग विशेषकर धन्वंतरि देव की पूजा करते हैं। प्रात: काल शुभ मुहूर्त में उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा की चौकी लगाकर उसपे श्रीहरि विष्णु की मूर्ति या फिर धन्वंतरि देव की तस्वीर स्थापित करें। षोडशोपचार विधि से पूजन करें। पीले रंग के फूल, चंदन, पीले वस्त्र, पीले फल, मिठाई अर्पित करें।
यमराज के नाम पर करें दीपदान
धनतेरस पर यमराज के नाम दीपदान किया जाता है। माना जाता है कि अकाल मृत्यु नहीं होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यम दीप जलाने से मृत्यु के यमलोक की पीड़ा नहीं झेलनी पड़ती है। प्रदोष काल में आटे का दीपक बनाकर उसमें रुई की दो लम्बी बत्तियां रखें। इन्हें ऐसे रखें जिससे दीपक के बाहर बत्तियों के चार मुंह दिखाई दें। अब इसमें तिल का तेल और काले तिल डालकर प्रज्वलित करें। घर के बार गेंहूं की ढेरी पर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके दीपक रख दें।
धनतेरस पर क्या खरीदें
धनतेरस के दिन सोना-चांदी, बर्तन, वाहन, कुबेर यंत्र, साबुत धनिया, गोमती चक्र आदि खरीदना शुभ होता है. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
धनतेरस पर आज क्या नहीं खरीदें
धनतेरस के दिन लोहे से बनी वस्तुएं, एल्युमिनियम की वस्तुएं, प्लास्टिक की चीज, शीशे या कांच की बनी चीजें और चीनी मिट्टी या बोन चाइना की भी वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए।
धनतेरस 2023 पूजा मुहूर्त
धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदारी और पूजा करनी चाहिए। धनतेरस पर कुबेर देव और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पूजा के लिए शाम 5 बजकर 47 मिनट से शाम 7 बजकर 43 मिनट तक का समय शुभ रहेगा। इस तरह पूजा के लिए आपको 1 घंटा 56 मिनट का समय मिलेगा।
धनतेरस पूजा के लिए मिलेगा बस इतना समय
धनतेरस पूजा शुक्रवार, नवम्बर 10, 2023 को
धनतेरस पूजा मुहूर्त – शाम 05:47 से 07:43 तक
पूजा के लिए अवधि – 01 घण्टा 56 मिनट
धनतेरस पर बर्तन खरीदने का जाने क्या है विधान
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन हुआ था। धनतेरस के दिन ही समुद्र से भगवान धन्वंतरि हाथ में कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसके बाद से ही धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा शुरू हुई. इस दिन बर्तन खरीदना बहुत शुभ होता है।
धनतेरस पूजन विधि
आज मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करें। माता लक्ष्मी और कुबेर देव का जलाभिषेक करने के बाद मां लक्ष्मी को लाल चंदन और पुष्प चढ़ाएं, फिर मंदिर घीर का दीपक जलाकर श्रीलक्ष्मी सूक्तम का पाठ करें।
धनतेरस पर बन रहे 5 महासंयोग
आज धनतेरस के दिन 4 राजयोग और एक 1 शुभ योग बन रहा है। इन 5 योगों के कारण इस बार का धनतेरस बहुत खास बन गया है। मंगलवार 7 नवंबर से दीपावली 12 नवंबर तक शुक्ल, ब्रह्म, इंद्र, स्थिर, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, दामिनी, उभयचरी, वरिष्ठ, सरल, शुभकर्तरी गजकेसरी और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं। इन शुभ योग में की गई खरीदारी बहुत लाभदायक मानी जाती है।
धनतेरस पर खरीदें ये चीजें
धनतेरस के दिन कुछ चीजें खरीदने से पूरे साल घर में बरकत बनी रहती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पूरे परिवार पर रहता है। आज के दिन मिट्टी की मूर्ति, झाड़ू, धनिया, पीली कौड़ी और नमक जरूर खरीदना चाहिए। आज ये चीजें खरीदने से कभी भी सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती है।
धनतेरस पर करें चावल के उपाय
धनतेरस के दिन चावल का ये उपाय विशेष फल दिलाता है। इस दिन लक्ष्मी-गणेशजी और कुबेर जी की पूजा करें। इसके बाद चावल के साफ और पूर्ण 21 दाने लें। अब इन्हें लाल रंग के कपड़े में लपेटकर रात को अपनी तिजोरी या उस जगह पर रखें जहां आप धन रखते हैं। ऐसा करने से घर से आर्थिक तंगी दूर होती है और संपन्नता आती है।
धनतेरस से होती है दिवाली की शुरुआत
दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है। दिवाली 5 दिनों का उत्सव है, जो धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है। धनतेरस पांच दिनों तक चलने वाले दिवाली पर्व का पहला दिन होता है।
धनतेरस के दिन खरीदें झाड़ू
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने की परंपरा सदियों पुरानी है। माना जाता है कि इस दिन झाड़ू खरीदने से लक्ष्मी मां की कृपा प्राप्त होती है। . इस दिन नई झाड़ू खरीदकर उसका पूजन करना चाहिए। झाड़ू खरीदते समय इसकी संख्या का विशेष ध्यान रखें। इस दिन झाड़ू हमेशा विषम संख्या में यानि 1, 3, 5 और 7 झाड़ू खरीदना सौभाग्यदायक माना जाता है।
धनतेरस पर बन रहा शुभ योग
धनतेरस के दिन आज प्रीति योग बन रहा है। यह योग शाम 05:06 बजे के बाद बन रहा है, जो पूरी रात रहेगा। इस योग में पूजा करने से साधक को अनंत फल की प्राप्ति होगी। इस योग में कोई भी शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन सोने-चांदी,बर्तन,जमीन-जायजाद की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इस बार खरीददारी के लिए धनतेरस पर दोपहर से शाम तक शुभ समय रहेगा। दोपहर 12 बजकर 56 मिनट से 2 बजकर 6 मिनट तक और फिर शाम 4 बजकर 16 मिनट से 5 बजकर 26 मिनट तक का समय खरीदारी के लिए उत्तम बताया जा रहा है।
क्यों मनाया जाता है धनतेरस?
शास्त्रों के अनुसार, इस दिन ही समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इस वजह से इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी तिथि के नाम से जाना जाता है। भगवान धन्वंतरि के अलावा इस दिन माता लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और मृत्यु के देवता यमराज की भी पूजा की जाती है।
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रदोष काल 10 नवंबर को शाम 5 बजकर 46 मिनट से रात 8 बजकर 25 मिनट तक है। वहीं वृषभ लग्न का मुहूर्त- शाम 6 बजकर 8 मिनट से रात्रि 8 बजकर 5 मिनट तक है। दीपदान के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 46 मिनट से लेकर रात्रि 8 बजकर 26 मिनट तक का समय शुभ है। धनतेरस की पूजा इस शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए।
आज मनाया जा रहा है धनतेरस का त्योहार
आज 10 नवंबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है। यह हर साल कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। धनतेरस के दिन सोना, चांदी और बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस के दिन ये चीजें घर में लाने से बरकत होती है।