मुरादाबाद हिंसा: 8 महिलाओं समेत 25 लोग हिरासत में, घायल डॉक्टर ने सुनाई आपबीती-देखे VIDEO 

मुरादाबाद । एक ओर तो तब्लीगी जमात पूरे देश में कोरोना संक्रमण फैलाने में जुटी हैं तो दूसरी ओर मुस्लिम समाज के लोग भी कोरोना मुक्ति अभियान में बाधा बन रहे हैं।

मुरादाबाद में डाॅक्टरों और पुलिस पर जानलेवा हमला करने के मामले में उपद्रवियों को सबक सिखाने के लिए आठ महिलाओं समेत 25 लोगों को हिरासत में ले लिया है। योगी सरकार ने इन उपद्रवियों पर रासुका लगाने और उनकी संपत्ति से नुकसान की भरपाई करने को कहा है।

मुरादाबाद में नागफनी थाना क्षेत्र के नवाबपुरा निवासी पीतल कारोबारी कोरोना पाॅजिटिव सरताज की दो दिन पहले मौत हो गई थी। कोरोना पाॅजिटिव मरीज के रहने वाले क्षेत्र को हाॅटस्पाॅट घोषित कर दिया गया था।

बुधवार दोपहर को स्वास्थ्य विभाग के डाॅ. एससी अग्रवाल, एंबुलेंस के ईएमटी पंकज सिंह, एंबुलेंस चालक मुनीराज समेत पांच सदस्य पुलिस टीम के साथ हाजी नेक वाली मस्जिद के पास पहुंची। यह टीम कारोबारी के परिवार और पड़ोसियों को क्वारंटाइन करने गई थी। उस टीम को देखकर मुस्लिम लोग इकट्ठा हो गए और टीम का विरोध शुरू कर दिया था। कुछ ही देर में महिलाओं ने घर की छतों से स्वास्थ्य और पुलिस टीम पर पथराव शुरू कर दिया। इसमें डाॅ. एससी अग्रवाल समेत स्वास्थ्य टीम के कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। जबकि पुलिसकर्मी मौके से भाग निकले।

नागफनी थाना प्रभारी सुनील कुमार भी पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे थे, लेकिन वह भी कुछ नहीं कर पाए। पथराव में स्वास्थ्य टीम के घायल होने की खबर कंट्रोल रूम पहुंची तो हड़कंप मच गया। डीएम राकेश कुमार सिंह, एसएसपी अमित पाठक, एसपी सिटी अमित आनंद पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया।

अधिकारियों के सामने भी होता रहा पथराव

डीएम, एसएसपी के सामने भी मुस्लिमों ने पथराव जारी रखा। जबकि एक गली में अधिकारी लोगों को समझा रहे थे तो दूसरी गली से पथराव होता रहा। किसी तरह से पुलिस फोर्स ने लोगों पर काबू पाया।\

घायल डॉक्टर ने सुनाई आपबीती

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में मेडिकल टीम पर हुए हमले ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को लेकर सख्त रुख अख्तियार करते हुए दोषियों के खिलाफ एनएसए लगाने और नुकसान की भरपाई उनकी संपत्ति से करने का आदेश दिया है। इस बीच घटना में घायल डॉक्टर एससी अग्रवाल ने अपनी दास्तां सुनाई है।

डॉ. एससी अग्रवाल ने कहा, ‘हम मुरादाबाद के नवाबपुरा में एक कोविड-19 पॉजिटिव मरीज के 4 परिवारवालों को लेने गए थे। जैसे ही हमने उन्हें ऐंबुलेंस में बिठाया, कुछ लोगों ने हमें घेर लिया और विवाद शुरू हो गया। लोगों ने हम पर हमला कर दिया।’ उन्होंने बताया, ‘वहां मौजूद एक बुजुर्ग ने आगे आकर हमारी जान बचाई। कुछ देर बाद पुलिस भी आ गई।

लोगों ने ऐंबुलेंस को घेर लिया और पथराव शुरू कर दिया
दरअसल मुरादाबाद में मंगलवार देर रात एक कोरोना मरीज की मौत हो गई थी। बुधवार को एक मेडिकल टीम इस मौत के बाद हाजी नेक की मस्जिद के पास से मरीज के संपर्क में आए लोगों को क्वारंटीन करने के लिए लेने गई थी। ऐंबुलेस जैसे ही कुछ लोगों को लेकर निकली, दर्जनों लोगों ने ऐंबुलेंस को घेर लिया और पथराव शुरू कर दिया। ऐंबुलेंस में मौजूद डॉ. एससी अग्रवाल को खींचकर लोगों ने पीटना शुरू कर दिया।

भीड़ ने पहले से कर रखी थी डॉक्टरों को पीटने की तैयारी

मेडिकल स्टाफ ने बताया कि लोगों ने वहां हम लोगों को पीटने की पहले से ही तैयारी कर रखी थी। घटना में पुलिस की गाड़ी और ऐंबुलेंस आदि को भारी नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स व कर्मी, सभी सफाई अभियान से जुड़े अधिकारी/कर्मचारी, सुरक्षा में लगे सभी पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी इस आपदा की घड़ी में दिन-रात सेवा कार्य में जुटे हैं। इन पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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