पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता: वरुण गांधी

पीलीभीत। गुरुवार को आखिरकार वरुण गांधी ने चुप्पी तोड़ते हुए पीलीभीत वासियों के नाम एक पत्र लिखा और इसके साथ ही मार्मिक चिट्ठी में राजनीतिक यादों को पिरोया है। 

पीलीभीत बहेड़ी लोकसभा क्षेत्र से सदस्य वरुण गांधी ने पीलीभीत वासियों को आखिरकार गुरुवार को एक पत्र लिखकर प्रणाम कर लिया, उन्होंने पत्र में 1983 का जिक्र करते हुए पीलीभीत को राजनीतिक कर्मभूमि और यहां के लोगों को परिवार का हिस्सा कहा। वरुण गांधी ने खुद को सौभाग्यशाली बताते हुए पीलीभीत के कार्यकाल को सबसे बड़ा सम्मान बताया है और यहां के लोगों के लिए हमेशा आवाज उठाने का वादा भी किया है।

पत्र के जरिए उन्होंने लिखा, एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले ही समाप्त हो रहा हो, पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता। संसद के रूप में नहीं, तो बेटे के तौर पर सही, मैं आजीवन आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूं। उन्होंने पीलीभीत के लोगों के लिए हमेशा दरवाजा खुला रखने की बात लिखी है और आम आदमी की आवाज उठाने के लिए कोई भी कीमत चुकाने जैसे मजबूत शब्दों का भी प्रयोग किया है। पत्र के आखिरी पैरा में उन्होंने लिखा,  मैं आपका था, हूं और रहूंगा। वरुण गांधी की मार्मिक चिट्ठी के बाद जिले में संवेदनाओं की बयार बह चली है। इसका चुनाव पर प्रभाव पड़ सकता है।

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