बिहार में हैवानियत: दिल दहला देंगी रेप से निर्वस्‍त्र कर घुमाने तक की ये घटनाएं

पटना ।  भोजपुर जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली इस भयावह घटना से एक ओर जहां सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी है तो वहीं पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठे हैं। भीड़ ने एक महिला के कमरे का दरवाजा तोड़कर उसे घर से निकाला, उसके शरीर से कपड़े उतारे गए और महिला को नग्न कर पीटा गया।

महिला बचाने के गुहार लगाती रही लेकिन आक्रोशित भीड़ के शोर में उसकी आवाज दब गई। कोई उसकी आवाज को सुनने वाला नहीं था। कोई उसे बचाने वाला नहीं था, वो पिटती रही, चीखती रही और लोग उसे नग्नावस्था में दौड़ाते रहे। वहीं भीड़ में  कुछ लोग उसका वीडियो बनाते रहे और उसे वायरल कर दिया गया। अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस वीडियो का नोटिस लिया है और राज्य सरकार से इसका जवाब मांगा है।

क्‍या था मामला 

भोजपुर जिले के बिहिया में स्थानीय युवक विमलेश का शव बरामद होने के बाद स्थानीय लोगों ने एक महिला को पहले पीटा और उसके बाद उसे निर्वस्त्र करके बाजार में घुमाया। आक्रोशित भीड़ की वजह से स्थिति एेसी थी कि पुलिस को वहां हवाई फ़ायरिंग करनी पड़ी और अब तक 16 व्यक्ति को इस मामले में हिरासत में लिया गया है। इन सभी लोगों को फ़िलहाल कोर्ट के आदेश के बाद न्यायिक हिरासत में  भेजा गया है।

स्‍थानीय लोगों के मुताबिक मृतक का शव रेलवे ट्रैक के पास कई घंटे तक पड़ा था और स्थानीय थाना और जीआरपी के लोगों में विवाद चल रहा था कि ये उनकी ज़िम्मेदारी नहीं हैं। यही वजह है कि मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आने के बाद दोषी पुलिस वालों को निलंबित कर दिया गया।

पीड़ित महिला को पुलिस‌ ने दिन भर थाने में ही रखा।जहां डॉक्टर, नर्स और काउंसलर ने महिला की मेडिकल जांच की। जांच कर रहे डॉक्टर ने बताया कि उसकी हालत खराब थी और बार-बार बेहोश

हो रही थी, लेकिन इलाज के बाद फिलहाल उसकी हालत में सुधार है। डाक्‍टरों के मुताबिक पीडि़ता की पीठ पर गंभीर चोट आई है। डॉक्टरों की टीम और काउंसलर उसे इस घटना के मानसिक प्रभाव से बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं। उसे  अभी इलाज‌ की जरूरत है।

भीड़ का अंधा कानून 

इस घटना के पीछे की वजह जो भी हो, लेकिन भीड़ का अंधा कानून देखकर यही कहा जा सकता है कि इंसान अब हैवान बन चुका है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि हमारा समाज अब किस ओर जा रहा है, जहां डर खत्म होता जा रहा है और भीड़ का मनोबल इस कदर बढ़ गया है कि वो बिना अपराध के भी किसा की भी जान ले सकती है, कुछ भी कर सकती है।

मनोचिकित्सक ने बताया भीड़ की हिंसा का मनोविज्ञाान 

भीड़ की हिंसा इसके पीछे के मनोविज्ञान की बात करते हुए पटना की मनोचिकित्सक डॉक्टर बिन्दा सिंह ने बताया कि भीड़ का एक ही मकसद रहता है मजा लेना और वर्चस्व दिखाना। एेसा इसलिए हो रहा है क्योंकि इस तरह के असामाजिक तत्वों के पास खुराफात करने के लिए कुछ होना चाहिए। इनमें डर खत्म होता जा रहा है। ना कानून का डर होता है ना ही समाज का।

उन्होंने कहा कि ये भीड़ का बढ़ता मनोबल ही है कि बिहिया जैसी घटना को अंजाम दिया गया जिसकी जितनी निन्दा की जाए, कम है। एेसे लोगों के पास कोई काम नहीं होता, उपद्रव मचाना और वर्चस्व दिखाना ही इनका मकसद होता है। ये सोचते हैं कि हम समूह में एेसी कोई भी घटना को अंजाम देंगे हमारा कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता।

सिंह ने कहा कि एेसी घटनाएं ना हों इसके लिए प्रशासन और सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए। एेसे मामलों में जबतक कठोर सजा नहीं मिलेगी तबतक एेसी घटनाएं होती रहेंगी। आपको बता दें कि इसी तरह के मामलों में  सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया था और मॉब लिन्चिंग के मामले में सरकार से सजा का प्रावधान बनाने की बात कही थी।

हाल के दिनों में महिलाओं के खिलाफ बढ़ी हैं आपराधिक घटनाएं 

बात करें बिहार में हाल के दिनों में आपराधिक घटनाओं की तो महिलाओं के खिलाफ हुई कई भयावह आपराधिक घटनाओं के बीच पुलिसिया आंकड़े बताते हैं कि राज्य में होने वाली कुल आपराधिक घटनाओं में 20 प्रतिशत और बलात्कार की घटनाओं में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

ये आंकड़े इस साल के जून महीने तक के हैं। अगस्त 2017 से जून 2018 तक के 11 महीनों में बिहार पुलिस ने 2.31 लाख आपराधिक घटनाएं दर्ज कीं। इनमें से 1,278 मामले बलात्कार और 2,722 हत्या से जुड़े हैं।

बीते कुछ सालों में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में बेतहाशा इजाफा हुआ है। साल 2010 में ऐसे अपराधों की संख्या 6,790 थी तो 2016 में बढ़कर 12, 783 हो गई।

वीडियो वायरल करने की घटनाओं में हुई है बेतहाशा वृद्धि 

बिहार में कानून-व्‍यवस्‍था के लिए यह गंभीर मसला बन चुका है। बिहार के विभिन्‍न इलाकों में लड़कियों से छेड़खानी और दुष्कर्म के वायरल वीडियो ने उनकी सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। इसने अपराधियों के कानून के प्रति खत्‍म होते डर को भी प्रमाणित किया है।

जहानाबाद की घटना को भूलना आसान नहीं है। जब 28 अप्रैल को एक नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में खुलेआम सड़क पर एक साथ छह-सात युवक एक लड़की को पकड़कर उसके कपड़े उतारने की कोशिश करते नजर आ रहे थे और उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश कर रहे थे।

गया में दो लड़कियों से छेड़खानी और दुष्कर्म का वीडियो हुआ वायरल 

जहानाबाद की घटना के बाद गया के वजीरपुर में दो लड़कियों के साथ छेड़खानी, मारपीट और दुष्कर्म  के दो वीडियो सामने आए थे।

पहले वीडियो में  सुनसान जगह पर गांव के कुछ दबंग किस्म के युवक लड़की व उसके दोस्त को घेरकर युवक की बुरी तरह से पिटाई करते हैं। इस दौरान लड़की छोड़ देने की गुहार लगाती है। फिर, वे लड़की को घेर कर उसके साथ छेड़खानी शुरू कर देते हैं। उसके कपड़ों को उतारने के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देते हैं। इस बीच लड़की बार-बार छोड़ देने की दुहाई देती है।

दूसरे वीडियो में कुछ युवकों ने एक लड़की को पकड़ रखा है। वह भईया-भईया कहकर छोड़ देने की गुहार लगा रही है, पर कोई सुनने को तैयार नहीं है। एक अधेड़ व्यक्ति लड़की के साथ पकड़े गए युवक को बेरहमी से पीटता है। उसे जमीन पर गिराकर सिर पर लात मारता है। उसे बेसुध होने तक पीटा जाता है। उसके बाद लड़की के साथ मिलकर छेड़खानी की जाती है।

मसौढ़ी में छेड़खानी का वीडियो हुआ वायरल 

जहानाबाद और गया की घटनाओं के बाद छेड़खानी का एक और वीडियो वायरल हुआ। यह घटना बिहार की राजधानी पटना के मसौढ़ी में हुई। वहां एक युवती को घंटों  बंधक बना कर रखा गया, उसके साथ छेड़खानी की गई तथा इसका वीडियो बना कर वायरल कर दिया गया।

पूर्णिया में घर में घुसकर किया दुष्कर्म, वीडियो वायरल 

पूर्णिया सदर थाना क्षेत्र के एक घर में लड़की को अकेली पाकर तीन युवकों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया तथा उसका वीडियो बना वायरल कर दिया।

ये कानून का कैसा खौफ है कि दिनदहाड़े किसी लड़की की इज्जत पर हाथ डालने से लड़के बाज नहीं आ रहे। वो इस पर ही नहीं रुकते बल्कि वीडियो बनाकर वायरल करने तक की हिम्मत उनमें आ जाती है।

क्या कहते हैं आंकड़ें 

दरअसल, स्मार्टफोन से वीडियो बना उसे शेयर करना काफी आसान हो गया है। आंकड़ों की मानें तो आज देश के कुल मोबाइल फोन धारकों में 62 फीसद स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। देश में प्रति 100 लोगों में करीब 93 के पास मोबाइल फोन है।

टेलिकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी के मुताबिक देश में आबादी के हिसाब से माबाइल फोन इस्तेमाल करने वालों की सर्वाधिक संख्या दिल्ली में है, जबकि बिहार में सबसे कम। लेकिन, मोबाइल से अश्‍लील वीडियो वायरल करने के मामले बिहार में ही तेजी से बढ़े हैं।

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