पत्रकार छत्रपति हत्याकांड : बलात्कारी बाबा राम रहीम दोषी करार, कोर्ट ने सुनाया फैसला

शुक्रवार को पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत द्वारा पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में   डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को अदालत ने दोषी करार दिया है। राम रहीम इस समय अपनी दो अनुयायियों के बलात्कार के जुर्म में रोहतक की सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहा है। पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने राम रहीम समेत चार आरोपियों को इस मामले में दोषी ठहराया है। अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद अब राम रहीम और बाकी दोषियों को 17 जनवरी को सजा का ऐलान किया जाएगा।

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में सुनवाई के लिए गुरमीत राम रहीम शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेश हुआ। 2002 के इस मामले में राम रहीम को मुख्य षड़यंत्रकर्ता नामित किया गया है। छत्रपति के समाचार पत्र ‘पूरा सच’ ने एक पत्र प्रकाशित किया था जिसमें यह बताया गया था कि डेरा मुख्यालय में राम रहीम किस प्रकार महिलाओं का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं।

 छत्रपति को अक्टूबर 2002 में गोली मार दी गई थी

गंभीर रूप से घायल होने के कारण पत्रकार की बाद में मौत हो गई थी और 2003 में इस संबंध में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले को 2006 में सीबीआई को सौंप दिया गया था।

हरियाणा में, विशेषकर पंचकूला, सिरसा (डेरा मुख्यालय) और रोहतक जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। यहां कानून व्यवस्था से जुड़ी किसी भी स्थिति से निपटने के लिये राज्य सशस्त्र पुलिस की कई कंपनियों, दंगा विरोधी पुलिस और कमांडो बल को तैनात किया जा रहा है। पंचकूला के DCP कमलदीप गोयल ने CBI की विशेष अदालत के निकट सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कहा, ‘भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। कोर्ट परिसर के आसपास लगभग 500 कर्मी तैनात किए गए हैं। बैरिकेडिंग भी की गई है।’

विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी पेशी 
राम रहीम से जुड़े फैसले की वजह से हरियाणा और पंजाब में सुरक्षा बंदोबस्त कड़े कर दिए गए हैं। पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में चल रहे इस मामले में आरोपी गुरमीत राम रहीम को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाएगा, जबकि अन्य आरोपी प्रत्यक्ष तौर पर कोर्ट में मौजूद रहेंगे। बता दें कि गुरमीत राम रहीम इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।

फैसला आने से पहले पंचकूला कोर्ट के पास कड़ी सुरक्षा, धारा 144 लागू।

राज्य सरकार ने सुनारिया, डेरा के मुख्यालय सिरसा और पंचकूला में कड़े सुरक्षा प्रबंध कर दिए हैं। कोर्ट ने पहले गुरमीत राम रहीम को 11 जनवरी को प्रत्यक्ष तौर पर मौजूद होने के निर्देश दिए थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने अतीत के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, उसे विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने की अपील कोर्ट से की थी जो कि मंजूर हो गई।

पिछली बार राम रहीम को सजा हुई तो हुए थे दंगे 
दरअसल, सरकार को आशंका थी कि अगर गुरमीत राम रहीम को प्रत्यक्ष तौर पर पेश किया जाता तो इससे कानून व्यवस्था पर आंच आने का खतरा था। उल्लेखनीय है कि गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार दिए जाने के तुरंत बाद पंचकूला समेत कई जगह दंगे, आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी। राज्य सरकार ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होने देना चाहती है।

क्या है पत्रकार छत्रपति हत्याकांड? 
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड करीब 16 साल पुराना है और डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इसमें आरोपी है। साल 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। छत्रपति अपने समाचार पत्र में डेरा से जुड़ी खबरों को प्रकाशित करते थे। पत्रकार छत्रपति के परिजनों ने मामला दर्ज करवाया था और बाद में इसे सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया था। सीबीआई ने 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और इसमें डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था। पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट मामले में सुनवाई पूरी कर चुकी है और अब कोर्ट के फैसले पर सबकी निगाह टिकी हुई है।

 

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