सुनारियां जेल में डेरा प्रमुख की पेशी को लेकर तैयारियां पूरी
पंचकूला । रोहतक । शुक्रवार को पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत द्वारा पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में फैसला सुनाया जाएगा। रोहतक की सुनारियां जेल से डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी होगी। जेल प्रशासन की ओर जाने वाले सभी रास्ते सील किए गए। जेल परिसर के 500 मीटर के एरिया में एंट्री पूरी तरह बैन है। जेल प्रशासन की ओर से पेशी को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं
#Haryana: Kamaldeep Goel, DCP Panchkula over security arrangements near CBI Spl Court in Panchkula: There is heavy deployment of police force. Around 500 personnel are deployed around the premises of the court. Heavy barricading has been put in place. #RamRahim pic.twitter.com/RfT2qWx2j2
— ANI (@ANI) January 11, 2019
जिला पुलिस उपायुक्त कमलदीप गोयल ने आदेश जारी कर डेरा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम की सुनवाई के मद्देनजर जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 लगा दी है। ये आदेश 12 जनवरी तक प्रभावी रहेंगे। जारी आदेशानुसार धारा 144 सेक्टर 1, 2, 3, 4, 5, 6, 20, 21, 23, 24 तथा गांव देवीनगर, खड़क मंगोली व राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ लगने वाले क्षेत्रों में प्रभावी रहेंगे। इन आदेशों के अनुसार किसी भी व्यक्ति द्वारा अपने साथ किसी प्रकार के घातक हथियार लेकर चलने पर पूर्ण पाबंदी रहेगी। इसके अलावा लाठी, डण्डा, लोहे राड, बरछा, कुल्हाडी, अम्ब्रेला व अन्य घातक हथियार लेकर चलने की मनाही की गई है। इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ये आदेश कृपाणधारी सिखों एवं डयूटी पर तैनात अधिकारी, कर्मचारियों पर लागू नहीं रहेंगे।
विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी पेशी
राम रहीम से जुड़े फैसले की वजह से हरियाणा और पंजाब में सुरक्षा बंदोबस्त कड़े कर दिए गए हैं। पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत में चल रहे इस मामले में आरोपी गुरमीत राम रहीम को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाएगा, जबकि अन्य आरोपी प्रत्यक्ष तौर पर कोर्ट में मौजूद रहेंगे। बता दें कि गुरमीत राम रहीम इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।
राज्य सरकार ने सुनारिया, डेरा के मुख्यालय सिरसा और पंचकूला में कड़े सुरक्षा प्रबंध कर दिए हैं। कोर्ट ने पहले गुरमीत राम रहीम को 11 जनवरी को प्रत्यक्ष तौर पर मौजूद होने के निर्देश दिए थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने अतीत के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, उसे विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने की अपील कोर्ट से की थी जो कि मंजूर हो गई।
पिछली बार राम रहीम को सजा हुई तो हुए थे दंगे
दरअसल, सरकार को आशंका थी कि अगर गुरमीत राम रहीम को प्रत्यक्ष तौर पर पेश किया जाता तो इससे कानून व्यवस्था पर आंच आने का खतरा था। उल्लेखनीय है कि गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार दिए जाने के तुरंत बाद पंचकूला समेत कई जगह दंगे, आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी। राज्य सरकार ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होने देना चाहती है।
क्या है पत्रकार छत्रपति हत्याकांड?
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड करीब 16 साल पुराना है और डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इसमें आरोपी है। साल 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। छत्रपति अपने समाचार पत्र में डेरा से जुड़ी खबरों को प्रकाशित करते थे। पत्रकार छत्रपति के परिजनों ने मामला दर्ज करवाया था और बाद में इसे सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया था। सीबीआई ने 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और इसमें डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था। पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट मामले में सुनवाई पूरी कर चुकी है और अब कोर्ट के फैसले पर सबकी निगाह टिकी हुई है।