रैपिड रेल निर्माण कार्य से व्यापारियों का काम हुआ था ठप, मंडल आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

भास्कर समाचार सेवा
मेरठ
। रैपिड रेल परियोजना द्वारा मेरठ में काम चल रहा है। बागपत रोड के व्यापारियों ने कमिश्नर कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान व्यापारियों ने विभिन्न मांगों का ज्ञापन मंडलायुक्त को सौंपा।

प्रान्तीय अध्यक्ष/महानगर अध्यक्ष लोकेश कुमार अग्रवाल ने बताया, दिल्ली-मेरठ की यातायात को सुगम करने के लिए रैपिड रेल परियोजना पर काम चल रहा है। रैपिड रेल परियोजना रामलीला ग्राउंड, दिल्ली रोड, मेरठ से अंडर ग्राउंड जानी है, पिछले 1 वर्ष से अधिक समय से लगातार कार्य चलने के कारण फुटबॉल चौक से दिल्ली रोड की व्यापार व्यवस्था रैपिड रेल द्वारा लगाई जा रही बैरिकेडिंग के कारण पूर्ण रूप से ठप्प है। लगातार समाचार पत्रों में संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों की खबर प्रकाशित हो रही है। फुटबॉल चौक से दिल्ली रोड को 6 माह के लिए पूर्णता बंद कर दिया जाएगा। करोना कॉल के बाद से व्यापारी लगातार आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है। रैपिड रेल के अधिकारियों द्वारा व्यापारियों की दुकानें भी तोड़े जाने की बात लगातार की जा रही है, जिसकी स्पष्ट जानकारी व्यापारियों के पास उपलब्ध नहीं हो पाती है कि किस व्यापारी की दुकान कितना टूटेगी तथा व्यापारी को दुकान टूटने का क्या मुआवजा मिलेगा। इन परिस्थितियों में व्यापारी भय के वातावरण में अपना व्यापार कर रहा है, पता नहीं कब बुलडोजर चलेगा और व्यापारी की दुकान टूट जाएगी। बैंक का ब्याज, बिजली के बिल, स्टाफ की तनख्वाह, हाउस टैक्स, जीएसटी, लाइसेंस रजिस्ट्रेशन की रिनुअल फीस व अन्य सभी खर्चों का भार व्यापारी पर पूर्णतयः है।

व्यापारियों द्वारा रखी गई मांगे

  1. फुटबॉल चौक से दिल्ली रोड पर के ट्रैफिक को बंद न किया जाए, यदि आवश्यक हो तो बड़े वाहनों ट्रक व बस आदि को बागपत रोड़ या रोहटा रोड़ से निकाला जाए।
  2. रोड बंद होना अति आवश्यक होने की दशा में व्यापारियों के बिजली के बिल, हाउस, टैक्स, जीएसटी, बैंक के ब्याज, लेबर की तनख्वाह व घर के खर्चे के लिए प्रत्येक दुकानदार को 40,000 मासिक दिए जाने की व्यवस्था की जाए, जिससे व्यापारी अपने परिवार के जीवन यापन की व्यवस्था कर सकें।
  3. रैपिड रेल निर्माण के लिए अधिग्रहण किए जाने वाली दुकानों के क्षेत्र की गणना नाली या नाले से की जाए।
  4. रैपिड रेल निर्माण के कारण सड़क के दोनों और तोड़ी जाने वाली दुकानों के नुकसान का आंकलन कर दुकानों को तोडे जाने से पूर्व व्यापारियों से सहमति बनाकर मुआवजे का भुगतान करने के बाद दुकानों को तोड़ा जाए।

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