VIDEO : इस दिन दिखेगा 103 मिनट का सबसे लंबा चंद्रग्रहण, जानिए कुछ खास बाते…

इस सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण 27-28 जुलाई को पड़ेगा। जिसके कारण कम से कम 4 घंटे धरती पर छाया रहेगी। जिसके कारण इसे ‘ब्लड मून’ नाम दिया गया है।

चंद्रग्रहण 2018: इस सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण 27-28 जुलाई को पड़ेगा। जिसके कारण कम से कम 4 घंटे धरती पर छाया रहेगी। जिसके कारण इसे ‘ब्लड मून’ नाम दिया गया है। खगोल वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण 3 घंटे 55 मिनट का पड़ेगा। साल 2018 का यह दूसरा चंद्र ग्रहण है। इससे पहले 1 जनवरी को पड़ा था। जो कि 1 घंटा 43 मिनट का था।

ज्योतिषशास्त्रों के अनुसार माना जा रहा है कि ऐसा संयोग 104 साल बाद बना है।  

इन देशों में दिखेगा चंद्रग्रहण

इस पूर्ण चंद्र ग्रहण का नजारा भारत समेत दुबई, अफ्रीका, दक्षिण एशिया, मिडिल ईस्ट, म्यांमार, भूटान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान चीन, नेपाल, अंटाकर्टिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया में आप खुली आंखो से ही देख सकते है।

इस समय शुरु होगा चंद्र ग्रहण
27 जुलाई की रात 11 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर चंद्र ग्रहण 28 जुलाई की सुबह के 3 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। 

lunar eclipse

 चंद्रग्रहण पड़ने का कारण
चंद्रग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया से गुजरती है। पृथ्वी की छाया चंद्रमा के हिस्से को कवर करती है, तो चंद्रग्रहण लगता है। जब चंद्रमा का पूरा हिस्सा उस छाया के अंदर कवर हो जाता है तो पूर्ण चंद्रग्रहण लगता है और आंशिक रूप से कवर होता है उसे अर्द्ध चंद्रग्रहण कहते हैं। छाया के अंदर कवर होने से चंद्रमा उस वक्त अंधेरामय लगता है।

इन राशियों के लिए है अशुभ
ज्योतिषों के अनुसार खग्रास चंद्रग्रहण उत्तरा आषाढ़ व श्रवण नक्षत्र तथा मकर राशि में होगा। जिसके कारण जिनका जन्म नक्षत्र उत्तरा आषाढ़ एवं श्रवण नक्षत्र व जन्म राशि व लग्न मकर है, उनके लिए बहुत ही अशुभ है। मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए थोड़ा बचकर रहें। वहीं अन्य राशियों के लिए यह चंद्रग्रहण मिला-जुला रहेगा।

चंद्र ग्रहण का सूतक काल का समय

जबकि इसका समय- 27 जुलाई रात्रि 11 बजकर 54 मिनट से लेकर 28 जुलाई रात्रि 03.49 तक होगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल का समय- 27 जुलाई सुबह 12.27 से 28 जुलाई रात्रि 03.49 तक होगा। इस दुर्लभ चंद्रग्रहण के दीदार भारत के अलावा आस्ट्रेलिया, एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अंटार्टिका में भी होंगे

ग्रहण में वर्जित कार्य-
1. कोई नया कार्य प्रारंभ न करें।
2. भगवान की मूर्ति का स्पर्श न करें।
3. सूतक काल से ही भोजन न बनाएं और न ही ग्रहण करें।
4. बच्चे का नामकरण न करें।
5. कंघी का प्रयोग न करें।

ग्रहण में क्या करें- 
1. भगवान की पूजा करें।
2. भगवान के नाम का जाप करें।
3. मंत्रों की सिद्धियां प्राप्‍त करें।

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