बसों पर बवाल : राजस्थान सरकार ने कोटा से बच्चों को यूपी छोड़ने का भेजा बिल, ‘आधी रात ₹19 लाख लिए तब…!

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बस पॉलिटिक्स पार्ट-2 शुरू हो गया है। कोटा से उत्तर प्रदेश लाए गए छात्रों के लिए राजस्थान सरकार ने योगी से 36 लाख रुपये किराया मांगा है। इस किराए के बाद अब एक और खुलासा हुआ है कि कोटा से छात्रों को लाते समय रास्ते में बस का डीजल खत्म हो गया तो आधी रात को यूपी सरकार से 19 लाख रुपये वसूले गए, तब बसों को डीजल दिया गया। 

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार प्रवासी श्रमिकों पर दया की बात कर रही है। उनकी दया तब कहां गई थी, जब कोटा में फंसे छात्रों को यूपी लाने के नाम पर राज्य सरकार से वसूली की गई। संबित पात्रा ने कहा कि बसों का डीजल खत्म हो गया था। फंसे छात्रों की मदद करने की बजाए गहलोत सरकार ने वसूली की।

संबित ने कहा दोगली कांग्रेस
संबित ने इस मामले में ट्वीट करके लिखा, ‘कोटा से उत्तर प्रदेश के छात्रों को वापस लाते समय UP के कुछ बसों को डीज़ल की आवश्यकता पड़ गई..दया छोड़िए ..आधी रात को दफ़्तर खुलवा कर प्रियंका वाड्रा की राजस्थान सरकार ने यूपी सरकार से पहले 19 लाख रुपये लिए और उसके बाद बसों को रवाना होने दिया। वाह रे मदद।’ इस ट्वीट के आगे उन्होंने हैश टैग दोगली कांग्रेस किया। संबित ने इस ट्वीट में वह चेक भी पोस्ट किया है जो यूपी सरकार ने राजस्थान में डीजल के लिए दिया था।

कांग्रेस की नीयत पर सवाल
आपको बता दें कि यूपी सरकार को 1,000 बस देने के कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के प्रस्ताव पर सियासत चल ही रही थी। इस सियासत के बीच राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने यूपी सरकार को 36.36 लाख रुपये का बिल थमा दिया है। यह बिल कोटा से यूपी लाए गए बच्चों के लिए 70 बसें उपलब्ध करवाने का है। इसको लेकर सरकार ने कांग्रेस की नीयत पर सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है। 

कोटा से लाए गए थे यूपी के फंसे छात्र
राजस्थान के कोटा में मेडिकल-इंजिनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे यूपी के 12 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं लॉकडाउन में फंस गए थे। योगी सरकार ने इन बच्चों को सरकारी संसाधन पर घर पहुंचाने का फैसला किया था।

19.76 लाख डीजल का हो चुका है भुगतान
राजस्थान गई यूपी रोडवेज की बसों व राजस्थान सरकार की ओर से दी गई 70 बसों के डीजल के लिए यूपी सरकार 19.76 लाख रुपये का भुगतान पहले ही कर चुकी है। अब 36.36 लाख रुपये बसों के किराए का बिल राजस्थान रोडवेज की ओर से यूपी रोडवेज को भेजा गया है। भुगतान शीघ्र कराने की अपेक्षा की गई है।

‘सामने है कांग्रेस का दिखावा’

यूपी सरकार का कहना है कि एक ओर कांग्रेस यूपी के प्रवासियों के लिए नि:शुल्क बसें देने का दावा करती है। दूसरी ओर उसकी ही पार्टी की सरकार यूपी लाए गए बच्चों का किराया मांग रही है।

राजस्थान सरकार की दलील
वहीं, राजस्थान सरकार के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि यूपी सरकार ने हमसें इमर्जेंसी में बसें मांगी थी और उसका भुगतान करने को कहा था। हमने तत्काल अनुबंधित और निजी बसें उपलब्ध करवाईं थीं। हमें उनका भुगतान करना है, इसलिए हमने यूपी सरकार को बिल भेजा है।

बसें कम पड़ीं तो ली थी मदद
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हमारे पास जो प्रारंभिक सूचना वहां के प्रशासन से मिली थीं, उसके हिसाब से करीब 10 हजार छात्र-छात्राओं का पंजीकरण हुआ था। इसके हिसाब से 560 बसें हमने भेजी थीं। 17 अप्रैल से 19 अप्रैल तक यह प्रक्रिया चली। वहां पहुंचने पर करीब 2 हजार छात्र-छात्राएं और बढ़ गए। ऐसे में उनके हित को देखते हुए राजस्थान सरकार से बसों के लिए मदद मांगी गई थी। राजस्थान रोडवेज की ओर से आपातकालीन सेवा के नाम पर 70 बसें उपलब्ध करवाईं गईं। इसके कुछ बच्चों को फतेहपुर सीकरी तक और कुछ बच्चों को झांसी बॉर्डर तक लाया गया था।

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