सीतापुर क्षेत्रीय किसानों ने क्रय किए गए धान मे बताई बिचैलियों की संलिप्तता

सकरन- (सीतापुर)– किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार ने विभिन्न प्रकार की योजनाएं लागू कर रखी हैं। धान क्रय केंद्रों के माध्यम से सरकारी समर्थित मूल्य पर धान खरीदे जाने का प्रावधान है। लेकिन भ्रष्टाचार के चलते केन्द्रों पर बिचैलियों व दलालों के धान खरीदे जा रहे थे। जिस पर दैनिक भास्कर की पड़ताल में उजागर हुई कमियों को लेकर प्रमुखता से खबर का प्रकाशन किया था जिसके बाद नींद से जागे प्रशासन के उच्चाधिकारियों के द्वारा खबर को संज्ञान लेते हुए तौल शुरू करा दी गई है।

जबकि सकरन के अन्य धान क्रय केंद्रों की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। मामले को लेकर केंद्र प्रभारी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक लगभग क्रय केंद्र पर 4000 कुंटल की खरीद हो चुकी है जिसमें बृहस्पतिवार को क्षेत्र की प्रेमा देवी निवासी महतीन पुरवा 80 कुंटल, माधुरी देवी निवासी महतीन पुरवा 81 कुंटल,व सोनी देवी निवासी बलबल पुरवा के 96 कुंटल धान की खरीद की गई है कुल मिलाकर बृहस्पतिवार को 257 कुंटल की खरीद की गई है

केंद्र प्रभारी ने यह भी बताया कि शासन के द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार 8 से 15 परसेंट तक की नमी के धान कि केंद्र पर खरीदारी की जाती है इससे ज्यादा पर्सेंट की नमी पाए जाने पर किसानों से उनके धान को सुखाकर लाने के लिए कहा गया है। क्षेत्रीय किसान सुखराम ,दीपक गुप्ता, राजाराम यादव, सुनील यादव आदि ने बताया कि सकरन क्षेत्र बाढ़ प्रभावित होने के चलते धान की फसल में नमी की मात्रा ज्यादा रह गई है ऐसी स्थिति में बहुत ही अल्प मात्रा में किसानों का धान क्रय केंद्रों पर चला जा रहा है इतनी भारी मात्रा में तौल कब हो गई व कैसे हो रही है यह अपने आप में एक संदेह बना हुआ है।

क्षेत्रीय किसानों का यह भी कहना है की धान क्रय केंद्रों के संचालन में बहुत बहुत बड़े पैमाने पर धान माफियाओं के द्वारा क्षेत्रीय लोगों से भी संबंध स्थापित कर रखा गया है जिससे धान तो क्षेत्रीय लोगों की खतौनी चढ़ा दिया जाता है लेकिन वास्तविकता में वह धान किसान का न होकर बिचैलियों का होता है जिसके एवज में बिचैलियों के द्वारा किसानों को कुछ आर्थिक लाभ भी दिया जाता है ऐसी स्थिति में किसानों ने उच्चाधिकारियों से धान क्रय केंद्रों की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।

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