सीतापुर: दस दिन तक सड़क पर चलता काम अब बंद पड़ा

क्षेत्रावासियों को निकलने में हो रही बेहद परेशानियां

महमूदाबाद, सीतापुर। बेहद जर्जर होकर गड्ढों में तब्दील हो चुकी मरम्मत की बाट जोह रही मोतीपुर चैराहे से महरौली तक जाने वाली बहुप्रतिक्षित सड़क का चैड़ीकरण होने के साथ उच्चीकरण का कार्य 13 सितंबर से शुरू होकर महज खानापूर्ति की गयी। बेहद जर्जर हो चुके मार्ग का निर्माण कार्य शुरू होने से क्षेत्रवासियों में काफी हर्ष था, किंतु विभाग की लचर कार्यशैली के चलते महज 8 से 10 दिन कार्य चलने के बाद बंद पड़ा है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में राहगीर व विद्यार्थी इसी जर्जर मार्ग से होकर निकलने को विवश है।

सड़क के दोनों ओर पड़े बोल्डर के ढ़ेर दुर्घटनाओं का सबब बने हुये है। ठेकेदार द्वारा बिना कार्य विवरण का बोल्ड लगाये ही मानक विहीन कार्य शुरू कराया गया था। जो बीच में ही बंद कर दिया गया। जिससे आस-पास के ग्रामीणों सहित राहगीरों में भारी रोष व्याप्त है। महमूदाबाद के मोतीपुर चैराहे से पैंतेपुर होकर बाराबंकी जनपद की सीमा को जोड़ने वाला करीब 10 किमी लम्बा संपर्क मार्ग काफी समय से बेहद जर्जर हालत में था।

मार्ग में जगह-जगह गहरे गड्ढे हो गए थे। मार्ग की हालत इतनी खराब हो गई थी कि कई स्थानों पर बन चुके गहरे गड्ढों में थोड़ी सी बारिश होने पर तालाब की तरह पानी भर जाता था। पिछले दिनों हुई बारिश में जब सड़क में बने गड्ढों में पानी भर गया तो आसपास के कई गांवों के ग्रामीणों ने सड़क पर धान की रोपाई कर विरोध प्रदर्शन किया था। सड़क के बीचोबीच धान की रोपाई कर विरोध दर्ज कराए जाने की खबर को अखबारों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

खबर का संज्ञान लेकर क्षेत्रीय सांसद राजेश वर्मा व विधायक आशा मौर्या ने विभागीय उच्चाधिकारियों को समस्या समाधान के निर्देश दिए थे। सांसद सीतापुर के प्रयासों से उक्त मार्ग प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में सम्मिलित हो गया और 13 सितंबर 2022 से इसके चैड़ीकरण और उच्चीकरण का कार्य भी शुरू हो गया। करीब एक सप्ताह तक कार्य चलने के बाद ठेकेदार द्वारा पुनः रोक दिया गया। इस दौरान कार्यस्थल पर न ही कोई कार्य की लागत व अन्य विवरण का बोर्ड ही लगाया गया और न ही लेबल पिलर ही बनाये जा रहे हैं। मार्ग के दोनो ओर पड़ा बोल्डर आये दिन दुर्घटनाओं का सबब बनता जा रहा है, जिससे क्षेत्रवासियों सहित राहगीरों में काफी रोष है। इस प्रकार मानकों को ताक पर रखकर ठेकेदार द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्य को लेकर विभागीय अधिकाीरयों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।

मानकों की उडाई जा रही धज्जियां

करोड़ो की लागत से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बन रही सड़क निर्माण में मानकों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। 10 किमी लम्बी सड़क जिसकी चैड़ाई 3.7 मीटर थी को बढाकर 5.8 मीटर होनी है। बनी सड़क को चैड़ी करने के लिये दोनों ओर 2.1 मीटर चैड़ी 14 इंच गहरी खुदाई करके 28 प्रतिशत डस्ट मिश्रित बोल्डर के स्थान पर करीब 60 प्रतिशत डस्ट मिले बोल्डर का प्रयोग निर्माण कार्य में करने के साथ गहराई भी कम की गयी है।

सड़क निर्माण में हो रहा घटिया सामग्री का प्रयोग

काफी लम्बे समय के बाद शुरू हुये मोतीपुर चैराहे से पैंतेपुर होकर महरौली जाने वाले करोड़ों की लगात से बनने वाले करीब 10 किलोमीटर लम्बे मार्ग के निर्माण में मानक विहीन घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग विभागीय अधिकारियों की अनदेखी पर सवाल खड़े रहा है। सड़क चैड़ीकरण को लेकर मार्ग के दोनों ओर खोदी गयी नाली की गहराई भी मानक के विपरीत है। मानक के अनुरूप नाली की गहराई 14 इंच निर्धारित है जबकि ठेकेदार द्वारा एक फिट से कम की खुदाई कर मानक विहीन बोल्डर इसमें डाला जा रहा है।

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