26 बंदरों की हत्या में दो दबोचे, दीमक मारने की दवा बरामद

बंदरों द्वारा खेतों में किए गए नुकसान से क्षुब्ध होकर उठाया क़दम

भास्कर समाचार सेवा
हापुड़। थाना गढ़मुक्तेश्वर पुलिस ने 3 दिन पूर्व हुई 26 बंदरो की मौत की घटना का सफल अनावरण करते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने बंदरों द्वारा खेतों में किए गए नुकसान से क्षुब्ध होकर गुड़ में दीमक की दवा (फैराडोन) मिलाकर बंदरों की मौत की घटना कारित करना स्वीकार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक खाली पैकेट फैराडोन (दीमक मारने की दवा) बरामद किया है।
एएसपी मुकेश मिश्रा ने बताया कि गढ़मुक्तेश्वर थाना प्रभारी निरीक्षक सोमवीर सिंह ने मुखबिर की सूचना पर कपिल पुत्र चन्द्रकिरण चौहान व रोहताश उर्फ़ लाला पुत्र मेगराज चौहान निवासीगण गांव शाहपुर चौधरी, थाना गढ़मुक्तेश्वर जनपद हापुड़ को गिरफ़्तार किया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनकी 3-3 बीघा गन्ने की खेती गांव झड़ीना की तरफ़ जाने वाली नहर पटरी के पास स्थित है, जोकि बुवाई के तुरन्त बाद ही बंदरों ने गन्ना निकालकर खाकर बर्बाद कर दी थी और पिछले कई वर्षों से उनके द्वारा उनके खेतों में निरन्तर नुकसान किया जा रहा था। उनके भगाने पर बन्दर उन्हें काटने को दौड़ते थे। इसी बात से क्षुब्ध होकर उनके द्वारा 13 मई को खाद भण्डार मैडिकल स्टोर कस्बा गढ़मुक्तेश्वर से एक किलो फैराडोन दीमक की दवाई खरीदी थी और 14 मई को बांकेलाल की दुकान से दो किलो गुड खरीदा था। 15 मई को दोनों ने पकी टयूबवैल पर गुड में आधा किलो फैराडोन मिलाकर बंदरों को गुड खाने के लिये रख दिया था। इसके बाद उन्होंने सोचा था कि दीमक की दवाई से बन्दर बेहोश हो जायेगे तो डर के कारण उस इलाके को छोड़कर चले जायेगें। बता दें कि 15 मई को 26 बंदरों की मौत की सूचना जैसे ही पुलिस को मिली तो पुलिस बल वन विभाग व पशु चिकित्सकों की टीम के साथ मौके पर पहुँचा था। जिसके बाद बंदरों के शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। जहाँ बन्दर मृत पड़े मिले, वहाँ एक अख़बार के टुकड़े पर कुछ गुड़ रखा हुआ मिला था। जिससे यह प्रतीत हो रहा था कि गुड़ में कुछ ज़हरीली दवा मिलाकर दिया गया था। जिसके कारण बंदरों की मौत हुई है। पुलिस इसी संदेह पर अपनी जांच पड़ताल में जुटी थी।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें