ULIP के जरिए निवेश करते हैं तो अब उससे मिलने वाला रिटर्न भी हुआ टैक्‍सेबल, इनकम टैक्‍स विभाग ने दिया ये फॉर्मूला

अगर आप यूनिट लिंक्‍ड इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (ULIP) के जरिए निवेश करते हैं तो अब उससे मिलने वाला रिटर्न भी टैक्‍सेबल हो गया है। जी हां, इनकम टैक्‍स विभाग ने अधिक प्रीमियम वाली यूनिट आधारित बीमा योजना (यूलिप) से प्राप्त रकम को कर योग्य बना दिया है। इसका उद्देश्य इसे म्यूचुअल फंड की तरह बनाना है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 18 जनवरी को 2.5 लाख रुपये से ज्‍यादा के वार्षिक प्रीमियम वाले यूलिप के संबंध में कैपिटल गेन की गणना के तौर-तरीकों को लेकर नियमों को अधिसूचित किया। अगले दिन उसने एक परिपत्र जारी किया, जिसमें टैक्‍सेशन के विभिन्न पहलुओं को बताया गया था।

आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि बीते केंद्रीय बजट में यूलिप के संबंध में की गयी घोषणा को प्रभावी बनाने के लिए सीबीडीटी ने नियमों और दिशानिर्देशों को अधिसूचित किया है। उसने कहा कि यह कोई नया कराधान प्रावधान नहीं हैं, बल्कि केवल ख्‍खास मामलों में यूलिप को भुनाने के लिए पूंजीगत लाभ की गणना के तरीके को स्पष्ट करता है।

आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वर्ष 2021 के वित्त अधिनियम के जरिये आयकर अधिनियम की धारा 10(10डी) में संशोधन किया गया। इसके तहत एक फरवरी, 2021 या उसके बाद जारी उस यूलिप के तहत प्राप्त रकम को छूट नहीं दी जाएगी जिसमें किसी भी वर्ष के लिए देय वार्षिक प्रीमियम 2.50 लाख रुपये से अधिक है। उसने कहा कि यह प्रावधान म्यूचुअल फंड निवेश और यूलिप निवेश के बीच समान अवसर उपलब्ध करने के लिये लाया गया है।

अधिकारी के अनुसार, यह कदम तब उठाया गया जब यह पाया गया कि ULIP को बीमा की तुलना में निवेश उद्देश्यों के लिए निवेशक अधिक पसंद कर रहे हैं। उसने कहा कि म्यूचुअल फंड के मामले में इसको भुनाने पर पूंजीगत लाभ कर लगाया जाता है। हालांकि, यूलिप के मामले में ऐसा नहीं था। हालांकि, प्रीमियम का बीमा हिस्सा बहुत कम था और प्रीमियम का निवेश हिस्सा अधिक था। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि 2021 के वित्त अधिनियम में इस संशोधन ने ‘सुनिश्चित’ किया कि म्यूचुअल फंड यूनिट और यूलिप दोनों कर के मामले में समान हों।

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